यूपी: पीलीभीत में हुए पुलिस एनकाउंटर के बाद जांच एजेंसियों को आतंकियों के नेटवर्क से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के आतंकी कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू जो इंग्लैंड से संचालित हो रहा था इस पूरी साजिश का मुख्य सूत्रधार है। उस पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। सिद्धू पंजाब के विहिप नेता विकास बग्गा की हत्या की साजिश में भी शामिल था।
होटल बुकिंग से खुली परतें
पीलीभीत के पूरनपुर में आतंकियों के लिए होटल का इंतजाम करने में सिद्धू ने अहम भूमिका निभाई। उसने इंग्लैंड से गजरौला जप्ती के निवासी जसपाल उर्फ सनी को फोन कर आतंकियों के लिए होटल में कमरा बुक कराया। जसपाल और उसके साथी दीपक ने मिलकर हरजी होटल में आतंकियों को ठहराने की व्यवस्था की। पुलिस को होटल के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जसपाल का सुराग मिला जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में जसपाल ने सिद्धू और आतंकियों से जुड़े कई महत्वपूर्ण राज खोले।
मुठभेड़ में बरामद हुए हथियार
23 दिसंबर की सुबह हुई मुठभेड़ में पुलिस ने जसनप्रीत, गुरविंदर सिंह और वरिंदर सिंह नामक तीन आतंकियों को मार गिराया। उनके पास से दो मॉडिफाइड एके-47 राइफल, दो ग्लॉक पिस्तौल और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ। अब पुलिस, एनआईए और एटीएस मिलकर सिद्धू के नेटवर्क की परतें खोलने में जुटी हैं।
सिद्धू और बब्बर खालसा का कनेक्शन
सिद्धू का संबंध पाकिस्तान में बैठे बब्बर खालसा इंटरनेशनल के प्रमुख वधावा सिंह उर्फ बब्बर से बताया जा रहा है। सिद्धू पहले हरियाणा के यमुनानगर का निवासी था लेकिन बाद में वह इंग्लैंड चला गया और वहीं से आतंकियों का नेटवर्क चलाने लगा। पंजाब के रूपनगर जिले में विहिप नेता विकास बग्गा की हत्या की साजिश में सिद्धू की मुख्य भूमिका रही है। बग्गा की हत्या 13 अप्रैल को नंगल में एक हलवाई की दुकान पर कर दी गई थी।
फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि सिद्धू ने आतंकियों के लिए पूरनपुर में ठहरने और उनके अगले कदमों की योजना के लिए फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों का इंतजाम किया। वह खुद भी डेढ़ साल तक पूरनपुर और गजरौला जप्ती गांव में रह चुका है। उस दौरान उसने स्थानीय लोगों के साथ संपर्क स्थापित किया और फर्जी पासपोर्ट और वीजा बनाने में भूमिका निभाई।
सुपारी की रकम और स्थानीय संपर्क
सूत्रों के अनुसार विहिप नेता विकास बग्गा की हत्या के लिए दी गई सुपारी की रकम पूरनपुर के एक युवक के खाते में आई थी। बाद में इस रकम को शूटर के खाते में ट्रांसफर किया गया। एनआईए और पुलिस इस कड़ी को जोड़ने में लगी हैं और स्थानीय स्तर पर सिद्धू के संपर्कों की गहन छानबीन कर रही हैं।
पुलिस की जांच तेज़
पीलीभीत के एसपी अविनाश पांडेय ने बताया कि जसपाल उर्फ सनी को जेल भेज दिया गया है और सिद्धू के नेटवर्क की जांच की जा रही है। इंग्लैंड से फोन करने वाले सिद्धू की पहचान हो चुकी है लेकिन उसे पकड़ना अभी बाकी है। पुलिस और जांच एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि सिद्धू ने आतंकियों को पूरनपुर लाने और यहां से बाहर भेजने का भरोसा क्यों दिलाया।
आतंकियों को दूसरे देश भेजने की थी योजना
पुलिस के अनुसार आतंकियों की योजना पूरनपुर से दूसरे देशों में जाने की थी। इस साजिश में सिद्धू का पूरा सहयोग था। एनआईए, एटीएस और पुलिस मिलकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आतंकियों को किन देशों में भेजा जाना था और इस काम में किस-किस का सहयोग मिलने वाला था।
हर छोटी-बड़ी कड़ी जोड़ने में जुटी जांच एजेंसियां
सिद्धू और उसके नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। जांच एजेंसियां स्थानीय स्तर पर सिद्धू के संपर्कों और फर्जी दस्तावेजों से जुड़े मामलों की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। जल्द ही पुलिस और एनआईए इस साजिश के सभी पहलुओं का खुलासा कर सकती हैं।
इस मामले ने एक बार फिर आतंकियों के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क और उनके स्थानीय संपर्कों को उजागर कर दिया है। पुलिस और जांच एजेंसियां हर छोटी-बड़ी कड़ी जोड़ने में जुटी हैं ताकि इस खतरनाक नेटवर्क का पूरी तरह से पर्दाफाश हो सके।