'मिशन कर्मयोगी' एक राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की क्षमता निर्माण को सुदृढ़ करना है। इस कार्यक्रम के तहत, भारत के सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को आधुनिक प्रशासनिक कौशल और नेतृत्व क्षमताओं से लैस करना है, ताकि वे तेजी से बदलती दुनिया में उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हों। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सरकारी तंत्र में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है।
उत्तर प्रदेश में 'मिशन कर्मयोगी' की शुरुआत
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मिशन को प्रदेश में लागू करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को इस मिशन से जोड़ने की कोशिशें की जा रही हैं। 'मिशन कर्मयोगी' के अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों को समय के साथ उभरती जरूरतों और नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश में इस मिशन के तहत अब तक 94 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी और अधिकारी आईजीओटी (इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग) पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं। आईजीओटी पोर्टल एक डिजिटल प्लेटफार्म है जिसे कर्मचारियों के प्रशिक्षण और विकास के लिए तैयार किया गया है। इसमें विभिन्न स्तरों के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए विशेष पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं, जिनमें वे अपनी आवश्यकतानुसार पाठ्यक्रम का चयन कर सकते हैं और उसे पूरा कर सकते हैं। अब तक 45 हजार से ज्यादा कर्मचारियों और अधिकारियों ने इस पोर्टल पर पाठ्यक्रमों में नामांकन किया है, जिसमें से लगभग 29 हजार लोग सफलतापूर्वक पाठ्यक्रमों को पूरा कर चुके हैं। इनमें 6 हजार अधिकारी भी शामिल हैं, जो इस प्रशिक्षण से लाभान्वित हो चुके हैं।
प्रशिक्षण कार्यशालाओं का हो रहा आयोजन
उत्तर प्रदेश सरकार ने 'मिशन कर्मयोगी' के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया है। राज्य के 14 प्रशिक्षण संस्थानों में कर्मचारियों को 'कर्मचारी टू कर्मयोगी' अभियान के तहत प्रशिक्षित किया गया है। इसके साथ ही, 10 जिलों में फील्ड विजिट और कार्यशालाएं आयोजित की गईं हैं, ताकि विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को इस मिशन से सीधे जोड़ा जा सके। अब तक 8 विभागों में भी विशेष कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है। इन कार्यशालाओं में कर्मचारियों को नई तकनीक, प्रबंधन कौशल और प्रशासनिक सुधारों से अवगत कराया गया है।
उपाम (UPAAM) की होगी अहम भूमिका
उत्तर प्रदेश में इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट (UPAAM) को दी गई है। UPAAM को राज्य के सभी विभागों में नोडल अधिकारियों और एमडीओ (Mission Director Officer) की नियुक्ति करनी है। ये नोडल अधिकारी और एमडीओ प्रत्येक विभाग में कर्मचारियों को 'मिशन कर्मयोगी' के साथ जोड़ने के लिए जिम्मेदार होंगे। इसके अलावा, नोडल अधिकारी आईगॉट पोर्टल पर विभागीय कर्मियों का पंजीकरण करवाने और उनके प्रशिक्षण की निगरानी करने का कार्य भी करेंगे।
UPAAM की जिम्मेदारी यह भी है कि प्रत्येक विभाग में कर्मियों और पाठ्यक्रमों की प्रगति की मासिक समीक्षा की जाए। इसके तहत विभागीय नोडल अधिकारियों द्वारा आईगॉट पोर्टल पर कर्मियों और पाठ्यक्रम सामग्री की अद्यतन स्थिति का जायजा लिया जाता है। इसके साथ ही, नोडल अधिकारियों के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम की गुणवत्ता और प्रभावशीलता पर भी ध्यान दिया जाता है।
क्या है मिशन कर्मयोगी का मुख्य उद्देश्य?
'मिशन कर्मयोगी' का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यकुशलता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें लगातार शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, ताकि वे तेजी से बदलते समाज और अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का सामना कर सकें। इस मिशन के तहत कर्मचारियों को नई तकनीक, डिजिटल कौशल, नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक सुधारों से अवगत कराया जाता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को अधिक कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से निभा सकें।
इसके अलावा, इस मिशन में विभिन्न स्तरों के अधिकारियों के लिए अलग-अलग प्रशिक्षण कार्यक्रमों की व्यवस्था है। आईगॉट पोर्टल पर प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को अपनी आवश्यकता के अनुसार पाठ्यक्रम चुनने और उसे पूरा करने का अवसर मिलता है। इससे कर्मचारियों के व्यक्तिगत और पेशेवर विकास में सहायता मिलती है और वे अपने कार्यक्षेत्र में अधिक निपुण हो पाते हैं।
सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी है महत्त्वपूर्ण
मिशन कर्मयोगी, सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की क्षमताओं को विकसित करने की एक महत्वपूर्ण पहल है। उत्तर प्रदेश में इस कार्यक्रम का व्यापक क्रियान्वयन हो रहा है, जिससे हजारों कर्मचारियों और अधिकारियों को लाभ मिल रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत, उन्हें नई चुनौतियों के लिए तैयार किया जा रहा है और उनकी कार्यक्षमता में सुधार लाया जा रहा है। 'मिशन कर्मयोगी' न केवल सरकारी तंत्र में दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा देता है, बल्कि इसे देश की सामाजिक और आर्थिक आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।