गाजियाबाद जनपद के टीला मोड़ थाना क्षेत्र की पंचशील कॉलोनी के जंगल में 22 जून को साहिबाबाद पुलिस को एक सिर कटा लाश प्राप्त हुआ। मामले की जांच कर रही साहिबाबाद पुलिस ने दिल्ली से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। वहीं मुख्य आरोपी नेपाल भाग गया है। पुलिस आरोपी की तलाश में है।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली के ताहीरपुर निवासी विकास उर्फ मोटा और विकास उर्फ परमात्मा 10 महीने से एक साथ रह रहे थे। विकास उर्फ मोटा ऑटो चालक था, वही परमात्मा ई रिक्शा चलाया करता था। साथ ही परमात्मा एक तांत्रिक भी था।
परमात्मा ने एक दिन विकास उर्फ मोटा से कहा कि यदि किसी ऐसे व्यक्ति की खोपड़ी मिल जाए जिसके आगे पीछे कोई ना हो और उसकी खोपड़ी के साथ तंत्र क्रिया की जाए तो कमाई दो गुनी हो सकती है। परमात्मा की बातों में आकर विकास उर्फ मोटा ने जीटीबी एनक्लेव निवासी धनंजय के साथ मिल कर बिहार के मोतिहारी जिले के मूल निवासी राजू को अपना शिकार बनाया।
कैसे दिया घटना को अंजाम?
राजू नशे का आदी था। विकास उर्फ मोटा एवं धनंजय ने मिलकर राजू को 15 जून को अपने कमरे पर बुलाया और शराब पिलाकर उसे दोस्त बनाया। फिर 22 जून की रात 9:00 बजे राजू को फिर से शराब पीने अपने कमरे पर बुलाया। रात करीब 11:00 बजे गमछे से फंदा लगाकर राजू को पंखे से लटका दिया गया। 12:00 बजे रात जब आसपास के लोग सो गए तब ये लोग ऑटो में शव लेकर बाहर निकले। रात करीब 2:00 बजे टीला मोड़ थाना क्षेत्र के पंचशील कॉलोनी के जंगल में शव का गला काटकर बाल्टी में रखा और शव फेक दिया। रात करीब 2:30 बजे बाल्टी में कटा हुआ सिर लेकर ये लोग दिल्ली लौट आए।
सप्ताह भर करते रहे सिर की पूजा
शालीमार गार्डन के सहायक पुलिस आयुक्त सिद्धार्थ गौतम के अनुसार विकास उर्फ मोटा एवं विकास उर्फ परमात्मा करीब 10 महीने से साथ रहते थे। पूछताछ से जानकारी मिली कि बाल्टी में शव घर लाने के बाद सर धोकर चाकू से खाल अलग कर दिया गया। फिर खोपड़ी निकाल कर एक सप्ताह तक उसकी पूजा करते रहे।
आंख से खेले कंचे
जब परमात्मा खोपड़ी के साथ तंत्र क्रिया कर रहा था, तब धनंजय व विकास राजू के आंख से कंचे खेल करते थे। इन लोगों ने सर की खाल जीटीबी अस्पताल के पास नाले में फेंक दिया था। पुलिस की तलाशी में नाले से ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला।
खोपड़ी चटक गई इसलिए पूजा हुई बेअसर
पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने बताया कि एक सप्ताह तक खोपड़ी की पूजा करने के बाद परमात्मा ने धनंजय और विकास से कहा कि खोपड़ी चटक गई थी, इसलिए पूजा बेअसर हो गई। 3 जुलाई के बाद धनंजय एवं परमात्मा अपने गांव भाग गए।
बहुत शातिर था परमात्मा
पुलिस के अनुसार परमात्मा बहुत ही शातिर बुद्धि का व्यक्ति है। परमात्मा कीपैड फोन चलाता था और अपने नंबर से दूसरों के मोबाइल पर व्हाट्सएप चलाता था। अब पुलिस के डर से परमात्मा नेपाल भाग गया है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।