ग्रेटर नोएडा-दादरी मार्ग पर बनेगा छह लेन का ओवरब्रिज: ग्रेटर नोएडा फेस 2, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और दादरी तक की यात्रा होगी सहज और तीव्र
ग्रेटर नोएडा-दादरी मार्ग पर बनेगा छह लेन का ओवरब्रिज

ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा और दादरी के बीच सफर को सरल और तेज बनाने के उद्देश्य से पल्ला के पास स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर बन रहा रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) अब छह लेन का होगा। पहले इस ओवरब्रिज को चार लेन का बनाया जा रहा था, लेकिन आईआईटीजीएनएल (इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड) की पहल पर दो अतिरिक्त लेन जोड़ी जा रही हैं। ये अतिरिक्त दो लेन एमएमटीएच और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में आवागमन को सुगम बनाने के लिए जोड़ी गई हैं, और इसका खर्च आईआईटीजीएनएल वहन करेगा।

मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब का हो रहा है विकास

आईआईटीजीएनएल द्वारा बोड़ाकी के पास मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) विकसित किया जा रहा है, जो इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। एमएमटीएच का उद्देश्य यात्रियों और औद्योगिक इकाइयों के लिए आवागमन के प्रमुख साधनों को एक जगह इकट्ठा करना है। इस हब में तीन प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं: पहला, ग्रेटर नोएडा रेलवे टर्मिनल का विकास, जहां से पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे क्षेत्रों में जाने वाली 50 से अधिक ट्रेनें संचालित होंगी। यह यात्रियों के लिए एक बड़ा लाभ होगा, क्योंकि अब उन्हें दिल्ली, नई दिल्ली या आनंद विहार रेलवे स्टेशन जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। दूसरा, अंतर्राज्यीय और लोकल बस अड्डे का निर्माण किया जाएगा, जो क्षेत्रीय और स्थानीय यात्रा को आसान बनाएगा। तीसरा, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो कनेक्टिविटी की योजना है, जिससे स्थानीय स्तर पर आवागमन और भी सरल होगा।

194 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा रेलवे ओवरब्रिज

यह सभी परियोजनाएं वर्तमान में अपने अंतिम कागजी चरण में हैं और अगले छह महीनों में इनका निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। रेलवे ओवरब्रिज पर पहले से चार लेन का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जिसे अब छह लेन में परिवर्तित करने की योजना है। इस परियोजना का कुल खर्च लगभग 194 करोड़ रुपये है, जिसमें से 75 करोड़ रुपये का योगदान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा दिया जाएगा, जबकि शेष धनराशि डीएफसीसी (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन) वहन करेगा।

पुल निर्माण से होंगे कई फायदे

पुल के निर्माण से ग्रेटर नोएडा और दादरी के बीच यात्रा करने वाले लोगों को अनेक लाभ होंगे। यह पुल न केवल ग्रेटर नोएडा रेलवे टर्मिनल तक की पहुंच को आसान बनाएगा, बल्कि ग्रेटर नोएडा के 105 मीटर चौड़े मार्ग को भी एनएच-91 से जोड़ेगा, जिससे यातायात तेज और सुगम होगा। इसके अलावा, एमएमटीएच और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए आवागमन और सुविधाजनक होगा। आईआईटीजीएनएल और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण मिलकर 60 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण भी जल्द शुरू करेंगे, जिससे दादरी और ग्रेटर नोएडा फेस 2 के बीच आवाजाही में और भी सुधार होगा।

ग्रेटर नोएडा फेस 2, जो क्षेत्रीय विकास की एक महत्वपूर्ण परियोजना है, को इस पुल से काफी लाभ होगा। यहां के लोगों और उद्योगों के लिए बेहतर परिवहन सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे औद्योगिक और आवासीय विकास में तेजी आएगी। इस सड़क के निर्माण से न केवल आवागमन तेज होगा, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे इस क्षेत्र में निवेशकों और कंपनियों के लिए एक बेहतर वातावरण तैयार होगा।


औद्योगिक विकास के साथ-साथ रोजाना यात्रा करने वाले हजारों लोगों को मिलेगी राहत : सीईओ (ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण)

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ और आईआईटीजीएनएल के प्रबंध निदेशक एनजी रवि कुमार ने कहा कि पल्ला-बोड़ाकी के पास बन रहा रेलवे ओवरब्रिज न केवल मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि ग्रेटर नोएडा और दादरी के बीच रोजाना यात्रा करने वाले हजारों लोगों को राहत प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह पुल ग्रेटर नोएडा फेस 2 के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा। इसके अलावा, यह पुल राष्ट्रीय राजमार्ग और औद्योगिक क्षेत्रों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा, जिससे क्षेत्र में विकास की संभावनाएं और मजबूत होंगी।

रवि कुमार ने यह भी कहा कि इस पुल के निर्माण से ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में यातायात का दबाव कम होगा और औद्योगिक इकाइयों के साथ-साथ निवासियों को भी फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और आईआईटीजीएनएल मिलकर इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए कई परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं, जिनमें सड़क, मेट्रो और रेलवे कनेक्टिविटी शामिल है, और इस ओवरब्रिज का निर्माण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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