उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा सौर ऊर्जा तथा बायो एनर्जी पर अपना विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए कई महत्वपूर्ण तथा महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का निर्धारण किया गया है। इन सभी प्रयासों का मुख्य उद्देश्य न सिर्फ उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग एवं जरूरतों को शत प्रतिशत पूरा करना है, बल्कि प्रदेश को 1 ट्रिलियन डालर (1T$) की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए भी एक बेहद मजबूत आधार तैयार करना भी इसका मुख्य उद्देश्य है।
25 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का रखा गया लक्ष्य:
आपको बता दें कि सौर ऊर्जा के मामले में उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनने की इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा पीएम सूर्यघर योजना के अन्तर्गत अगले ढाई से 3 वर्षों में कुल 25 लाख घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है।
48 हजार से अधिक घरों में लगाए जा चुके हैं सोलर पैनल:
बता दें कि अब तक प्रदेश में करीब 48 हजार से भी अधिक घरों पर योजना के अन्तर्गत सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं तथा चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक करीब 30 हजार अन्य घरों को भी सौर ऊर्जा का लाभ मिल चुका होगा।
वहीं इस योजना का मुख्य उद्देश्य न सिर्फ उत्तर प्रदेश में ऊर्जा आपूर्ति को सशक्त करना है, बल्कि बिजली के बिलों में कमी लाते हुए लोगों के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहित करना मुख्य उद्देश्य है।
किसानों को मिलेगा अतिरिक्त आय का स्रोत:
दरअसल इसी प्रकार पीएम कुसुम योजना के अन्तर्गत साल 2027 तक करीब 2000 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जिससे प्रदेश के किसानों को उनकी बंजर भूमि पर योजना के तहत सोलर पैनल लगाने के साथ साथ अतिरिक्त आय का भी एक स्रोत प्राप्त हो सकेगा।
इसके अतिरिक्त राज्य सरकार सौर परियोजनाओं को लगातार बढ़ावा देने के लिए भी कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर कार्य कर रही है। इसमें तकरीबन 4800 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्कों का भी निर्माण करना शामिल है, जिनकी टेंडरिंग प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है।
साल 2027 तक सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 14,000 मेगावाट तक पहुंचाना है लक्ष्य:
इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश में कुल 7 जलाशयों में फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट्स की भी स्थापना की योजना बनाई गई है, जिसे NTPC यानि नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन, THDC यानि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन तथा SJVM यानि सतलज जल विद्युत निगम के साथ मिलकर पूरा किया जाएगा। आपको बता दें कि सरकार का लक्ष्य साल 2027 तक प्रदेश की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को करीब 14,000 मेगावाट तक पहुंचाना है।
जैव ऊर्जा समेत पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत कर रही है सरकार:
वहीं प्रदेश सरकार के द्वारा अगले 2 वर्ष में बायो कंप्रेस्ड गैस की क्षमता को भी 1000 TPD, बायो कोल की क्षमता को करीब 4000 TPD तथा बायो डीजल की क्षमता को भी तकरीबन 2000 किलो लीटर प्रति दिन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। बता दें कि बायो कंप्रेस्ड गैस के 210 TPD की क्षमता वाले संयंत्र तो पहले से ही क्रियाशील हैं।
प्रदूषण में कमी के साथ रोजगार में होगी वृद्धि:
आपको बता दें कि इस पहल से उत्तर प्रदेश में प्रदूषण स्तर में कमी आएगी तो साथ ही रोजगार की भी नई संभावनाएं बढ़ेंगी। इसके साथ साथ भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को भी पूरा करने के लिए योगी सरकार के द्वारा बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को अधिक मजबूत बनाने का निर्णय लिया गया है।
दरअसल अगले 10 सालों के दौरान होने वाले सभी नए उद्योगों की स्थापना को अपने ध्यान में रखते हुए ही आधुनिक ऊर्जा संयंत्रों को स्थापित किए जाने तथा पुराने संयंत्रों का उन्नयन किया जाने वाला पूरा खाका योगी सरकार के द्वारा पहले ही खींचा जा चुका है।