मुरादाबाद: मुरादाबाद के शिक्षा विभाग की लाइब्रेरी में हिंदू छात्राओं को प्रभावित करने से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) कार्यालय के समीप स्थित इस लाइब्रेरी में पिछले छह महीने से वरिष्ठ सहायक के रूप में कार्यरत आसिफ हसन हिंदू छात्राओं पर मानसिक दबाव डालकर उन्हें मुस्लिम युवकों के साथ संवाद करने और मित्रता बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहे थे। इसके साथ ही वह छात्राओं के बीच अक्सर मुस्लिम धर्म के बारे में चर्चा करते थे, जिससे छात्राओं के परिवारों में असंतोष और चिंता बढ़ गई थी।
मुस्लिम युवको से बात करने के लिए दबाव डालता था लाइब्रेरियन
यह लाइब्रेरी डीआईओएस के अधीन आती है, जहाँ कई छात्र-छात्राएं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए नियमित रूप से आते हैं। इन छात्राओं में से कुछ ने आरोप लगाया है कि लाइब्रेरियन आसिफ हसन उन पर मुस्लिम युवकों से मित्रता करने और उनसे बातचीत करने का मानसिक दबाव डालते थे। इसके अलावा, कुछ बाहरी मुस्लिम युवकों का लाइब्रेरी में आना-जाना भी लगा रहता था, और आसिफ हसन उन युवकों के साथ इन छात्राओं की बातचीत कराने के लिए भी मदद करते थे।
छात्राओं ने डीएम से की शिकायत
इस व्यवहार से असहज और परेशान होकर कुछ छात्राओं ने जिलाधिकारी (डीएम) से लिखित शिकायत दर्ज कराई। छात्राओं की शिकायत के बाद, डीएम अनुज सिंह ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आसिफ हसन को लाइब्रेरी से हटाकर उनके मूल पद पर वापस भेजने का आदेश जारी किया। इसके बाद उन्हें तुरंत लाइब्रेरी से हटा दिया गया। संयुक्त शिक्षा निदेशक मनोज कुमार द्विवेदी ने इस मामले की पुष्टि की और बताया कि शिकायत के बाद दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है, जिसमें एक प्रवक्ता और एक शिक्षा विभाग के प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं। इस समिति को आरोपों की पूरी जांच का जिम्मा सौंपा गया है। जांच प्रक्रिया के दौरान छात्र-छात्राओं के बयान भी दर्ज किए जाएंगे ताकि सच्चाई सामने आ सके।
मैं भी हूँ एक बेटी का पिता
वहीं दूसरी ओर आसिफ हसन ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि वह भी एक बेटी के पिता हैं और कभी भी ऐसी गतिविधियों में संलिप्त नहीं हो सकते। आसिफ ने लाइब्रेरी में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की मांग की ताकि वास्तविक स्थिति का पता चल सके। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी शिकायत पत्र के बारे में जानकारी नहीं थी। डीएम ने भी यह स्पष्ट किया कि शिकायत मिलने पर सभी आरोपों की पूरी जांच कराई जा रही है और जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
लाइब्रेरियन के कार्यालय में मिल चुका है असलहा
यह पहली बार नहीं है कि आसिफ हसन विवादों में रहे हैं। लगभग 13-14 साल पहले भी उनका नाम एक विवाद में सामने आया था, जब बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यालय में उनके कमरे से हथियार मिलने की सूचना पर जिलाधिकारी ने छापा मारा था। हालांकि, उस समय वह अचानक मौके से फरार हो गए थे।