लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बहराइच जिले में ध्वस्तीकरण नोटिस के मामले में राज्य सरकार से पूरी जानकारी तलब की है। कोर्ट ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा था कि बहराइच की जिस सड़क के किनारे बसे लोगों को अतिक्रमण के आरोप में नोटिस दी गई है, वह सड़क किस श्रेणी में आती है और उस पर कौन-कौन से नियम लागू होते हैं। कोर्ट का यह निर्देश इस मामले में आई एक जनहित याचिका के संदर्भ में है, जिसे एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने दायर किया है।
हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को लगाई फटकार
इससे पहले, कोर्ट ने पिछले आदेश में राज्य सरकार से इस विषय पर स्पष्ट उत्तर मांगा था, लेकिन पिछली सुनवाई में भी सरकार ने केवल याचिका की पोषणीयता पर ही अपना पक्ष रखा था, जबकि कोर्ट ने सड़क की श्रेणी और उससे जुड़े नियमों के बारे में स्पष्ट जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों में स्पष्ट और तथ्यों पर आधारित जवाब आवश्यक होते हैं ताकि प्रभावित लोगों को न्याय मिल सके। इसके बाद, विस्तृत जानकारी पेश करने के लिए कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 4 नवंबर तय की है।
किस श्रेणी मे आती है सड़क?
दरअसल, बहराइच जिले की कुंडसार-महसी-नानपारा-महाराजगंज रोड के किलोमीटर 38 पर बने मकानों को अतिक्रमण मानते हुए स्थानीय प्रशासन ने ध्वस्तीकरण नोटिस जारी की थी। कोर्ट ने यह जानने की कोशिश की है कि क्या यह सड़क मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड है या किसी और श्रेणी की सड़क है, और इस पर कितने मकान बने हुए हैं। कोर्ट ने सरकार से यह भी बताने को कहा था कि इस सड़क पर कौन-कौन से नियम लागू होते हैं, ताकि यह तय किया जा सके कि नोटिस उचित है या नहीं।
मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान एक युवक की कर दी गयी थी हत्या
गौरतलब है कि महराजगंज में मूर्ति विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा का मामला भी चर्चा में है। बीते 13 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान महराजगंज में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद हालात बिगड़ गए थे। इसी दौरान फखरपुर इलाके में भिलौरा मोड़ के पास हिंसा की घटनाएं हुईं। माइक से लोगों को महराजगंज में हुए उपद्रव की जानकारी दी गई, जिससे उत्तेजित भीड़ ने वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस दौरान बहराइच-लखनऊ हाईवे को जाम कर दिया गया और आने-जाने वाले वाहनों में भारी नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस ने हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने पथराव और आगजनी कर दी, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल पैदा हो गया।
मामले मे 150 लोगों के ख़िलाफ़ दर्ज किया गया था मुकदमा
इस मामले में पुलिस ने अब 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आरोपियों में से कई लोग अपने घरों से भाग गए हैं। पुलिस जांच कर रही है और जो भी इस उपद्रव में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, प्रशासन की मुस्तैदी और स्थानीय लोगों के सहयोग से महराजगंज में अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। हिंसा के बाद के तनावपूर्ण माहौल को शांत करने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने इलाके में शांति बैठकों का आयोजन किया और लोगों से सौहार्द बनाए रखने की अपील की। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। अब महराजगंज में लोग अपने दैनिक जीवन में लौट रहे हैं, दुकानें फिर से खुलने लगी हैं, और सड़कों पर लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है।
कस्बे मे लौटने लगी रौनक
स्थानीय व्यापारी और दुकानदार जैसे दिनेश और सोनू ने बताया कि अब आसपास के गांवों के लोग भी रोजमर्रा की जरूरतों की चीजें खरीदने के लिए कस्बे में आने लगे हैं। पुलिस और प्रशासन की सक्रियता से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा का माहौल कायम है, जिससे लोग बिना किसी डर के अपना कारोबार और जीवन सामान्य रूप से चला रहे हैं। एसडीएम अखिलेश कुमार सिंह ने भी पुष्टि की है कि अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और लोगों को किसी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है। सीओ रवि खोखर ने बताया कि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और पुलिस निरंतर निगरानी कर रही है ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।