वाराणसी: वाराणसी में एक भयावह हत्याकांड के मामले में लगातार चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। पड़ोसियों का कहना है कि संपत्ति के लालच में राजेंद्र ने 28 साल पहले, 1996 में, अपने छोटे भाई कृष्णा और उसकी पत्नी मंजू की हत्या करवाई थी। जेल से बाहर आने के बाद, उसने 1999 में भदैनी में रहने वाली एक ब्राह्मण परिवार की किरायेदार नीतू से प्रेम विवाह किया था। नीतू के साथ विवाह के बाद राजेंद्र के परिजनों ने उससे अपना संबंध तोड़ लिया था।
एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या
वाराणसी के भदैनी में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गई। भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल से मंगलवार को एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला। सभी को कनपटी और सीने में गोली मारी गई थी। वहीं, घटनास्थल से करीब 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर में एक निर्माणाधीन मकान में महिला के पति राजेंद्र का अर्धनग्न शव बेड पर मिला।
अलग-अलग मंजिलों पर मिले शव
मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे, घर की सफाई के लिए आई घरेलू सहायिका रीता देवी ने प्रथम तल के फ्लैट पर दरवाजा खटखटाया, परंतु अंदर से कोई आवाज नहीं आई। धक्का देने पर दरवाजा खुल गया, और अंदर जाकर रीता ने देखा कि नीतू खून से लथपथ फर्श पर पड़ी थी। वह घबराकर तुरंत दूसरे तल पर स्थित फ्लैट में पहुंची, जहां नवेंद्र खून से सना फर्श पर पड़ा था और गौरांगी एक कोने में मृत पाई गई। सुबेंद्र का शव बाथरूम में मिला। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और पाया कि राजेंद्र घर पर नहीं था। उसके मोबाइल की लोकेशन सर्विलांस से ट्रैक की गई, जिससे पता चला कि वह मीरापुर रामपुर गांव में था। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान के एक कमरे में मच्छरदानी लगे बिस्तर पर राजेंद्र अर्धमूर्छित अवस्था में पाया गया।
32 बोर की पिस्टल का हुआ इस्तेमाल
दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस का दावा है कि पांचों लोगों की हत्या 32 बोर की पिस्टल से की गई है। पुलिस पुराने विवादों और घटनाओं के आधार पर भी मामले की जांच कर रही है। मृतक राजेंद्र पर उसके पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी तथा एक चौकीदार की हत्या का भी आरोप था। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की भी जांच की जा रही है।
डॉग स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम ने जुटाए साक्ष्य
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल, डीएम एस राजलिंगम, ज्वाइंट सीपी डॉ. के एजिलरसन, एडिशनल सीपी डॉ. एस चनप्पा और डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल भी मौके पर पहुंचे। डॉग स्क्वॉड और फोरेंसिक टीम की मदद से जांच की गई। घटनास्थल से खून, बाल सहित अन्य साक्ष्यों के नमूने जुटाए गए, जिनमें फिंगरप्रिंट और अन्य साक्ष्य भी शामिल हैं।
राजेंद्र ने की थी दो शादी
पुलिस के अनुसार, राजेंद्र गुप्ता ने दो विवाह किए थे। हाल के दिनों में उसकी नजदीकी एक अन्य महिला से भी बढ़ रही थी। राजेंद्र की पहली पत्नी अपने बेटे के साथ कई वर्षों से पश्चिम बंगाल के आसनसोल में रह रही है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस सीसीटीवी फुटेज, सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से मामले की गहराई से जांच कर रही है।
पांच मंजिला मकान में रहता था राजेंद्र गुप्ता
राजेंद्र गुप्ता का पांच मंजिला मकान भदैनी पावर हाउस के सामने एक गली में स्थित है। इस मकान में भूतल और चार मंजिले शामिल हैं। मकान के अगले हिस्से में प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल पर राजेंद्र का एक-एक फ्लैट है, जबकि अन्य फ्लैट और उसके पास बने टिनशेड में 40 किरायेदार रहते हैं। इस घर में राजेंद्र के साथ उसकी मां शारदा देवी, पत्नी नीतू, बेटा नवेंद्र (24), दूसरा बेटा सुबेंद्र (15), और बेटी गौरांगी (17) भी रहते थे।
हर माह 10 लाख से ज्यादा की थी आमदनी
राजेंद्र को अपने बाबा और पिता की वजह से भदैनी में आलीशान मकान और जमीनें मिली थीं। शिवाला में उसकी जमीन पर देसी शराब का ठेका भी है, और मकान में किरायेदार भी रहते हैं। मीरापुर रामपुर गांव में वह मकान बनवा रहा था। इसके अलावा उसने छित्तूपुर सहित अन्य जगहों पर भी जमीनें खरीदी थीं। उसके करीबी लोगों के अनुसार, भदैनी और शिवाला के किरायेदारों तथा शराब ठेका संचालक से राजेंद्र को प्रति माह 10 लाख रुपये से अधिक की आय होती थी।
28 साल पहले राजेंद्र ने की थी अपने भाई की हत्या
पड़ोसियों के अनुसार, संपत्ति के लालच में राजेंद्र ने 28 साल पहले, 1996 में, अपने छोटे भाई कृष्णा और उसकी पत्नी मंजू की हत्या भाड़े के शूटरों से कराई थी। 1997 में, उस पर उसके पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता और उनके एक चौकीदार की हत्या का भी आरोप लगा था। हालांकि, राजेंद्र की मां शारदा देवी इस मामले की वादी थीं और उनके प्रभाव के चलते राजेंद्र जेल से बाहर आ गया। कृष्णा और मंजू की हत्या का मामला भी रफा-दफा हो गया। जेल से बाहर आने के बाद राजेंद्र ने अपने किरायेदार नीतू से प्रेम विवाह किया था, जिससे उसके परिवार ने नाता तोड़ लिया था। राजेंद्र के बाबा पन्ना साव अपने समय के संपन्न लोगों में गिने जाते थे और भदैनी में उन्होंने 150 रिक्शा किराये पर चलवाकर बड़ी संपत्ति बनाई थी।
पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई
एसओजी के साथ भेलूपुर और रोहनिया थाने की पुलिस मामले के खुलासे के लिए जांच में जुटी है। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि घटना के हर तथ्य को ध्यान में रखकर जल्द ही किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने की उम्मीद है। जो भी साक्ष्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।