वाराणसी में गंगा नदी का रौद्र रूप: नदियों का जलस्तर बढ़ने से गलियों तक पहुँचा पानी, घबराए लोग?
वाराणसी में गंगा नदी का रौद्र रूप

वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे स्थिति गंभीर होती जा रही है। बढ़ते जलस्तर के कारण नदी का बहाव बहुत तेज हो गया है। इस कारण से स्थानीय प्रशासन को दशाश्वमेध घाट पर होने वाली दैनिक आरती और पूजा अनुष्ठानों के स्थलों में बदलाव करना पड़ा है।

केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट

केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, गंगा का जलस्तर अब 68.84 मीटर तक पहुंच गया है। यह स्थिति इसलिए और भी चिंताजनक है क्योंकि गंगा का यह जलस्तर खतरे के निशान से केवल पांच मीटर ही कम है। अगर जलस्तर बढ़ने की यही गति बनी रहती है, तो अगले 72 घंटों में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है, जो कि वाराणसी में 73.901 मीटर है।

वरुणा और अस्सी का भी बढ़ा जलस्तर

गंगा की सहायक नदी वरुणा भी इस स्थिति से अछूती नहीं रही है। वरुणा का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है और नदी का पानी अब ऊपर आने लगा है। इसके अलावा, अस्सी नदी में भी गंगा का पानी उल्टी दिशा में बहने लगा है, जिससे यह स्पष्ट है कि स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

गंगा मे नावों का संचालन हुआ बंद

गंगा में नावों का संचालन भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, पंचगंगा घाट, शीतला घाट और अन्य घाटों पर जहां लोग स्नान करते हैं, वहां विशेष सावधानी बरती जा रही है। एनडीआरएफ, पीएससी फ्लड यूनिट और जल पुलिस की टीमें इन घाटों पर तैनात कर दी गई हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

तटीय क्षेत्रों मे रहने वाले लोग घबराए?

गंगा के किनारे बसे नगवां, अस्सी, सामनेघाट, कोटवा, सरैया, नक्खी घाट, डोमरी और कटेसर जैसे तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के मन में भय व्याप्त हो गया है। इन क्षेत्रों के लोग लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण चिंतित हैं, क्योंकि अगर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार करता है तो इन क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।

5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर

मंगलवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 68.84 मीटर दर्ज किया गया और यह 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। फिलहाल, गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से पांच मीटर नीचे है। हालांकि, अगर बारिश जारी रही और जलस्तर में बढ़ोतरी होती रही, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। इस स्थिति में प्रशासन और राहत एजेंसियों को चौकस रहना होगा और संभावित आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार रहना होगा।

अलर्ट मोड पर है प्रशासन?

जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है और अन्य राहत कार्यों की तैयारी पूरी कर ली गई है। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने सभी बाढ़ चौकियों का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है।