आज रहेगा भारत बंद: जानें क्या है मुख्य वजह, क्या खुलेगा और कौन सी सेवाएं होंगी ठप, जानें पूरी खबर विस्तार से?
आज रहेगा भारत बंद

अनुसूचित जाति तथा जनजाति के आरक्षण में क्रीमीलेयर सिद्धांत लागू करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पूरे देश के विभिन्न संगठनों के द्वारा आज यानि 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया गया है। जिसमे बसपा समेत कई अन्य पार्टियां भी इस बंद का समर्थन करती दिख रही हैं।

किन सवालों पर करेंगे चर्चा:

1)ऐसे में सवाल यह हैं कि आखिर भारत बंद क्यों बुलाया गया है? 

2)सुप्रीम कोर्ट का वह कौन-सा फैसला है, जिसका विरोध सभी बड़े दलित संगठन कर रहे हैं? 

3)दलित संगठनों की आखिर क्या मांगे हैं? 

4)भारत बंद के समय क्‍या-क्‍या खुलेगा तथा क्या क्या बंद रहेगा।

क्या है आखिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर सिद्धांत को लेकर फैसला सुनाते हुए यह कहा गया था कि सभी SC तथा ST जातियां एवं जनजातियां एक समान वर्ग की नहीं हैं। इसमें कुछ जातियां अधिक पिछड़ी भी हो सकती हैं। 

उदाहरण के लिए जैसे सीवर की सफाई करने वाले तथा बुनकर का काम करने वाले। यह दोनों जातियां SC कैटेगिरी में आती हैं, लेकिन इन जातियों के लोग बाकियों की अपेक्षा अधिक पिछड़े हैं। 

इसलिए इन लोगों के उत्थान हेतु राज्‍य सरकारों के द्वारा एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण अर्थात सब-क्लासिफिकेशन करके अलग से कोटा भी निर्धारित कर सकती है। वहीं ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद-341 के खिलाफ नहीं मन जायेगा।

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कोटे के अन्दर कोटा निर्धारित करने के फैसले के साथ ही सभी राज्यों को जरूरी हिदायतें भी दी गई थी। कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकारें अपनी मनमर्जी से इसके बारे में फैसला नहीं कर सकतीं हैं। इसमें भी कोर्ट ने 2 शर्त लागू की थी।

क्‍या हैं यह 2 शर्तें:

1)राज्य सरकार SC के भीतर किसी भी एक जाति को पूरा 100% आरक्षण नहीं दे सकतीं है।

2)एससी में शामिल होने वाली किसी जाति का कोटा तय करने से पूर्व उसकी हिस्सेदारी का बेहद पुख्ता डेटा भी होना चाहिए।

शीर्ष कोर्ट ने बदला अपना 2004 का फैसला:
 
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा यह फैसला उन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुनाया गया था, जिनमें यह कहा गया था कि एससी तथा एसटी के आरक्षण का फायदा वर्तमान में उनमें शामिल सिर्फ कुछ ही जातियों को मिल रहा है। 

जबकि इसमें कई जातियां अभी भी पीछे रह गई हैं। इसलिए उन्हें मुख्यधारा में लाने हेतु कोटे में कोटा होना जरूरी है। इस दलील के आड़े आ रहे 2004 के फैसले को कोर्ट ने बदल दिया, जिसमें यह कहा गया था कि अनुसूचित जातियों का उप वर्गीकरण नहीं कर सकते हैं।

गूगल पर ट्रेंड कर रहा है भारत बंद:

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ ही सभी बड़े दलित संगठनों के द्वारा 21 अगस्‍त को बड़े स्तर पर 'भारत बंद' करने का आह्वान किया जा रहा है। जिसके बाद सुबह से ही भारत बंद का हैसटैग गूगल पर ट्रेंड कर रहा है। 

क्या सर्च किया जा रहा है भारत बंद के बारे:

पूरे देश में भारत बंद को लेकर लोगों के द्वारा अलग-अलग कीवर्ड से इसके बारे में सर्च किया जा रहा है। जैसे- 

क्या कल भारत बंद रहेगा?
कल भारत क्‍यों बंद रहेगा?
भारत बंद, भारत बंद टुमारो, 
कल भारत बंद है अथवा नहीं आदि?

