बीजेपी पार्टी ने यूपी में होने वाले विधानसभा उप चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। बीजेपी ने गुरुवार को अपनी एक लिस्ट जारी की, जिसमें उन्होंने कुल सात सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा है। जिसमें कुंदरकी से रामवीर सिंह ठाकुर, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, खैर से सुरेंद्र दिलेर को टिकट दिया गया है। और इसके साथ ही बीजेपी ने कानपुर की सीसामऊ सीट पर फिलहाल कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया है और साथ ही मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट सहयोगी रालोद के लिए छोड़ी है।
कुल 7 सीटों पर उम्मीदवारों की करी है घोषणा
इसके साथ ही आपको बता दें कि, कानपुर की सीसीमऊ, प्रयागराज की फूलपुर, मैनपुरी की करहल, मिर्जापुर की मझवां, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी के साथ साथ गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुरादाबाद की कुंदरकी और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीटों पर उपचुनाव होना है। जिसपर बीजेपी ने अभी सात सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है।
करहल सीट से अनुजेश यादव को मिलेगा टिकट
मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट को सपा का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है। और इस सीट पर साल 2022 में अखिलेश यादव ने भाजपा के एक प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल को हराया था। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कन्नौज से सांसद बनने के बाद अखिलेश यादव ने इस सीट से अपना इस्तीफा दिया था। जिसके बाद अब उपचुनाव के लिए सपा पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को यहां से प्रत्याशी घोषित किया है। तेज प्रताप मुलायम सिंह यादव के भाई के पौत्र और साथ ही लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं। और अब बीजेपी ने इस सीट पर अनुजेश यादव को टिकट दिया है।
खैर सीट पर सुरेंद्र दिलेर को टिकट
वहीं पर अलीगढ़ की खैर सीट एक जाट बाहुल्य सीट है। और इस सीट पर रालोद के मुखिया जयंत चौधरी का भी काफी प्रभाव है। उनके बाबा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के वक्त से ही यह क्षेत्र परिवार से जुड़ा हुआ है। साल 2022 में भाजपा के प्रत्याशी अनूप प्रधान ने लगातार दूसरी बार अपनी जीत हासिल की थी। और इसके बाद लोकसभा चुनाव में वे हाथरस से जीते। उनके सांसद बनने के चलते फिलहाल खैर विधानसभा सीट रिक्त है। इसलिए बीजेपी ने इस सीट पर सुरेंद्र दिलेर को अब मैदान में उतारा है।
कुंदरकी सीट पर रामवीर सिंह ठाकुर होंगे उम्मीदवार
इसके साथ ही मुस्लिम बाहुल्य कुंदरकी विधानसभा सीट भाजपा पार्टी के लिए एक चुनौती बनी हुई है। 2022 में चुने गए सपा के विधायक जियाउर्रहमान बर्क के संभल से सांसद बन जाने के बाद इस रिक्त सीट पर अभी किसी पार्टी ने अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की थी। बता दें कि क्षेत्र में कुल 63 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता है। हालांकि हाल ही में हुए एक सर्वे में लगभग 22 हजार फर्जी मतदाताओं के नाम कटे हैं। और इनमें से 15 हजार से अधिक मतदाता सपा के समर्थक बताए गए हैं। अब बीजेपी ने इस सीट पर अपने उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है।
मझवां सीट से सुचिस्मिता मौर्य को मिला टिकट
वहीं मीरजापुर की मझवां विधानसभा सीट कई सारे दिग्गजों का अखाड़ा रह चुकी है। साल 2022 में निषाद पार्टी के टिकट पर भाजपा गठबंधन के साथ डा. विनोद बिंद ने यहां से चुनाव जीता था। और अब साल 2024 में भाजपा के टिकट पर डा. विनोद बिंद के भदोही से सांसद चुन लिए जाने के बाद यह सीट अब खाली हुई है। मंझवा सीट पर से वर्ष 2002, 2007, 2012 के अंदर लगातार तीन बार बसपा से चुनाव जीत चुके रमेश बिंद ने सपा पार्टी में शामिल हो जाने के बाद अपनी बेटी डा. ज्योति बिंद को अब पहली बार चुनावी मैदान में उतारा है।
रमेश बिंद ने साल 2019 में बीजेपी पार्टी के टिकट पर भदोही से लोकसभा का चुनाव जीता था, हालांकि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर वो सपा में शामिल हो गए थे। उसके बाद अब बीजेपी ने इस सीट पर सुचिस्मिता मौर्य को टिकट दिया है।
कटेहरी विधानसभा सीट पर धर्मराज निषाद को टिकट
साथ ही इसके अंबेडकरनगर की कटेहरी विधानसभा सीट पर साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा पार्टी ने अपनी जीत दर्ज की थी। बसपा पार्टी को छोड़कर आए लालजी वर्मा सपा से विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके बाद सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने विधानसभा से अपना इस्तीफा दिया था। और अब उपचुनाव के लिए सपा ने लालजी वर्मा की पत्नी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शोभावती वर्मा को यहां से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं बसपा ने भी अमित वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। और कटेहरी सीट पर बीजेपी ने धर्मराज निषाद को यहां से मैदान में उतारा है।
फूलपुर सीट से मैदान में उतरेंगे दीपक पटेल
इसका अलावा प्रयागराज में फूलपुर की विधानसभा सीट का उप चुनाव प्रवीण पटेल के सांसद बन जाने के बाद इस्तीफे की वजह से दोबारा हो रहा है। वह साल 2022 में इस क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी के रूप में यहां से जीते थे। और बीते विधानसभा चुनाव में मुज्तबा सिद्दीकी को उन्होंने कुल 2,732 वोटों के अंतर से हराया था, इसके बाद वह फिर समाजवादी पार्टी से उम्मीदवार हैं। सपा को अपने पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक वोटरों पर भरोसा है। अब यह सीट भाजपा के लिए उनकी नाक की सीट बनी हुई है। इसलिए बीजेपी ने इस सीट पर दीपक पटेल को टिकट दिया है।
गाजियाबाद सीट से संजीव शर्मा होंगे सामने
वहीं दिल्ली से लगे हुए गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2022 में विधायक चुने जाने वाले अतुल गर्ग को भाजपा ने लोकसभा चुनाव में केंद्रीय राज्यमंत्री और साथ ही पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह का टिकट काटकर अपना प्रत्याशी बनाया था और वह इस सीट पर विजयी भी हुए। सांसद चुन लिए जाने के बाद उन्होंने विधानसभा सदस्य पद से अपना इस्तीफा दे दिया। लगातार तीसरी बार इस सीट पर अपनी जीत हासिल करने के लिए भाजपा नेता अपनी पूरी की पूरी ताकत झोंके हुए हैं। हालांकि, यहां पर पार्टी की गुटबाजी एक बड़ी समस्या है। अब बीजेपी ने इस सीट पर संजीव शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है।