उत्तर प्रदेश से इस वक्त की एक और बड़ी खबर निकलकर सामने आई हैं। दरअसल समाजवादी पार्टी के नेता हरेंद्र नागर तथा उनके सरकारी गनर भूदेव शर्मा की हत्या के मामले में आजीवन जेल की सजा काट रहे पश्चिमी यूपी के गैंगस्टर सुंदर भाटी को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई हैं। आपको बता दें कि गैंगस्टर सुंदर भाटी पर हत्या, रंगदारी, जानलेवा हमले समेत गंभीर अपराध के 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।
जेल से निकलते ही फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना
जमानत मिलने के बाद सोनभद्र जेल में बंद गैंगस्टर सुंदर भाटी की गुपचुप रिहाई भी हो गई और मिली जानकारी के अनुसार वह फ्लाइट के जरिए दिल्ली भी पहुंच गया है।
माफिया अतीक अहमद की हत्या और सुंदर भाटी कनेक्शन
दरअसल गैंगस्टर सुंदर भाटी पिछले कई वर्षों से पूर्वांचल कनेक्शन को लेकर भी काफी चर्चा में बने हुए है। दरअसल 15 अप्रैल को प्रयागराज में जिन 3 शूटर्स के द्वारा माफिया अतीक अहमद तथा उसके गैंगस्टर भाई अशरफ अहमद को गोलियों से भूना गया था, उनमें से एक सुंदर भाटी के साथ ही हमीरपुर जेल में बंद रहा था। इसी वजह से अतीक-अशरफ हत्याकांड में गैंगस्टर सुंदर भाटी का नाम काफी चर्चा में आया था। यहां तक कि शूटर्स के पास आई हुई विदेशी जिगाना पिस्टल भी सुंदर भाटी के माध्यम से ही वहां पहुंची थीं, ऐसी चर्चा चारों तरफ थी।
मुख्तार के बेहद करीबी अजीत सिंह की हत्या में भी जुड़ा था नाम
इसी प्रकार लखनऊ के विभूति खंड थाने वाले इलाके में 6 जनवरी 2021 को हुई मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी अजीत सिंह की हत्या में भी गैंगस्टर सुंदर भाटी की ही गैंग का नाम चर्चा में आया था।
बता दें कि इस हत्याकांड में सुंदर भाटी गैंग के 2 शूटरों के नाम सामने आए थे। जिसके बाद उनमें से एक शूटर जिसका नाम राजेश तोमर है, क्रॉस फायरिंग में जख्मी हो गया था जबकि दूसरे शूटर संदीप सिंह बाबा को लखनऊ पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था।
क्या बदले और वर्चस्व की जंग को मिलेगा बढ़ावा
ऐसा माना जा रहा है कि कुख्यात सुंदर भाटी के जेल से बाहर आने पर वर्चस्व तथा बदले की जंग में और तेजी आने की उम्मीद बढ़ गई हैं। दरअसल नोएडा तथा उसके आसपास स्क्रैप एवं सरिया के कारोबार पर कब्जे को लेकर भी लगातार जंग चलती आ रही है जिसमें अब भाटी के दोबारा सक्रिय होने से हिंसा बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही हैं।
भाटी ने जमाया इलाके में अपना साम्राज्य
गौरतलब हैं कि सुंदर भाटी गैंग के ही एक बड़े प्रतिद्वंदी तथा माने जाने वाले अनिल दुजाना को यूपी एसटीएफ (STF) के द्वारा मई 2023 में हुई मुठभेड़ में मार गिराया गया था और अनिल दुजाना के मारे जाने के बाद अकेले सुंदर भाटी का पूरे इलाके में एक छत्र साम्राज्य हो गया है।
वही नोएडा के स्क्रैप कारोबार में अपना सिक्का जमाए हुए सुंदर भाटी गैंग के प्रतिद्वंदी माने जाने वाले तथा सपा नेता हरेंद्र नागर के भाई रवि काना पर नोएडा पुलिस पहले से ही सख्त तेवर और लगातार कार्यवाहीं को अंजाम दे रही हैं।
दरअसल नोएडा पुलिस के द्वारा रवि काना तथा उसकी गर्लफ्रेंड को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। आपको बता दें कि वर्तमान में रवि कान यूपी की बांदा जेल में बंद है।
बड़े दुश्मनों के बाद सुंदर भाटी का स्क्रैप कारोबार पर हो सकता है कब्जा
