सीएम ने दिए टीबी उन्मूलन अभियान को लेकर सख्त निर्देश: घर-घर जाकर लोगों की करनी होगी स्क्रीनिंग, जानें क्या है टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य, पूरी खबर विस्तार से…
सीएम ने दिए टीबी उन्मूलन अभियान को लेकर सख्त निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा बीते शुक्रवार को राज्य में चलाए जा रहे “टीबी उन्मूलन अभियान” की समीक्षा की गई। जिसमें उन्होंने अभियान से जुड़े अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं, जैसे कि कोविड प्रबंधन की तर्ज पर ही टीबी उन्मूलन अभियान को भी चलाया जाए। 

साथ ही ट्रेस, टेस्ट एवं ट्रीट की नीति को अपनाते हुए टीबी के लक्षण के आधार पर सभी लोगों की स्क्रीनिंग करके उनकी जांच कराएं तथा टीबी की पुष्टि होने पर तत्काल रूप से उनका उपचार भी शुरू करें। इसके अतिरिक्त 15 जिलों में चलाए जा रहे इस 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान का अब विस्तार करके सभी 75 जिलों में चलाए जाने का भी निर्देश दिया गया है।

2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को करना है प्राप्त:

बता दें कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारियों से भी वह जुड़े रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा कहा गया कि कोरोना महामारी के दौरान हमारे प्रदेश यानि उत्तर प्रदेश का कोविड प्रबंधन देशभर के लिए एक माडल बनकर सामने उभरा था। 

जिसकी सराहना पूरे विश्व के द्वारा की गई थी। ऐसे में उसे ही अब आधार बनाकर टीबी उन्मूलन की दिशा में आगे बढ़ा जाए। एनएनएम (NNM), आंगनबाड़ी तथा आशा वर्कर घर-घर जाकर सभी लोगों की स्क्रीनिंग करें। ताकि साल 2025 तक “टीबी मुक्त भारत” का जो लक्ष्य रखा गया है, उसको तेजी के साथ पूरा किया जा सके।

प्रदेश के 15 जिलों में चल रहा है 100 द‍िवसीय टीबी उन्मूलन अभ‍ियान:

इसके अतिरिक्त योगी आद‍ित्‍यनाथ के द्वारा कहा गया है कि राज्य के 15 जिलों में बीते 7 दिसंबर से चल रहे इस 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान के परिणाम काफी संतोषजनक हैं। साथ ही इस अभियान का असर जनता की जागरूकता एवं बीमारी की कमी में भी दिखा है।

साथ जनभागीदारी बढ़ाने हेतु प्रतिष्ठित व्यक्तियों तथा भूतपूर्व प्रशासनिक अधिकारियों समेत पूर्व कुलपतियों, जन प्रतिनिधियों, धार्मिक नेताओं, उद्योगों, विभिन्न विभागों, गैर सरकारी संगठनों तथा टीबी से ठीक हुए सभी रोगियों यानी टीबी चैंपियनों तथा निक्षय मित्रों एवं निजी स्वास्थ्य क्षेत्र की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए।

ऑनलाइन तरीके से वेब पोर्टल पर भी अपडेट हों सभी गत‍िव‍िध‍ियां:

इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा कहा गया क‍ि टीबी उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे इस अभियान की मानीटरिंग के लिए एक पोर्टल भी विकसित किया जाएं। ताकि इस पोर्टल पर टीबी उन्मूलन को लेकर जो भी गतिविधियों चलाई जा रही हैं, उनको हर दिन अपडेट किया जाए।

साथ ही मुख्यमंत्री के द्वारा कहा गया है कि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के स्तर से सभी मंत्रियों समेत सांसदों एवं विधायकों तथा अन्य जन प्रतिनिधियों को भी पत्र भेजकर टीबी उन्मूलन में सक्रिय रूप से भागीदारी करने की अपील की जाए। यही नहीं मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव स्तर पर भी इस अभियान की साप्ताहिक, पाक्षिक एवं मासिक समीक्षा की जाए।

बैठक में मौजूद रहे कई उच्च अधिकारी:

आपको बता दें कि इस बैठक में कई उच्च अधिकारी भी मौजूद रहे। जैसे इस बैठक में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह समेत मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह तथा कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

वहीं बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी जिलों के जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्साधिकारी समेत मुख्य विकास अधिकारी की एक त्रिस्तरीय कमेटी का भी गठन किया जाए। दरअसल यह कमेटी इस अभियान की नियमित रूप से समीक्षा करें। 

सुविधाएं बढ़ने के साथ ही ज्यादा टीबी रोगी किए जा सके चिह्नित:

दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा यह कहा गया है कि टीबी की जांच एवं उपचार की सुविधाओं में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। टीबी नोटिफिकेशन 3 वर्ष पहले करीब 4.46 लाख था, जबकि वर्तमान में अब यह बढ़कर करीब 6.59 लाख हो गया है। वहीं निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत साल 2018 से लेकर अब तक डीबीटी (DBT) के माध्यम से कुल 36 लाख मरीजों को करीब 766 करोड़ रुपये की धनराशि भी भेजी गई है। 

इसके साथ ही टीबी उपचार की सफलता दर, जो सा 2017 में लगभग 79 प्रतिशत हुआ करती थी वह अब पहले से अधिक बढ़कर तकरीबन 91.5 प्रतिशत तक हो गई है। वहीं टीबी के मरीजों को गोद लेने के लिए अधिक से अधिक “निक्षय मित्र” बनाने पर भी जोर दिया जायेगा।

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