जानें कैसे 3 लोगों की मौत की वजह बना गूगल मैप! : अधूरे पुल का रास्ता दिखाने से हुई मौत में गूगल मैप और PWD को बताया गया जिम्मेदार?
जानें कैसे 3 लोगों की मौत की वजह बना गूगल मैप!

बदायूं: बदायूं के समरेर और बरेली के फरीदपुर को जोड़ने वाले अधूरे पुल पर हुए एक बड़े हादसे ने सभी का ध्यान खींच लिया है। इस हादसे में तीन युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। इसके पीछे मुख्य वजह पीडब्ल्यूडी की लापरवाही और गूगल मैप द्वारा गलत रास्ता दिखाना बताई जा रही है। इस घटना ने प्रशासनिक तंत्र और तकनीकी प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या है पूरा मामला?

गुरुग्राम के अमित सिंह, फर्रुखाबाद के अजीत कुमार और उनके चचेरे भाई नितिन एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए रविवार को कार से बरेली जा रहे थे। यात्रा के दौरान उन्होंने गूगल मैप का सहारा लिया जो उन्हें समरेर और फरीदपुर को जोड़ने वाले अधूरे पुल की ओर लेकर गया। पुल पर कोई स्पष्ट चेतावनी बोर्ड, बैरिकेडिंग या अवरोधक न होने के कारण, वे अनजाने में आगे बढ़ते रहे। पुल अधूरा था जिससे उनकी कार करीब 20 फीट नीचे गिर गई और तीनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई।

जांच में सामने आई गंभीर खामियां

प्रारंभिक जांच में पाया गया कि पुल का संपर्क मार्ग सितंबर 2023 में भारी बारिश के कारण बह गया था। इसके बावजूद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने यहां पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं किए। केवल एक पतली दीवार लगाई गई थी, जिसे बाद में अज्ञात लोगों ने गिरा दिया। इस वजह से गूगल मैप इस रास्ते को चालू मानते हुए दिखाता रहा।

यह भी सामने आया कि स्थानीय प्रशासन ने दीवार गिरने के बाद स्थिति का जायजा लेने या इसे फिर से सुरक्षित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। पीडब्ल्यूडी द्वारा मजबूत बैरिकेडिंग, संकेतक बोर्ड या चेतावनी साइन लगाने में की गई लापरवाही इस हादसे का मुख्य कारण मानी जा रही है।

2 सहायक अभियंता और गूगल मैप के खिलाफ दर्ज की गई शिकायत

इस मामले में दातागंज के नायब तहसीलदार छविराम की तहरीर पर पीडब्ल्यूडी के दो सहायक अभियंता मोहम्मद आरिफ और अभिषेक कुमार तथा दो अवर अभियंता अजय गंगवार और महाराज सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। इनके साथ ही अज्ञात व्यक्तियों पर भी मामला दर्ज किया गया है। अभियंताओं खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो चुकी है इनका निलंबन तय माना जा रहा है।

साथ ही गूगल मैप के क्षेत्रीय प्रबंधक के खिलाफ भी शिकायत दी गई है लेकिन पुलिस ने अब तक गूगल या उसके किसी अधिकारी को नामजद नहीं किया है। पुलिस का कहना है कि मामले की गहराई से जांच के बाद ही गूगल से जुड़े नाम शामिल किए जा सकते हैं।

मुख्य अभियंता ने किया घटनास्थल का दौरा

सोमवार को पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता अजय कुमार ने घटनास्थल का दौरा किया और इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने वहां के हालात का जायजा लेने के बाद विभागीय मुख्यालय और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को विस्तृत जानकारी दी। साथ ही, अधीक्षण अभियंता केके सिंह को जांच के निर्देश दिए।

जांच के दौरान यह पता लगाया जा रहा है कि दीवार कब गिरी और इसे गिराने के पीछे किसका हाथ था। साथ ही, पुल का निर्माण कब शुरू हुआ और क्यों यह अधूरा पड़ा है, इस पर भी छानबीन की जा रही है।

हादसे के बाद लगाई गई बैरिकेडिंग?

इस हादसे के बाद प्रशासन हरकत में आया और पुल के चार स्थानों पर मजबूत बैरिकेडिंग कराई गई। यह सुनिश्चित किया गया कि अब कोई भी वाहन यहां से गुजरने की कोशिश न करे। अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों से भी बातचीत की और दुर्घटना से जुड़ी जानकारी जुटाई।

आगे की कार्रवाई

अधीक्षण अभियंता मंगलवार को अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इस घटना ने लोक निर्माण विभाग और तकनीकी प्लेटफॉर्म्स को अपनी जिम्मेदारियों पर पुनर्विचार करने पर मजबूर कर दिया है। प्रशासन ने भी यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

यह हादसा न केवल प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है बल्कि यह आधुनिक तकनीक के अंधाधुंध इस्तेमाल और उसके प्रति पूर्ण विश्वास के खतरों को भी उजागर करता है। इससे जुड़े सभी पक्षों की जिम्मेदारी तय करना और ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है

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