सुंदर लड़कियों से शादी, 300 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी: फर्जी शादी गिरोह का पर्दाफाश, फ़ोटो भेजकर ऐसे करते थे ठगी और ऐसे लोगों को बनाया जा रहा था टारगेट
सुंदर लड़कियों से शादी, 300 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी

झांसी: झांसी में शादी का सपना दिखाकर लोगों को ठगने वाला गिरोह पकड़ा गया है। इस गिरोह में 8 युवतियां शामिल थीं जिन्होंने इंटरनेट से सुंदर लड़कियों की तस्वीरों का एक बड़ा कलेक्शन तैयार कर रखा था। ये तस्वीरें असल में उन लड़कियों की नहीं थीं बल्कि इंटरनेट से ली गई थीं और इनका इस्तेमाल युवकों को शादी का झांसा देने के लिए किया जाता था। गिरोह का खास निशाना 40 साल से अधिक उम्र के अविवाहित पुरुष थे जो शादी करने की जल्दी में थे।

ठगी का तरीका

गिरोह के सदस्य सबसे पहले अपनी फर्जी संस्था "अटल सेवा संस्थान" के नाम से लोगों को फोन करते थे। फोन पर शादी कराने का दावा करते हुए सुंदर लड़कियों की तस्वीरें भेजी जाती थीं। जब युवक किसी तस्वीर को पसंद कर लेते तो उनसे रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर पैसे लिए जाते। इसके बाद अन्य शुल्कों के नाम पर उनसे बार-बार पैसे ऐंठे जाते थे। जब युवक को शक होता या वह आगे पैसे देने से मना करता तो उनका नंबर ब्लॉक कर दिया जाता था।

ठगी का शिकार बने लोग

गिरोह के जाल में वकील, किसान और अन्य कई पेशों से जुड़े लोग फंसे। एक वकील मनोज कुमार गौतम इस ठगी का शिकार होने के बाद ललितपुर पुलिस के पास पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए झांसी के बीकेडी चौराहे के पास एक मकान में छापा मारा।

छापेमारी में क्या बरामद हुआ?

पुलिस ने छापेमारी के दौरान युवतियों के पास से कई चौंकाने वाले सबूत बरामद किए।

18 रजिस्टर: इनमें ठगी के शिकार लोगों का पूरा ब्यौरा था जैसे किससे कितने पैसे लिए गए और किससे बातचीत किस स्तर तक पहुंची।

सुंदर लड़कियों की तस्वीरों वाले एल्बम: ये तस्वीरें इंटरनेट से ली गई थीं।

30 से ज्यादा सिम कार्ड और 20 मोबाइल फोन: इनमें से 11 कीपैड वाले फोन सिर्फ ग्राहकों से बात करने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे।

खाते में जमा रकम: पुलिस ने गिरोह के खातों को खंगालते हुए लगभग एक लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं।


गिरोह की मास्टरमाइंड है 2 युवतियां

गिरोह की मास्टरमाइंड ललितपुर की रहने वाली आरती शाक्यावार और विभा यादव थीं। इन्होंने झांसी के बीकेडी चौराहे पर एक मकान में ऑफिस बना रखा था। इस ऑफिस में फोन कॉल करने के लिए 6 युवतियों को सैलरी पर रखा गया था। इन युवतियों को हर महीने 8,000 रुपये दिए जाते थे और उनका काम सिर्फ फोन पर बात करना और ग्राहकों को लड़कियों की तस्वीरें भेजना था।

गिरोह के संचालन के लिए "समाज साथी" नामक ऐप से वर-वधू का डेटा चुराया जाता था। इस डेटा का इस्तेमाल करके युवकों से संपर्क किया जाता था। जब कोई व्यक्ति फंस जाता तो उससे रजिस्ट्रेशन और अन्य शुल्क के नाम पर पैसे ऐंठे जाते थे।

एक सिम को एक बार किया जाता था इस्तेमाल

हर ग्राहक से बात करने के लिए अलग सिम कार्ड का इस्तेमाल किया जाता था। एक बार ठगी करने के बाद उस सिम कार्ड को दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता था। कुछ मामलों में नंबर भी ब्लॉक कर दिए जाते थे ताकि ग्राहक वापस संपर्क न कर सके।

वकील की शिकायत से मिली सफलता

ललितपुर निवासी वकील मनोज कुमार गौतम ने साइबर थाने में शिकायत की कि उनके साथ 7,500 रुपये की ठगी हुई है। उनके अनुसार 9 दिसंबर को एक महिला ने उनसे फोन पर संपर्क किया और "अटल सेवा संस्थान" नामक संस्था से होने का दावा किया। शादी कराने का झांसा देकर उनसे पैसे ऐंठे गए और बाद में उनका नंबर ब्लॉक कर दिया गया।

पुलिस की कार्रवाई में 8 युवतियां हुई गिरफ्तार

मनोज की शिकायत पर ललितपुर पुलिस हरकत में आई। साइबर थाना प्रभारी कृष्णदेव यादव और महिला थाना प्रभारी सन्नो देवी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने झांसी में छापा मारकर 8 युवतियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए लोगों में झांसी की 6 और ललितपुर की 2 युवतियां शामिल थीं।

गिरफ्तार की गई युवतियों में आरती शाक्यावार, विभा यादव, वैशाली देशाई, अनामिका राजपूत, नैना देसाई, पलक अहिरवार, प्रीति, और संजना झा शामिल हैं। इनमें आरती और विभा को मास्टरमाइंड माना जा रहा है।

300 से ज्यादा लोगों को बनाया शिकार

पुलिस अब बरामद दस्तावेजों और मोबाइल डेटा के आधार पर जांच कर रही है कि और कितने लोग इस गिरोह का शिकार हुए हैं। शुरुआती जांच में पुलिस को 300 से अधिक लोगों के ठगे जाने के सबूत मिले हैं। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ठगी से अर्जित रकम किन-किन खातों में जमा की गई और उसे कहां-कहां इस्तेमाल किया गया।

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