कौन-कौन सी पार्टियां भारत बंद का कर रहीं हैं समर्थन:

देशभर के सभी दलित संगठनों के द्वारा 21 अगस्त यानि आज भारत बंद का एलान किया गया है। जिसके बाद इनको बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद तथा भारत आदिवासी पार्टी मोहन लात रोत का भी खुलकर समर्थन मिल रहा है। वहीं इसके साथ कांग्रेस समेत कुछ अन्य पार्टियों के नेता भी इसके समर्थन में हैं।

किन किन राज्‍यों में भारत बंद पर किया जा रहा है अधिक सर्च:

आपको बता दें कि भारत बंद को लेकर कई बड़े राज्यों जैसे राजस्‍थान, बिहार, मध्‍यप्रदेश, झारखंड तथा छत्तीसगढ़ में तेजी के साथ भारत बंद के बारे में सर्च किया जा रहा है। हालांकि इसके अतिरिक्त देश भर में भी इसके बारे में लगातार गूगल सर्च और हैसटैग चलाया जा रहा है। 

BSP महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने एक्स पर लिखा:

उन्होंने लिखा कि हम सभी जानते हैं कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के उप वर्गीकरण वाले फैसले का पुरजोर विरोध किया जा रहा है। इसलिए बहन जी के दिशानिर्देश पर BSP के सभी छोटे व बड़े कार्यकर्ताओं से इसके बारे में अपील भी की।

उन्होंने कहा कि BSP के नीला झंडा तथा हाथी निशान के नीचे 21 अगस्त 2024 को किए जाने वाले भारत बंद में शामिल हों तथा जनता को खासकर दलित, वंचित, शोषित, अल्पसंख्यक तथा न्याय पसंद लोगों को भी उप वर्गीकरण के बारे में जागरूक करें।

साथ ही उन्होंने यह हुई अपील की है कि बसपा के सभी कार्यकर्ता भारत बंद में अनुशासित तथा संवैधानिक तरीके के साथ ही बड़ी संख्या में शामिल हों। ताकि हम संविधानिक रूप से इसका विरोध कर सकें।

आखिर भारत बंद करने वालों की क्या है मुख्य मांग:

दरअसल भारत बंद बुलाने वाले सभी दलित संगठनों की मुख्य मांग यही हैं कि सुप्रीम कोर्ट अपने कोटे में कोटा देने वाले फैसले को तुरंत वापस ले अथवा उस पर पुनर्विचार करे।  

आइए जानते हैं कि भारत बंद के दौरान देश में क्‍या रहेगा बंद:

हालांकि भारत बंद को लेकर फिलहाल अभी तक किसी भी राज्‍य सरकार के द्वारा आधिकारिक तौर पर कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। लेकिन पुलिस-प्रशासन को इसको लेकर अलर्ट पर रखा गया है। वहीं विरोध प्रदर्शन के समय जनता की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भी अधिकारी व्यापक रूप से कदम उठा रहे हैं।  

1)भारत बंद के दौरान कई राज्यों में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।

2)वहीं कुछ जगहों पर निजी दफ्तर भी बंद किए जा सकते हैं।

यह सभी सेवाएं रहेंगी जारी:

बता दें कि 21 अगस्त को भारत बंद के समय अस्पताल तथा एंबुलेंस जैसी सभी आपातकालीन सेवाएं नियमित रूप से चालू रहेंगी। वहीं बैंक दफ्तर तथा सरकारी कार्यालयों को बंद रखने संबंधी फिलहाल अभी तक कोई भी आदेश सरकार की ओर से नहीं आया है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि बुधवार को बैंक तथा सरकारी दफ्तर भी खुलें रह सकते हैं।

आइए जानते हैं कि क्या है रोस्टर सिस्टम:

दरअसल इसमें सरकारी नौकरी में हर चौथा पद OBC का, हर 7वां पद SC का, हर 14वां पद ST का तथा हर 10वां पद EWS के लिए रिजर्व होना चाहिए। हालांकि,3 से कम पदों पर भर्ती हेतु कोई रिजर्वेशन लागू नहीं होता है।

वहीं आपको बता दें कि यदि सरकार के द्वारा कानून की तकनीकी वजहों का फायदा उठाते हुए अलग-अलग विभागों से 3 से कम पदों के लिए विज्ञापन जारी किए गए हैं। तो इसलिए इसमें रिजर्वेशन भी लागू नहीं होता है।

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