दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है, और अगले कुछ दिनों में इसमें सुधार की उम्मीद कम ही दिख रही है। राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार 400 के पार बना हुआ है। छठ पूजा के नजदीक आते ही दिल्ली के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हो गए हैं। गंदे पानी और यमुना नदी के दूषित होने की समस्या भी बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण 22 अक्टूबर से लागू किया जा चुका है, परन्तु स्थिति में खास सुधार नहीं आया है।
इन इलाकों में AQI 400 के पार
सीपीसीबी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में AQI का स्तर 400 के पार दर्ज किया गया है। मंगलवार सुबह आठ बजे तक प्रमुख क्षेत्रों का AQI स्तर कुछ इस प्रकार था:
आनंद विहार: 457
अलीपुर: 389
वजीरपुर: 437
जहांगीरपुरी: 440
रोहिणी: 397
पंजाबी बाग: 403
सोमवार को प्रदूषण का असर दृश्यता पर भी साफ नजर आया। दोपहर तक कई इलाकों में स्मॉग की मोटी चादर छाई रही, जिससे विवेक विहार, आनंद विहार और इंडिया गेट जैसे इलाकों में 500 मीटर से अधिक दूर देखना कठिन हो गया। वायु में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई महसूस हुई।
चिकित्सकों ने सावधानी बरतें की दी सलाह
प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर को देखते हुए चिकित्सा विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे, बुजुर्ग और सांस संबंधी बीमारियों से ग्रस्त लोगों को सुबह और शाम के समय बाहर जाने से बचने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, घर पर ही योग और प्राणायाम करने तथा अत्यधिक शारीरिक श्रम से दूर रहने की सलाह दी गई है ताकि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा न बढ़े।
प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार कर रही हर संभव प्रयास
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जानकारी दी कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए राज्य सरकार हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि मौसम की प्रतिकूल स्थिति के कारण दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। सोमवार को राजधानी में स्मॉग की मोटी परत छाई रही और वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी रही। गोपाल राय ने विभिन्न विभागों और एजेंसियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया है, जिसमें प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की जाएगी। सरकार के ग्रीन दिल्ली एप पर प्राप्त शिकायतों में से लगभग 88 प्रतिशत का समाधान कर दिया गया है।
प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जाए रहे अभियान
प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार कई स्तरों पर अभियान चला रही है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
एंटी डस्ट अभियान: निर्माण स्थलों पर धूल और मिट्टी के फैलाव को रोकने के उपाय।
बायो-डीकंपोजर का छिड़काव: खेतों में पराली जलाने से रोकने के लिए बायो-डीकंपोजर का छिड़काव।
पौधारोपण अभियान: प्रदूषण कम करने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाए जा रहे हैं।
पटाखों पर जागरूकता अभियान: दीपावली के समय पटाखों के उपयोग को कम करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
दिल्ली की सड़कों पर 200 मोबाइल एंटी स्मॉग गन से पानी का छिड़काव किया जा रहा है, और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो-दो एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं। मंत्री ने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार कृत्रिम बारिश के उपयोग को लेकर जल्द बैठक बुलाएगी। गोपाल राय ने 23 अक्टूबर को केंद्र सरकार को इस संबंध में पत्र लिखा था और यदि बैठक नहीं बुलाई जाती, तो वे पुनः संपर्क करेंगे।
प्रदूषण से निपटना एक बड़ी चुनौती
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति पर काबू पाना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसके लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों के समन्वित प्रयास आवश्यक हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम की स्थिति में बदलाव और फसल जलाने के मामलों में कमी से प्रदूषण का स्तर कम हो सकता है। फिलहाल, लोगों को सतर्क रहने और सभी एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी गई है।