UP में अगले 6 महीने तक हड़ताल पर रोक: योगी सरकार ने लागू किया ESMA, उल्लंघन करने पर होगी 6 महीने की जेल! आखिर क्यों किया गया लागू जानें मुख्य वजह...
UP में अगले 6 महीने तक हड़ताल पर रोक

उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों तथा अधिकारियों के लिए योगी सरकार के द्वार एक बड़ा आदेश जारी किया गया है। दरअसल योगी सरकार के द्वारा आगामी 6 महीने तक प्रदेश में हड़ताल पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। बता दें कि मुख्य रूप से यह फैसला बिजली विभाग के कर्मचारियों के द्वारा 7 दिसंबर की तारीख से घोषित हड़ताल के मद्देनज़र ही लिया गया है।

सरकार के द्वारा एसेंशियल सर्विसेस मेंटनेंस एक्ट का किया गया उपयोग:

आपको बता दें कि सरकार के द्वारा “एसेंशियल सर्विसेस मेंटनेंस एक्ट” का उपयोग करते हुए ही अधिकारियों व कर्मचारियों की इस रोक को लागू किया गया है। अब यह कानून राज्य सरकार से जुड़ी सभी सेवाओं समेत निगमों तथा कॉरपोरेशन में कार्यरत सभी कर्मचारियों पर लागू होगा। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सरकार के द्वारा यह निर्णय जनहित को ध्यान में रखते हुए ही लिया गया है।

बिजली विभाग के द्वारा हड़ताल के ऐलान के पश्चात लिया गया निर्णय:

दरअसल बिजली विभाग के कर्मचारियों के द्वारा पूर्वांचल तथा दक्षिणांचल वितरण निगमों को PPP यानि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर चलाने का विरोध किया जा रहा था,जिसके लिए 7 दिसंबर से एक हड़ताल पर जाने की घोषणा की गई थी।वहीं पावर कॉरपोरेशन को भी कर्मचारियों के द्वारा किए जाने वाली इस हड़ताल की पहले से ही आशंका थी। इसी के चलते हु पावर कॉरपोरेशन के द्वारा शासन के उच्च अधिकारियों को पूरी स्थिति की जानकारी दी गई थी।तत्पश्चात इस पूरी स्थिति को सरकार के द्वारा समय रहते ही संभालने के लिए ही ESMA लागू कर दिया गया है।. इसके अंतर्गत अब संविदा कर्मचारी भी कोई हड़ताल नहीं कर सकेंगे।

सख्त निगरानी के भी दिए गए आदेश:

आपको बता दें कि पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल के द्वारा इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों तथा मंडलायुक्तों समेत पुलिस कमिश्नरों एवं कप्तानों को भी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश पहले ही दे दिए गए थे।

सरकार के द्वारा लोकहित में लिया गया है यह फैसला:

आपको बता दें कि योगी सरकार के द्वारा अपने इस आदेश में यह भी कहा गया है कि राज्य में सभी सरकारी सेवाओं तथा उनसे जुड़े कर्मचारियों के द्वारा हड़ताल पर जाने से प्रदेश की आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अतः इसको ध्यान में रखते हुए आगामी 6 महीने तक राज्य में किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। वहीं पावर कॉरपोरेशन के द्वारा भी इस फैसले के पश्चात राहत की सांस ली गई है। इस फैसले के पश्चात सरकार के द्वारा एक सख्त संदेश भी दिया गया है कि किसी भी स्थिति में लोकहित से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

आइए जानते हैं कि आखिर क्‍या है एस्‍मा (ESMA):

ESMA यानि एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट है। यह भारतीय संसद के द्वारा पारित एक अधिनियम है, जिसे साल1968 में लागू किया गया था। हिंदी में इसे “अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून” के नाम से भी जाना जाता है। इस कानून का इस्तेमाल तब किया जाता है जब सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं।अर्थात इस कानून का उपयोग हड़ताल को रोकने के लिए किया जाता है। इसमें खास बात यह है कि यह कानून अधिकतम 6 महीने के लिए ही लगाया जा सकता है। हालांकि, इस कानून को लगाने से पूर्व सरकार के द्वारा कर्मचारियों को एक नोटिफिकेशन भी देना आवश्यक होता है।

कानून का पालन नहीं करने पर 6 महीने तक की हो सकती है सजा:

आपको बता दें कि किसी भी सरकार के द्वारा इस कानून को तब लगाया जाता है जब उसके पास हड़ताल रोकने के सभी रस्ते बंद हो जाते हैं। वहीं हड़ताल का प्रतिकूल प्रभाव भी आवश्यक सेवाओं पर पड़ने लगता है। इसलिए यह कानून जिस भी सर्विस अथवा सेवा पर लगाया जाता है, उससे जुड़े हुए कर्मचारी फिर कोई हड़ताल नहीं कर सकते हैं। वहीं यदि कोई कर्मचारी इस कानून का पालन उल्लंघन करता है तो उसे बिना वारंट के ही 6 महीने के लिए गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

अन्य खबरे