बहराइच: जिले के महसी तहसील क्षेत्र में 14 दिनों की शांति के बाद एक बार फिर से भेड़ियों की सक्रियता देखने को मिली है, जिससे स्थानीय लोगों के बीच दहशत का माहौल है। गुरुवार रात हरदी थाना क्षेत्र के दो अलग-अलग गांवों में भेड़िये ने दो मासूम बच्चों पर जानलेवा हमला किया, जिससे दोनों बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। इन घटनाओं के बाद, वन विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सर्च ऑपरेशन को तेज कर दिया है, ताकि भेड़ियों को पकड़कर उनके आतंक को खत्म किया जा सके।
पहला हमला
हरदी थाना क्षेत्र के रमवापुर खुर्द गांव के आयुष (6) अपनी मां फूलमती के साथ अपने ननिहाल घूमनी गांव आया हुआ था। गुरुवार रात को जब फूलमती अपने बेटे के साथ सो रही थी, तभी अचानक एक जंगली जानवर उनके पास आया और आयुष को खींचने की कोशिश की। फूलमती की नींद खुलते ही उसने जानवर से बेटे को बचाने के लिए जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया, जिसके बाद आसपास के लोग भी जाग गए और जानवर वहां से भाग गया। ग्रामीणों ने बताया कि वह जानवर भेड़िया था, जिसने बच्चे पर हमला किया था। आयुष गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां से हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।
दूसरा हमला
इसी रात, नकहा गांव में पांच साल की ममता (5) भी अपने घर में सो रही थी, जब रात करीब तीन बजे भेड़िये ने उस पर हमला कर दिया। ममता अपनी बहन के साथ सोई हुई थी, और जैसे ही भेड़िये ने उस पर हमला किया, उसके परिवार ने शोर मचाया। शोर सुनते ही भेड़िया वहां से भाग गया। ममता भी गंभीर रूप से घायल हो गई, और उसे भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों बच्चों की हालत नाजुक बनी हुई है, और उनका इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
पिछले दो महीनों से भेड़ियों ने मचा रखा है आतंक
पिछले दो महीनों से सरयू नदी की कछार में स्थित करीब 50 गांवों में भेड़ियों का आतंक बना हुआ है। अब तक भेड़ियों के हमलों में 10 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 8 बच्चे और 2 महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा, 54 लोग भेड़ियों के हमलों में घायल हुए हैं। इन घटनाओं ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है, और लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डर महसूस कर रहे हैं। वन विभाग ने अब तक पांच भेड़ियों को पकड़ लिया है, जिनमें से दो को गोरखपुर और दो को लखनऊ चिड़ियाघर भेजा गया है। एक भेड़िया की मौत हो गई थी।
हालांकि, एक भेड़िया अब भी सक्रिय है, जिसे क्षेत्र के लोग "लंगड़ा भेड़िया" कह रहे हैं। इसे कुछ दिन पहले वन विभाग के ड्रोन कैमरे में कैद भी किया गया था। वन विभाग का कहना है कि इस भेड़िये को पकड़ने के लिए अभियान जारी है, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि महसी क्षेत्र में एक से अधिक भेड़िये हो सकते हैं।
इलाके मे है डर का माहौल
गुरुवार रात को हुए इन हमलों के बाद महसी तहसील क्षेत्र के लोगों में एक बार फिर से डर का माहौल पैदा हो गया है। पिछले दो सप्ताह से कोई भेड़िया हमला नहीं हुआ था, जिससे लोग धीरे-धीरे सामान्य जीवन जीने लगे थे। हालांकि, इन दो मासूम बच्चों पर हुए हमले के बाद लोगों में फिर से भेड़िये का खौफ बढ़ गया है। गांवों के लोग अब रात में घरों से बाहर निकलने से कतराने लगे हैं और अपने बच्चों को भी बाहर अकेला छोड़ने से डरते हैं।
वन विभाग की प्रतिक्रिया
वन क्षेत्राधिकारी महसी, मोहम्मद साकिब, ने बताया कि गुरुवार रात को हुई घटनाओं की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। हालांकि, वहां जो पगचिह्न मिले, वे स्पष्ट नहीं थे, इसलिए यह पक्का नहीं किया जा सका कि हमला भेड़िये ने किया या किसी अन्य जंगली जानवर ने। फिर भी, वन विभाग की टीमों ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है और इलाके में भेड़िये को पकड़ने के लिए ड्रोन और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
बिजली आपूर्ति की कमी से भेड़ियों को हमला करने का मिलता है मौका
इन हमलों का एक अन्य कारण बिजली की आपूर्ति का न होना भी बताया जा रहा है। गुरुवार की रात से तेज हवाओं के कारण महसी क्षेत्र की बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई थी, जिसके चलते भेड़िये को अंधेरे का फायदा उठाकर हमला करने का मौका मिला। प्रभावित 50 गांवों में रात के समय बिजली नहीं होने से स्थिति और भी गंभीर हो गई। महसी क्षेत्र के लगभग 200 गांवों की दो लाख की आबादी बिजली की सप्लाई के बिना परेशान हो रही है।
डीएफओ बहराइच का बयान
बहराइच के डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने कहा कि गुरुवार रात हुए हमलों के बाद भी यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि हमलावर जानवर भेड़िया था। उन्होंने कहा कि यह सियार या कुत्ते का हमला भी हो सकता है, और वन विभाग इस पर अपनी जांच कर रहा है। डीएफओ ने यह भी बताया कि वन विभाग की टीमें इलाके में लगातार गश्त कर रही हैं और जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण पा लिया जाएगा।
भेड़ियों का आतंक बना गंभीर खतरा
महसी तहसील क्षेत्र में भेड़ियों का आतंक लोगों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। भले ही वन विभाग ने कई भेड़ियों को पकड़ लिया हो, लेकिन अब भी इलाके में डर बना हुआ है। सर्च ऑपरेशन जारी है, और उम्मीद है कि भेड़ियों को जल्द ही पकड़ा जाएगा ताकि लोगों को इस खौफ से राहत मिल सके।