आखिरकार 9 दिन बाद खत्म हुआ किसानों का धरना प्रदर्शन: प्रशासन ने मानी किसानों की बात, समिति की रिपोर्ट की जायेगी सार्वजनिक और...
आखिरकार 9 दिन बाद खत्म हुआ किसानों का धरना प्रदर्शन

ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल ग्रेटर नोएडा में स्थित सूरजपुर कलेक्ट्रेट में पिछले करीब 9 दिनों से अपनी मांगों के लेकर डटे हुए थे और लगातार उनका धरना प्रदर्शन चल रहा था। इसी बीच आज यानि मंगलवार को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा तथा DCP शक्ति अवस्थी मौके पर ही किसानों से मिलने पहुंचे। इस दौरान जिलाधिकारी मनीष कुमार के द्वारा यह कहा गया कि आपकी समस्याओं का समाधान कर दिया गया है। आपकी जो भी मांगें थीं, उनमें से कुछ मांगें मान ली गई है। साथ ही कमेटी की जो रिपोर्ट किसानों के द्वारा मांगी जा रही थी वह बात भी मान ली गई है।

डीएम ने कहा समिति की रिपोर्ट की जा रही है सार्वजनिक:

दरअसल DM मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि किसान इस समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं तथा हम नहीं चाहते कि कोई भी किसान आंदोलन अथवा प्रदर्शन करें। इसलिए सरकार के द्वारा हमको आपकी समस्या के लिए ही यहां पर बैठाया गया है। इसलिए यह हमारा कर्तव्य बनता है कि आपकी हर समस्या को हल किया जाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा जो कमेटी गठित की गई थी तथा उसके द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट को भी सार्वजनिक करने के लिए कहा जा रहा था, वह रिपोर्ट भी अब आ गई है। उसको अब आपके सामने पेश किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा भी किसानों के काफी मुद्दे हैं, जिनका समाधान बहुत ही जल्द हो कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की हर बात को जिला प्रशासन ने लखनऊ तक पहुंचाया है।

मुआवजे तथा सर्कल रेट को लेकर था किसानों में भारी रोष:

दरअसल धरने का मुख्य विवाद किसानों को दिए जा रहे मुआवजे तथा 10% प्लॉट के मुद्दे जुड़ा हुआ है। किसानों का यह आरोप है कि गोरखपुर में नई कानून व्यवस्था के अंतर्गत किसानों को उनकी जमीन का 4 गुना मुआवजा दिया जा रहा है।जबकि दूसरी तरफ गौतमबुद्ध नगर में किसानों को यह मुआवजा बाजार दर से भी बेहद कम है। पिछले करीब 10 वर्षों से जानबूझकर सर्कल रेट में कोई संशोधन नहीं किया गया है, जिससे किसानों को 4 गुना मुआवजा नहीं देना पड़े।

क्या कहा भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने:

वहीं भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा के द्वारा यह कहा गया है कि यह रिपोर्ट किसानों के उनके ही साहस से प्राप्त हुई है। लेकिन कई बार इससे पहले भी लिखित रूप में अन्य कई प्रकार की रिपोर्ट्स मिल चुकी हैं, इसे धरातल पर उतारने के लिए अभी भी हमारी लड़ाई बाकी है। उन्होंने आगे कहा कि मैं इस धरने को आर-पार की लड़ाई करार देता हु। साथ ही उन्होंने कहा कि विधायक तथा सांसद हाई पावर समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने में विफल रहे, किंतु किसानों के दबाव के चलते ही प्रशासन को यह रिपोर्ट सार्वजनिक करनी ही पड़ी।

आखिर किस वजह से किसानों का बढ़ रहा था गुस्सा:

दरअसल इस धरना प्रदर्शन का मुख्य लक्ष्य सरकार के द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट को ही सार्वजनिक करवाना है। दरअसल पहले चरण में 10% प्लॉट वाले मुद्दे पर प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसके पश्चात शासन के द्वारा प्रस्ताव पर विचार कर के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था।जिसकी रिपोर्ट को 31 अगस्त को ही मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दी गई थी। हालांकि समिति की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई थी। जिस वजह से किसानों में असंतोष तथा गुस्सा बढ़ता जा रहा था।

क्या कहा किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ.रुपेश वर्मा ने:

वहीं किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ.रुपेश वर्मा के द्वारा यह कहा गया कि यह धरना हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट को ही सार्वजनिक कराने के लक्ष्य से शुरू किया गया था। एनटीपीसी (NTPC) किसानों के रोजगार, डीएमआईसी (DMIC), पेरीफेरल एक्सप्रेसवे तथा हाइटेक सिटी जैसे कई बड़े प्रोजेक्ट्स से संबंधित समस्याओं को लेकर ही किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहेथे। फिलहाल अब जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के पश्चात अधिकारियों के साथ 1 महीने के भीतर ही सभी समस्याओं के समाधान के लिए बातचीत कराने का भी आश्वासन दिया गया है।

अन्य खबरे