उत्तर प्रदेश में नोएडा के सेक्टर-167 में ब्रह्म सरोवर का निर्माण किया जाएगा। बता दें कि यह सरोवर करीब 4 हेक्टेयर में बनाया जायेगा। वहीं इसके लिए कंसल्टेंट कंपनी का भी चयन कर लिया गया है। दरअसल कंपनी के द्वारा इस सप्ताह अपना फाइनल प्रेजेंटेशन प्राधिकरण के CEO के सामने रखा जायेगा।
वहीं डिजाइन के अप्रूव होने के पश्चात इसके निर्माण के लिए टेंडर भी जारी किया जाएगा। दरअसल यह ब्रह्म सरोवर जिस जगह पर बनाया जाएगा, वह पूरा एरिया करीब 29 हेक्टेयर का है। साथ ही यह ग्रीन बेल्ट भी है। इसलिए इसके वास्तविक रूप के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
लोग कई सुविधाओं के साथ प्रकृति का ले सकेंगे आनंद:
आपको बता दें कि सरोवर के चारो तरफ जंगल होगा।
वहीं 4 हेक्टेयर का सरोवर तथा उसके अलावा करीब 7 हेक्टेयर में रीक्रिएशन एक्टिविटी भी होगी। जिसमें फूड कोर्ट, एम्फीथियेटर तथा वॉकिंग ट्रैक को भी शामिल किया जाएगा। इसी का डिजाइन अब तैयार किया जा रहा है।
ऐसा बताया जा रहा है कि इस 11 हेक्टेयर के अतिरिक्त पूरा एरिया घने के जंगल में दिखाई देगा, जो यहां पर आने वाले लोगों को प्रकृति के बेहद पास होने का भी आनंद देगा।
इसके अतिरिक्त घूमने के लिहाज से नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा जो लोग आगरा अथवा लखनऊ को जा रहे है, वह भी यहां पर कुछ देर रुक कर इस सुंदर प्रकृति का आनंद ले सकेंगे। हालांकि इसका टिकट होगा अथवा नहीं इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
सरोवर में होगी बोटिंग की सुविधा:
बता दें कि इस सरोवर के बीचों बीच में एक कमल के आकार का फाउंटेन भी लगाया जाएगा। साथ ही यहां पर बोटिंग भी की जा सकेगी। इसके लिए प्लान तैयार किया गया है। पहले चरण में कितनी बोट चलेंगी, यह संचालन करने वाली कंपनी ही तय करेगी।
वहीं सेक्टर-168 में लगे हुए 2 STP जिनकी क्षमता करीब 150 MLD की है। वहां से ही तालाब में साफ होने के पश्चात पानी आया करेगा। इस प्रकार पानी का भी फिर से उपयोग किया जा सकेगा। दरअसल अथॉरिटी में यह पूरा प्रोजेक्ट वर्क सर्कल-9 के क्षेत्र में आ रहा है।
PPP मॉडल पर किया जाएगा निर्माण:
दरअसल यह ब्रह्म सरोवर PPP यानि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर बनाया जाएगा। अर्थात डिजाइन होने के पश्चात जो कंपनी इसका निर्माण करेगी, इसके संचालन तथा रखरखाव की जिम्मेदारी भी उसी की होगी।
राजस्व के लिए 30 तथा 70 का रखा जाएगा रेशियो:
इसका अर्थ यह हुआ कि महीने में कुल आय का 30 फीसदी हिस्सा कंपनी के द्वारा नोएडा प्राधिकरण को देना होगा। वहीं निर्माण लागत निकालने के लिए कंपनी यहां पर फूड कोर्ट, बोटिंग तथा कैफिटेरिया के अलावा विज्ञापन के राइट्स ले सकती है। हालांकि उसे अधिक कंस्ट्रक्शन नहीं करने दिया जा सकता है, क्योंकि इसका लैंड यूज एक ग्रीन बेल्ट है।
40 करोड़ रुपए की आएगी लागत:
आपको बता दें कि सलाहकार कंपनी के द्वारा इस सरोवर का डिजाइन तैयार किया जा रहा है। वहीं इसे तरह डिजाइन किया जा रहा है ताकि इसके निर्माण में खर्च होने वाली लागत तकरीबन 40 करोड़ के आसपास ही रहे। हालांकि फाइनल अप्रूवल के बाद ही इसका निर्माण शुरू होगा। जिसे 6 से 8 महीने में पूरा करना होगा।