यूपी के हर कोने में टाटा की छाप: श्रावस्ती से नोएडा तक फैला साम्राज्य, करीब एक लाख करोड़ का किया निवेश?
यूपी के हर कोने में टाटा की छाप

रतन टाटा ने उत्तर प्रदेश में कई क्षेत्रों में व्यापक निवेश करके राज्य में एक मजबूत उपस्थिति दर्ज की है, जो उनके दीर्घकालिक दृष्टिकोण और सामाजिक-आर्थिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। टाटा समूह की व्यावसायिक गतिविधियाँ न केवल नोएडा जैसे प्रमुख शहरी केंद्रों तक सीमित हैं, बल्कि यह श्रावस्ती, बहराइच और शाहजहांपुर जैसे दूरदराज के इलाकों तक भी फैली हुई हैं, जहां टाटा समूह ने विभिन्न परियोजनाओं और रोजगार सृजन के माध्यम से अपने कदम बढ़ाए हैं। टाटा समूह राज्य में 60,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान कर रहा है और कुल मिलाकर 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य को हासिल करने की ओर बढ़ रहा है। यह निवेश राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ उद्योग, ऊर्जा, शिक्षा और आवास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में योगदान कर रहा है।

यूपी में टाटा समूह के प्रमुख निवेश:

1-टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस): टीसीएस, जो टाटा समूह की आईटी सेवा कंपनी है, यूपी के तीन प्रमुख शहरों—नोएडा, लखनऊ और वाराणसी में अपने कार्यालयों का संचालन करती है। इन कार्यालयों में लगभग 17,000 लोग कार्यरत हैं, जो आईटी उद्योग में अपने कौशल का उपयोग कर राज्य के युवाओं के लिए रोजगार और करियर के अवसर प्रदान कर रहे हैं। टीसीएस ने नोएडा में 2300 करोड़ रुपये के निवेश से एक अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर विकास केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। इस केंद्र का लगभग 20% निर्माण पूरा हो चुका है और यह परियोजना आने वाले समय में राज्य में उच्च तकनीकी विकास को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण घटक साबित होगी।


2-टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (टीपीआरईएल): यूपी के शाहजहांपुर और बरेली जिलों में टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (टीपीआरईएल) ने 100 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित की हैं। यह पहल राज्य को स्वच्छ और हरित ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अक्टूबर 2018 में, यूपीनेडा (उत्तर प्रदेश नई और नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी) ने टाटा पावर के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए, जो राज्य के ऊर्जा उत्पादन और आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। शाहजहांपुर में परियोजना पहले ही शुरू हो चुकी है, जबकि बरेली की परियोजना को प्रयागराज में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां यह 2021 के अंत में चालू हो गई।


3-टाटा मोटर्स लिमिटेड, लखनऊ: टाटा मोटर्स का लखनऊ में स्थित प्लांट राज्य में एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है। यह प्लांट मुख्य रूप से अत्याधुनिक बसों के डिजाइन और निर्माण में विशेषज्ञता रखता है, जिनमें लो-फ्लोर, सेमी-लो-फ्लोर, हाई डेक और सीएनजी बसें शामिल हैं। यह प्लांट राज्य की परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ-साथ देशभर में सुरक्षित और आधुनिक सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में योगदान दे रहा है। यह संयंत्र 1992 में स्थापित किया गया था और तब से यह परिवहन उद्योग में नवाचार और गुणवत्ता में लगातार सुधार कर रहा है।


4-टाटा पावर थर्मल पावर प्लांट, प्रयागराज: टाटा पावर की सहायक कंपनी रेनैसेंट पावर के स्वामित्व वाला कोयला आधारित सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट प्रयागराज जिले के बारा तहसील में स्थित है। यह प्लांट राज्य की ऊर्जा आपूर्ति को स्थिर और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कोयला आधारित पावर प्लांट उच्च दक्षता और ऊर्जा उत्पादन क्षमता के लिए जाना जाता है, जो उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक साबित हो रहा है।


5-भारतीय होटल कंपनी (आईएचसीएल): आईएचसीएल (टाज होटल समूह) उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों—आगरा, लखनऊ और वाराणसी में उच्च गुणवत्ता वाले होटल संचालित करता है। ये होटल राज्य के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए उच्च स्तरीय सेवाएँ प्रदान करते हैं। आगरा में ताजमहल के पास स्थित होटल विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं, जबकि लखनऊ और वाराणसी के होटल व्यापार यात्रियों और स्थानीय ग्राहकों के लिए उत्कृष्ट सेवाएँ प्रदान करते हैं।


6-टाटा यूरेका पार्क, नोएडा: नोएडा के सेक्टर 150 में स्थित टाटा यूरेका पार्क एक प्रमुख आवासीय परियोजना है। यह परियोजना लैंड कार्ट बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित की जा रही है, जिसमें टाटा वैल्यू होम्स लिमिटेड और लोटस ग्रीन्स कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल हैं। यह आधुनिक आवासीय परियोजना, अत्याधुनिक सुविधाओं और हरित परिवेश के साथ, नोएडा के तेजी से बढ़ते शहरीकरण का एक हिस्सा है।


डिफेंस कॉरिडोर में टाटा की भूमिका:

टाटा टेक्नोलॉजीज ने उत्तर प्रदेश के झांसी नोड में कॉमन फैसिलिटी सेंटर स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक एमओयू (सहमति पत्र) पर हस्ताक्षर किया है। इस डिफेंस कॉरिडोर में टाटा समूह का एक महत्वपूर्ण योगदान है, जो भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं को मजबूत करेगा। इसके अलावा, टाटा पावर रिन्यूएबल माइक्रोग्रिड (टीपीआरईएल) ने बहराइच, बलरामपुर, गोंडा और श्रावस्ती जिलों के विभिन्न गांवों में 525 करोड़ रुपये के निवेश के साथ माइक्रोग्रिड संयंत्रों की स्थापना के लिए भी समझौता किया है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों को स्थायी और स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति करना है।

कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र में टाटा का योगदान

टाटा टेक्नोलॉजीज ने उत्तर प्रदेश में युवाओं के कौशल विकास के लिए एक बड़ी पहल के तहत 150 सरकारी आईटीआई केंद्रों को उन्नत करने का बीड़ा उठाया है। यह परियोजना पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत संचालित हो रही है, जिसमें 4,174 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस परियोजना के तहत, आईटीआई केंद्रों में उन्नत औद्योगिक मशीनरी, तकनीकी उपकरण और अन्य आवश्यक सुविधाओं को स्थापित किया जा रहा है, जिससे राज्य के युवाओं को आधुनिक उद्योगों की जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।रतन टाटा और उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने उत्तर प्रदेश में केवल व्यवसायिक उपस्थिति स्थापित नहीं की है, बल्कि राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके निवेशों ने न केवल हजारों लोगों को रोजगार दिया है, बल्कि राज्य के उद्योग, ऊर्जा, शिक्षा, पर्यटन और आवास क्षेत्रों में भी भारी योगदान दिया है। इन परियोजनाओं से राज्य की आर्थिक वृद्धि और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे उत्तर प्रदेश एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और आर्थिक हब के रूप में उभर रहा है।

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