अब श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचना होगा और भी आसान: दशाश्वमेध प्लाज़ा के सामने अंतिम रोपवे बनने की है पूरी तैयारी? जानिए पूरी खबर
अब श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचना होगा और भी आसान

वाराणसी: देश की सबसे पहली अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना के सबसे अंतिम स्टेशन को लेकर एक बड़ा बदलाव हो रहा है। वाराणसी में मौजूद गोदौलिया चौराहे से करीब 20 मीटर पहले ही (गिरजाघर की तरफ) एक स्टेशन बनाया जाना संभव नहीं हैं। और ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर कंक्रीट का पिलर बनाने की कोई जगह ही नहीं है।

गोदौलिया से लगभग 200 मीटर आगे बन सकता है स्टेशन

वहां पर जमीन के नीचे कई बड़े नाले हैं, जिनसे छेड़छाड़ होने की वजह से शहर का पूरा सीवरेज सिस्टम ध्वस्त हो सकता है। वहां की सड़क बैठ भी सकती है। इसलिए ऐसी स्थिति में स्टेशन को गोदौलिया से लगभग 200 मीटर आगे दशाश्वमेध प्लाजा के सामने मौजूद सरकारी भूखंड पर अब बनाया जा सकता है।

आरती देखने वाले सभी यात्री सीधा रोपवे से पहुंचेंगे

वहीं पर मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने कार्यदायी एजेंसी NHHL (नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड) को एक नए सिरे से सर्वे रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इसके साथ उन्होंने तीन विकल्प भी सुझाए हैं। गोदौलिया पर स्टेशन अगर नहीं बनाया जा सकता है, इसलिए स्टेशन का निर्माण प्लाजा पर किया जाए। आरती देखने वाले सभी यात्री रोपवे से सीधे यहां पर पहुंच जाएंगे।

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर भी आसानी से पहुंच सकेंगे यात्री

इसके साथ ही भीड़ को व्यवस्थित करना तुलनात्मक रूप से काफी सरल होगा। वहीं गोदौलिया चौराहे का मूल स्वरूप भी नहीं बदलेगा। वहां के मंडलायुक्त ने गोदौलिया में स्थित मल्टीलेवल पार्किंग की बिल्डिंग में एक स्टेशन शिफ्ट करने का विकल्प भी उनको दिया है।
और इसके लिए वहां मौजूद बाइक पार्किंग वाले हिस्से का इस्तेमाल भी हो सकता है।

 तकनीकी कारणों की वजह से अगर ये दोनों विकल्प अमल में नहीं लाए जा सकते हैं तो फिर गिरजाघर को ही अंतिम पब्लिक स्टेशन के रूप में विकसित किया जाए। हालांकि फिलहाल कार्यदायी एजेंसी अभी किसी तरह का कोई बदलाव करने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने संभावित बदलावों को लेकर प्रस्ताव दिल्ली भेजा हुआ है और फिलहाल लिखित आदेश का इंतजार है। सुरक्षा के पहलू को भी ध्यान में रखना जरूरी है।

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