लखनऊ: स्वरोजगार की दिशा में काम कर रहे युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण और उत्साहवर्धक पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (मुख्यमंत्री युवा) योजना के तहत हर वर्ष एक लाख युवाओं को बिना किसी गारंटी के 5 लाख रुपये तक का लोन प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने स्वयं के व्यवसाय की शुरुआत कर सकें। यह योजना विशेष रूप से उन युवाओं के लिए है, जो आर्थिक बाधाओं के कारण व्यवसाय शुरू नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा मार्जिन मनी में भी छूट दी जाएगी, जो कि युवाओं को व्यवसाय शुरू करने में अतिरिक्त आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।
युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है उद्देश्य
लोन प्राप्त करने के बाद युवाओं को छह महीने तक किस्तों का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय को स्थिर करने का पर्याप्त समय मिल सकेगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना और 10 वर्षों के भीतर 10 लाख सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना कराना है। इन सूक्ष्म उद्योगों के माध्यम से ना केवल स्वयं का रोजगार सृजन होगा, बल्कि इससे अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी।
इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता कक्षा आठ पास होना आवश्यक है। हालांकि, इंटरमीडिएट (कक्षा 12) पास आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह निर्णय इस उद्देश्य से लिया गया है कि अधिक शिक्षित और प्रशिक्षित युवा बेहतर ढंग से अपने उद्यमों का संचालन कर सकें और उन्हें सफल बना सकें। अगर कोई युवा 5 लाख रुपये के लोन का चार वर्षों में सफलतापूर्वक भुगतान कर लेता है, तो उसे अगली बार 10 लाख रुपये तक का लोन प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इस दूसरे लोन पर भी उन्हें 50 प्रतिशत की ब्याज छूट मिलेगी, जो कि उनके व्यवसाय को और अधिक मजबूत बनाने में सहायक होगी।
मंत्रिपरिषद ने दी योजना को मंजूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है। इस योजना के लिए 1,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना का संचालन सुचारू रूप से हो सके और इसका लाभ अधिक से अधिक युवाओं को मिले। इस योजना के तहत युवाओं को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी प्रदान किए जाएंगे, जिससे वे अपने व्यवसाय को बेहतर ढंग से स्थापित और संचालित कर सकें।
योजना का संचालन और रोजगार सृजन
योजना का संचालन जिला उद्योग और उद्यम प्रोत्साहन केंद्र के माध्यम से किया जाएगा। इसका उद्देश्य शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में नए सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना करना है। इससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस योजना के तहत उद्योग और सेवा क्षेत्र में 5 लाख रुपये तक की परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, लेकिन निगेटिव लिस्ट में शामिल उत्पादों और उद्यमों को इससे बाहर रखा जाएगा। यदि किसी परियोजना की कुल लागत 10 लाख रुपये तक होती है, तो शेष धनराशि लाभार्थी को स्वयं जुटानी होगी, और उस पर कोई अनुदान नहीं मिलेगा।
लोन पर 100% माफ होगा ब्याज
योजना के अंतर्गत परियोजना लागत या 5 लाख रुपये, जो भी कम हो, उस पर चार वर्षों तक लिए गए लोन पर 100% ब्याज छूट दी जाएगी। इससे युवाओं को वित्तीय दबाव कम महसूस होगा और वे अपने व्यवसाय को स्थिरता के साथ संचालित कर सकेंगे। इसके साथ ही, सीजीटीएमएसई (क्रेडिट गारंटी फंड्स फॉर माइक्रो एंड स्माल एंटरप्राइजेज) कवरेज के लिए आवश्यक धनराशि भी सरकार द्वारा चार वर्षों तक वहन की जाएगी, जिससे युवाओं को ऋण प्राप्त करने में कोई बाधा न हो। ऋण की तिथि से छह माह तक की अधिस्थगन अवधि दी जाएगी, ताकि युवा अपने व्यवसाय को शुरू करने के बाद वित्तीय स्थिरता हासिल कर सकें और फिर किस्तों का भुगतान कर सकें।
वर्गानुसार अंशदान की व्यवस्था
योजना के तहत युवाओं को मार्जिन मनी में छूट प्रदान की जाएगी। लाभार्थियों को परियोजना लागत या 5 लाख रुपये, जो भी कम हो, का 10% मार्जिन मनी अनुदान के रूप में मिलेगा। इसके अलावा, विभिन्न वर्गों के लाभार्थियों को अलग-अलग अंशदान देना होगा। सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 15%, अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों को 12.5%, और अनुसूचित जाति/जनजाति तथा दिव्यांग लाभार्थियों को 10% अंशदान के रूप में देना होगा। यह सुनिश्चित करता है कि सभी वर्गों के युवाओं को योजना का लाभ समान रूप से मिले, लेकिन उनके आर्थिक स्तर के अनुसार अंशदान में अंतर किया गया है।
प्रशिक्षित युवाओं को आवेदन का अवसर
इस योजना के तहत वही युवा आवेदन कर सकेंगे, जो पहले से ही किसी कौशल प्रशिक्षण में प्रशिक्षित हों। यह प्रशिक्षण सरकार द्वारा संचालित विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जिला एक उत्पाद योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति/ओबीसी प्रशिक्षण योजना, या यूपी स्किल डेवलपमेंट मिशन के तहत होना चाहिए। इसके अलावा, यदि आवेदक ने किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कौशल संबंधी सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, या डिग्री प्राप्त की हो, तो भी वह आवेदन के योग्य होगा। इसका उद्देश्य यह है कि व्यवसाय शुरू करने से पहले युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण और कौशल प्राप्त हो, ताकि उनका व्यवसाय सफल हो सके।
योजना का दूसरा चरण
योजना का दूसरा चरण भी इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि कोई लाभार्थी चार वर्षों में मूलधन और ब्याज का सफलतापूर्वक भुगतान कर लेता है, तो वह योजना के दूसरे चरण का लाभ उठा सकेगा। इस दूसरे चरण में अधिकतम 10 लाख रुपये की परियोजना लागत के लिए लोन दिया जाएगा। पहले चरण में लिए गए लोन का अधिकतम दोगुना या 7.5 लाख रुपये तक, जो भी कम हो, पर 50% ब्याज छूट मिलेगी, जो तीन वर्षों तक लागू रहेगी। हालांकि, दूसरे चरण में मार्जिन मनी नहीं दी जाएगी, लेकिन सीजीटीएमएसई कवरेज के लिए आवश्यक धनराशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
यह योजना युवा उद्यमियों को वित्तीय और प्रशासनिक सहायता प्रदान करके उन्हें स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इससे राज्य में आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी और नए उद्यमों के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।