उत्तर प्रदेश में संभल की शाही जमा मस्जिद के पश्चात अब बदायूं की जामा मस्जिद का मामला भी जोर शोर से चर्चा में आने लगा है। दरअसल संभल में हुई हिंसा के पश्चात ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा बदायूं की मस्जिद को लेकर भी सरकार पर हमला बोला गया है।
इसके साथ ही बसपा सुप्रीमों मायावती के द्वारा भी देश में चल रहे धार्मिक विवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा गया है। दरअसल ओवैसी ने कहा है कि आने वाली नस्लों को एआई (AI) की पढ़ाई के बजाय एएसआई (ASI) की खोदाई में व्यस्त किया जा रहा है।
ओवैसी ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर किया पोस्ट:
दरअसल असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा एक्स पर लिखा गया है कि बदायूं की जामा मस्जिद को अब नीलकंठ महादेव का मंदिर बताकर अदालत में वाद दायर किया गया था। फिलहाल कोर्ट में यह मामला चल रहा है। वहीं शनिवार को इस मामले में सुनवाई भी हुई थी।
जिसमें इंतजामिया कमेटी के पक्ष की ओर से बीते शनिवार से अपनी बहस शुरू की गई है। वहीं हाल ही में संभल की जामा मस्जिद पर भी सर्वे को लेकर जो हिंसा हुई थी उसके बाद बदायूं कोर्ट में इस मामले को लेकर पहली सुनवाई हुई थी।
ओवैसी ने कहा कि अब बदायूं की मस्जिद को भी बनाया जा रहा निशाना:
इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा अपनी पोस्ट में लिखा गया कि बदायूं की जामा मस्जिद को भी अब निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने लिखा है कि ASI यानि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, जो भारत सरकार के अंतर्गत काम करती है तथा उत्तर प्रदेश सरकार भी इस केस में एक पार्टी है।
वहीं दोनों सरकारों को साल 1991 एक्ट के अनुसार ही अपनी बात रखनी होगी। उन्होंने लिखा कि हिंदुत्ववादी तंजीमें किसी भी हद तक जा सकती हैं। इसलिए उन पर रोक लगाना भारत देश के अमन के लिए बेहद जरूरी है।
धार्मिक मुद्दों की आड़ लेकर BJP साध रही है राजनीतिक स्वार्थ: मायावती
वहीं दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती के द्वारा यह कहा गया है कि धार्मिक मुद्दों की आड़ लेकर BJP राजनीतिक स्वार्थ को साध रही है। उन्होंने हरियाणा समेत महाराष्ट्र तथा झारखंड चुनाव में भी सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस तथा भाजपा अलग-अलग तरीकों से बहुजन समाज पार्टी को समाप्त करने की लगातार कोशिश कर रही है। इसलिए हम सभी को मिलकर इसके खिलाफ संघर्ष करना पड़ेगा।
मायावती ने वंचित समाज को एकजुट होने का दिया संदेश:
इसके अतिरिक्त 6 दिसंबर को डा.भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर मायावती के द्वारा प्रदेश के विभिन्न मंडलों तथा पूरे देश के अन्य राज्यों में कार्यक्रमों का आयोजन करके वंचित समाज को एकजुट होने का भी संदेश दिया गया है।
बता दें कि लखनऊ, कानपुर तथा अयोध्या मंडलों के बसपा के कार्यकर्ता लखनऊ में गोमतीनगर स्थित सामाजिक परिवर्तन स्थल पर एकत्रित होकर डा.आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
वहीं मेरठ तथा दिल्ली के सभी कार्यकर्ता नोएडा के ग्रीन गार्डेन (पार्क) में एकत्रित होकर श्रद्धा-सुमन अर्पित करेंगे। साथ ही बाकी के 14 मंडलों समेत अन्य राज्यों में भी आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में बसपा के कार्यकर्ताओं को एकत्रित होने के निर्देश दिए गए हैं।
गरीब विरोधी नीतियों को लेकर कांग्रेस तथा भाजपा के विरुद्ध लोगों में है आक्रोश:
बता दें कि उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनाव में जारी हार मिलने के पश्चात होते शनिवार को बसपा मुख्यालय में उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की गई। जिसमें उन्होंने कहा कि सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने हेतु वंचित तथा सर्वसमाज को एकजुट होकर काम करना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि पहले कांग्रेस तथा अब भाजपा सरकार की गरीब विरोधी नीतियों के विरुद्ध लोगों में काफी आक्रोश भी है। पार्टी तथा वंचित समाज के आत्मसम्मान को बचाने हेतु चलाए जा रहे अभियान को कांग्रेस तथा भाजपा के समर्थकों से एक बड़ी चुनौती है।
संसद सत्र चलना हो रहा है मुश्किल: मायावती
मायावती ने आगे कहा कि अदाणी समूह तथा संभल हिंसा को लेकर अब सरकार एवं विपक्षी दलों में लगातार तकरार हो रही है, जिसके कारण संसद के शीतकालीन सत्र का चलना भी अब कही मुश्किल हो गया है। देश तथा लोगों के हितों के मद्देनजर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों को संसद को बिल्कुल सही तरीके से चलाने हेतु अब गंभीर होना पड़ेगा।
ब्राह्मण तथा मुस्लिम वोट बैंक को साधने की बनाई रणनीति:
आपको बता दें कि लगातार चुनाव हार रही बसपा सुप्रीमो मायावती के द्वारा ब्राह्मण तथा मुस्लिम वोटों को एक बाद फिर से अपने पाले में लाने के लिए रणनीति बनाई गई है। बसपा प्रमुख के द्वारा इसके लिए विशेष टीमें भी बनाई है।
इसी क्रम में सलाउद्दीन सिद्दीकी तथा शिवकुमार दोहरे को लखनऊ मंडल में मुस्लिम एवं अन्य समाज को जोड़ने केलिए जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं श्याम किशोर अवस्थी तथा विपिन गौतम को ब्राह्मण समाज को जोड़ने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आइए जानते हैं कि कहा सौंपी गई किसको जिम्मेदारी:
इसके अतिरिक्त लखनऊ मंडल की टीम A में गंगाराम गौतम को लखनऊ तथा रणधीर बहादुर को हरदोई एवं उमाशंकर गौतम को लखीमपुर खीरी की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। वहीं टीम B में ओमप्रकाश गौतम को उन्नाव की जिम्मेदारी, अरविंद गौतम को रायबरेली की तथा रामलखन गौतम को सीतापुर जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसके साथ ही लखनऊ, रायबरेली, हरदोई, उन्नाव, सीतापुर तथा लखीमपुर खीरी में 4-4 प्रभारियों की भी अतिरिक्त तैनाती की गई है। वहीं बाकी के अन्य जिलों में भी जल्द ही इसी प्रकार प्रभारियों की तैनाती की जाएगी।