परवेज़ मुशर्रफ़ की सम्पत्ति को नीलाम करेगी योगी सरकार: यूपी के बागपत में है करोड़ों की सम्पत्ति, जानें पूरी खबर विस्तार से…
परवेज़ मुशर्रफ़ की सम्पत्ति को नीलाम करेगी योगी सरकार

एक बार फिर से पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का काफी चर्चाओं में है। इसकी मुख्य वजह यह है कि पूर्व राष्ट्रपति के स्वजन के नाम पर दर्ज शत्रु संपत्ति को उत्तर प्रदेश के बागपत के कोताना गांव में नीलाम किया जाएगा। आपको बता दें कि यह गांव पूर्व राष्ट्रपति का सिर्फ ननिहाल ही नहीं बल्कि ददिहाल भी रहा है।

जानते हैं कि आखिर क्या कहना है प्रशासन का:

दरअसल प्रशासन का यह कहना है कि शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज लगभग 2 हेक्टेयर भूमि कोताना के नुरू की थी, जो वर्ष 1965 में पाकिस्तान को चले गए थे। इसी जमीन काे जल्द ही नीलाम किया जाएगा। 

वहीं कोताना के ग्रामीणों के द्वारा यह बताया गया है कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का ददिहाल तथा ननिहाल भी कोताना गांव का ही है। बता दें कि उनकी मां का नाम बेगम जरीन तथा पिता का नाम मुशर्रफुद्दीन था। 

शादी के बाद साल 1943 में दोनों ही परिवार गांव से चले गए थे। वहीं परवेज मुशर्रफ का जन्म तो दिल्ली में हुआ था। हालांकि परवेज मुशर्रफ अपने गांव में कभी नहीं आए। देश के बंटवारे के समय उनका परिवार साल 1947 में पाकिस्तान जाकर बस गया था।

पाकिस्तान बनने के पश्चात 18 साल यहां रहे स्वजन:

बता दें कि कोताना ग्रामीणों का यह कहना है कि परवेज मुशर्रफ के स्वजन नूरू भी थे। जो पाकिस्तान बनने के पश्चात भी करीब 18 साल तक कोताना गांव में ही रहे। जिसके बाद वह सभी साल 1965 में पाकिस्तान चले गए थे। 

वहीं उनके नाम गांव में 2 हेक्टेयर की भूमि है, जिसे साल 2010 में शत्रु संपत्ति के रूप में घोषित कर दिया गया था। जिनकी नीलामी प्रक्रिया 5 सितंबर को होगी। इसकी ही प्रक्रिया चल रही है।

2 हेक्टेयर जमीन दर्ज है शत्रु संपत्ति के रूप में:

दरअसल काेताना गांव में शत्रु संपत्ति के कुल 8 प्लाट हैं। जिनका क्षेऋफल 2 हेक्टेयर है। इसे साल 2010 में शत्रु संपत्ति के रूप में घोषित किया गया था। वहीं यह भूमि राजस्व अभिलेखों में नूरू नामक व्यक्ति के नाम पर दर्ज है, जो कोताना गांव का ही रहने वाला था तथा साल 1965 में पाकिस्तान को चला गया था। 

वहीं ADM वित्त पंकज वर्मा ने बताया है कि परवेज़ मुशर्रफ के नाम पर राजस्व रिकॉर्ड में कोई भी जमीन हमारे यहां पर दर्ज नहीं है। इसलिए नूरू के नाम की ही शत्रु संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया आने वाली 5 सितंबर को होगी। 

आइए जानते है कि आखिर क्या होती है शत्रु संपत्ति:

दरअसल जिन लोगों के द्वारा भारत की नागरिकता छोड़कर चीन या पाकिस्तान की नागरिकता हासिल कर ली गई है, तो उनके द्वारा अपने पीछे छोड़ी गई संपत्तियों को ही “शत्रु संपत्ति यानि Enemy Property ” के रूप में जाना जाता है। 

बता दें कि शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के अंतर्गत ही ऐसी सभी संपत्तियों को नियंत्रित किया जाता है। दरअसल शत्रु सम्पत्ति अधिनियम,1968 भारतीय संसद के द्वारा पारित एक अधिनियम है, जिसके अनुसार शत्रु सम्पत्ति पर पूरा अधिकार भारत सरकार का होगा। वहीं अधिनियम गृह मंत्रालय के द्वारा लागू किया जाता है।

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