आपको बता दें कि रवि काना की गिरफ्तारी के पश्चात नोएडा पुलिस के द्वारा उसके गैंग के लोगों को एक-एक करके लगातार जेल भेज दिया गया। साथ ही काना की कई संपत्तियों को भी गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत जब्त कर लिया गया था।
ऐसे में 2 बड़े दुश्मनों के हटने के पश्चात सुंदर भाटी स्क्रैप कारोबार को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले सकता है जोकि रवि काना के जेल जाने के बाद यूपी के एक बड़े नेता तथा उनके कुछ करीबीयों की गिरफ्त में चल रहा हैं।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग और सुंदर भाटी गैंग कनेक्शन
इसके अतिरिक्त चर्चाएं तो ये भी तेज हैं कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग से भी सुंदर भाटी गैंग का बेहद खास संबंध हैं। इसके साथ ही यूपी के कुछ बड़े बड़े हत्याकांडों में भी इन दोनों गैंग के शामिल होने के तमाम कनेक्शन भी मिलते रहे हैं जो इस तरफ इशारा करते हैं जैसे लखनऊ में हुए पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड की यदि बात करें तो इसमें लॉरेंस गैंग का राजन जाट तथा सुंदर भाटी गैंग के राजेश तोमर एवं संदीप सिंह बाबा शामिल थे। ऐसी बात निकलकर सामने आई।
अनिल दुजाना की मौत से क्षेत्र में सुंदर भाटी का बढ़ता प्रभाव
दरअसल सुंदर भाटी के प्रतिद्वंदी अनिल दुजाना की साल 2023 के मई महीने में एक मुठभेड़ में ही मौत हो गई थी जिसके बाद से ही भाटी के द्वारा क्षेत्र में अपने दबदबे को काफी मजबूत करना शुरू कर दिया गया था। दुजाना की मौत के पश्चात से ही स्क्रैप कारोबार में भाटी की पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है, जिससे उसके प्रभाव का दायरा भी काफी बढ़ गया है।
रवि काना का डूबता साम्राज्य और सुंदर भाटी गैंग व लॉरेंस गैंग कनेक्शन
बता दें कि नोएडा पुलिस के द्वारा हाल ही में रवि काना तथा उसकी गर्लफ्रेंड को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल रवि काना उर्फ रविन्द्र नागर हरेंद्र नागर का ही भाई हैं जोकि अपने भाई की हत्या के मामले में सुंदर भाटी के खिलाफ मुख्य गवाह है। इसकी गिरफ्तारी के पश्चात भाटी का प्रभाव इलाके में और भी बढ़ गया हैं जोकि कुछ राजनीतिक विश्लेषकों की नज़र में सोची समझी गई चाल हैं, ज्यादा नजर आता हैं।
दरअसल कई जानकारों का यह भी मानना है कि अब सुंदर भाटी के जेल से बाहर आने के बाद हरेंद्र नागर के भाई रविन्द्र नागर जो सुंदर भाटी के खिलाफ गवाही देने वाले प्रमुख गवाह भी हैं, पर खतरा बढ़ सकता है।
वहीं दूसरी तरफ अपराध जगत में यह भी चर्चा तेज हो चली है कि सुंदर भाटी तथा लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच मज़बूत गठजोड़ बन चुका है, क्योंकि यूपी के कई हत्याकांडों में इन दोनों ही गैंगों के लिंक आमने सामने आ चुके हैं, जिनमें पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या का मामला सभी के सामने हैं।
क्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर बन सकती है गैंगवार की स्थिति?
अब ऐसा भी माना जा रहा है कि सुंदर भाटी की रिहाई के बाद वेस्ट यूपी में एक बार फिर से गैंगवार की स्थिति बन सकती है, जिससे कई क्षेत्रों में कानून व्यवस्था के बिगड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता जिसके लिए मजबूत क़ानून व्यस्था चाहिए न कि मजबूर कानून व्यस्था। बहरहाल सीएम योगी के नेतृत्व में वर्तमान कानून व्यस्था अपनी जगह सुदृढ़ और सजग हैं और उम्मीद हैं कि आम जनमानस के विश्वास और एक स्वस्थ्य लोकतंत्र की भावना में उत्तरोत्तर ही वृद्धि होगी।