नोएडा: जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए 175 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। इसके लिए यमुना विकास प्राधिकरण जल्द ही निविदा जारी करेगा। ये बसें 35 सीटों वाली होंगी और गाजियाबाद, बुलंदशहर, खुर्जा, नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के यात्रियों को एयरपोर्ट से सीधे जोड़ेंगी। योजना के तहत 10 रूट बनाए गए हैं जिनमें से छह पर कार्य चल रहा है और दो रूट फाइनल किए जा चुके हैं।
अप्रैल 2025 से फ्लाइट्स शुरू होने की संभावना
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 9 दिसंबर को विमान की सफलतापूर्वक लैंडिंग हो चुकी है। अब यह उम्मीद की जा रही है कि अप्रैल 2025 से यहां से वाणिज्यिक उड़ानों का संचालन शुरू हो जाएगा। हालांकि मेट्रो, रैपिड रेल और रेलवे कनेक्टिविटी के शुरू होने में अभी करीब छह साल लग सकते हैं। इस दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए ई-बस सेवा को प्राथमिकता दी जा रही है।
वीजीएफ मॉडल पर होगा बसों का संचालन
बसों का संचालन वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) मॉडल पर किया जाएगा। इसके तहत यदि बस का प्रतिदिन का परिचालन खर्च 1000 रुपये है और टिकट बिक्री से 700 रुपये की कमाई होती है तो प्राधिकरण ऑपरेटर को 300 रुपये का भुगतान करेगा। यह योजना इसलिए बनाई गई है ताकि ऑपरेटर को घाटा न हो। प्राधिकरण द्वारा न्यूनतम वीजीएफ मांगने वाली कंपनी का चयन किया जाएगा। बसों के लिए बुनियादी ढांचा भी यमुना विकास प्राधिकरण द्वारा ही प्रदान किया जाएगा।
प्रारंभिक चरण के लिए दो रूट फाइनल
1. रबूपुरा से यमुना एक्सप्रेसवे होते हुए बॉटेनिकल गार्डन।
2. यमुना विकास प्राधिकरण कार्यालय से बॉटेनिकल गार्डन।
चार अन्य रूट पर हो रहा काम
1. बुलंदशहर से रबूपुरा होते हुए जेवर।
2. खुर्जा से जेवर और टप्पल।
3. नोएडा सेक्टर 35 से जेवर वाया परी चौक और टप्पल।
4. सिकंद्राबाद, ककोड़ और झाझर होते हुए जेवर।
175 ई-बसों का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को एयरपोर्ट तक पहुंचा होगा
यह योजना 500 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से अलग है जो नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में आंतरिक परिवहन सेवा के लिए चलाई जाएंगी। इन 175 बसों का उद्देश्य मुख्य रूप से यात्रियों को एयरपोर्ट से जोड़ने का है। इनमें से कुछ रूट ऐसे भी बनाए जा रहे हैं जो सीधे नोएडा और ग्रेटर नोएडा को एयरपोर्ट से जोड़ेंगे।