लखनऊ से दिल दहला देनी वाली वारदात आई सामने : 1 लाख के मोबाइल के चक्कर में डिलीवरी बॉय की बेरहमी से हत्या, शव के टुकड़े कर नहर मे फेंका?
लखनऊ से दिल दहला देनी वाली वारदात आई सामने

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बेहद सनसनीखेज और दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, मामला लखनऊ के चिनहट इलाके का है, जहां तीन युवकों ने मिलकर एक डिलीवरी ब्वॉय की बेरहमी से हत्या कर दी। यह हत्या सिर्फ दो महंगे मोबाइल फोन और कुछ नकदी लूटने के लिए की गई, जो कुल मिलाकर लगभग एक लाख रुपये की कीमत के थे।

 डिलीवरी ब्वॉय की हत्या के बाद उसके शव को टुकड़ों में काटकर बैग में भर दिया गया और फिर उसे बाराबंकी के माती इलाके की इंदिरा नहर में फेंक दिया गया। इस घटना ने न केवल लखनऊ बल्कि पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इंस्टा कार्ड प्राइवेट लिमिटेड मे काम करता था भरत

घटना के केंद्र में भरत कुमार प्रजापति हैं, जो अमेठी जिले के जामो क्षेत्र के निवासी थे। 32 वर्षीय भरत अपनी पत्नी अखिलेश कुमारी के साथ लखनऊ के चिनहट इलाके में सतरिख रोड स्थित सविता विहार कॉलोनी में रहते थे। वह एक डिलीवरी एजेंसी, इंस्टा कार्ड प्राइवेट लिमिटेड में काम करते थे, और रोज़ाना की तरह 24 सितंबर की दोपहर वह 49 ग्राहकों का सामान डिलीवर करने के लिए निकले थे। उस दिन शाम को वह वापस नहीं लौटे, जिससे उनकी गुमशुदगी का संदेह पैदा हुआ। हब इंचार्ज आदर्श कोष्टा ने इस बात की जानकारी भरत के परिजनों को दी और चिनहट थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।


दो मोबाइल फोन के लिए कर दी हत्या
 
पुलिस की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि इस हत्या की साजिश पहले से रची गई थी। मुख्य आरोपी हिमांशु कनौजिया ने अपने फोन से दो महंगे मोबाइल ऑर्डर किए थे, जिनकी कीमत करीब एक लाख रुपये थी। जब भरत ने मोबाइल डिलीवर करने के लिए संपर्क किया, तो हिमांशु ने गजानन नामक शख्स को कॉल पर लिया और भरत को गजानन से बात कराई, जिसने उसे बताया कि वह मोबाइल रिसीव करेगा। भरत दोपहर में मोबाइल लेकर जब दिए गए पते पर पहुंचा, तो गजानन ने उसे घर के अंदर बुलाया। अंदर पहुंचते ही गजानन और आकाश नामक अन्य आरोपी ने मिलकर उसे काबू में कर लिया। उन्होंने पहले उसका गला घोंटकर उसकी हत्या की और फिर उसके पास से मोबाइल और नकदी लूट ली।

शव के किये टुकड़े-टुकड़े

पुलिस को शक है कि हत्या के बाद आरोपियों ने शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उसे डिलीवरी ब्वॉय के बैग में भर दिया। इसके बाद, आरोपियों ने उस बैग को लेकर बाराबंकी के माती इलाके में इंदिरा नहर के पास जाकर फेंक दिया। पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला कि आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम देने के बाद मृतक भरत का मोबाइल फोन इस्तेमाल किया, जिससे पुलिस उनकी ट्रैकिंग कर सकी। भरत के मोबाइल की आखिरी लोकेशन आरोपियों के घर के पास पाई गई, और फिर कॉल डिटेल के जरिए हिमांशु और गजानन की जानकारी हासिल की गई। इस जानकारी से पुलिस को शक हुआ, और जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, तो पाया गया कि भरत आखिरी बार गजानन के घर के अंदर गया था, लेकिन उसके बाहर निकलने की कोई फुटेज नहीं मिली।

नहर में शव की तलाश जारी

इसके बाद पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तेजी से कार्रवाई की और हिमांशु और आकाश को धर दबोचा। पूछताछ के दौरान जब इन दोनों से सख्ती से पूछा गया, तो उन्होंने अपराध कबूल कर लिया और पूरी घटना का खुलासा कर दिया। हालांकि, तीसरा आरोपी गजानन अभी भी फरार है, और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमें तैनात हैं। इस बीच, एसडीआरएफ की टीम शव की तलाश में नहर की तलाशी अभियान चला रही है ताकि भरत के शरीर के टुकड़े बरामद किए जा सकें।

कहीं हत्या के पीछे कोई और वजह तो नहीं?

पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं हत्या की कोई और वजह तो नहीं थी। भरत के पिता राम मिलन, जो खादी ग्रामोद्योग विभाग में काम करते हैं, ने बताया कि गजानन पहले भी भरत के साथ उसी कंपनी में काम कर चुका है। ऐसे में पुलिस इस संभावना पर भी गौर कर रही है कि कहीं गजानन और भरत के बीच किसी पुराने विवाद की वजह से तो यह हत्या नहीं की गई। हालांकि, अब तक की जांच में लूटपाट को ही हत्या की मुख्य वजह माना जा रहा है।

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