साइबर ठगो ने मंत्री को ही लगाया 2.08 करोड़ का चुना: जानें कैसे यूपी के कैबिनेट मंत्री का बेटा बनकर मंत्री के अकाउंटेंट को साइबर ठगो ने बनाया बेवकूफ?
साइबर ठगो ने मंत्री को ही लगाया 2.08 करोड़ का चुना

प्रयागराज: प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव से 2.08 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में साइबर थाने की दो टीमों को तुरंत जांच के लिए लगा दिया गया है। क्राइम ब्रांच भी सक्रिय रूप से मामले की पड़ताल कर रही है। जिन बैंक खातों में रकम ट्रांसफर की गई है, उनके बारे में जरूरी जानकारी एकत्र की जा रही है। हालांकि फिलहाल इस मामले में पुलिस अधिकारी कुछ भी स्पष्ट बयान देने से बच रहे है।

मंत्री का बेटा बनकर अकाउंटेंट से मांगे पैसे

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता के अकाउंटेंट, रितेश श्रीवास्तव, साइबर ठगों का शिकार बने। दो दिन पहले साइबर अपराधियों ने मंत्री नन्दी के बेटे की फोटो को अपनी व्हाट्सएप डीपी पर लगाया और रितेश को एक संदेश भेजा। संदेश में लिखा था कि वे एक महत्वपूर्ण बिजनेस मीटिंग में व्यस्त हैं, और यह उनका नया नंबर है। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि उन्हें तुरंत पैसों की जरूरत है क्योंकि मीटिंग काफी देर तक चलने वाली है। इसके बाद ठगों ने रितेश को तीन बैंक खातों के नंबर भेजकर उसमें रुपये ट्रांसफर करने को बोला।

तीन बार में ट्रांसफर किए गए 2.08 करोड़ों रुपये

रितेश ने बिना किसी से चर्चा किए तीन बार में कुल 2.08 करोड़ रुपये बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब उसे एहसास हुआ कि मंत्री के बेटे ने ऐसा कोई संदेश नहीं भेजा है, तो वह घबरा गया। इस घटना की जानकारी जब मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी को मिली, तो उन्होंने तुरंत पुलिस अधिकारियों को सूचित किया।

सभी 3 बैंक खातों को फ्रिज करने में लगी पुलिस

मामले की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारियों में खलबली मच गई। साइबर थाने में केस दर्ज किया गया और साइबर थाने की दो टीमों को जांच के लिए लगा दिया गया। इसके अलावा, क्राइम ब्रांच की टीम भी जांच में जुट गई। ठगों के बताए गए बैंक खातों का विवरण प्राप्त करने के लिए बैंक अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है, और खातों को फ्रीज करने के लिए तुरंत ईमेल भेजा गया है।

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं और बैंक खातों के बारे में भी जानकारी हासिल हो गई है। हालांकि, अभी तक कोई भी पुलिस अधिकारी इस मामले में कोई औपचारिक बयान देने के लिए तैयार नहीं है।

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