उत्कृष्ट राजस्व कार्यों के लिए यूपी के 7 जिलाधिकारी हुए सम्मानित: राजस्व परिषद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ली जानकारी, जानें पूरी खबर विस्तार से…
उत्कृष्ट राजस्व कार्यों के लिए यूपी के 7 जिलाधिकारी हुए सम्मानित

राजस्व परिषद के द्वारा उत्तर प्रदेश में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कुल 7 जिलाधिकारियों को सम्मानित किया गया है। दरअसल इन सभी जिलों में लगभग ई खतौनी का काम पूरा किया जा चुका। वहीं घरौनी बनाने का काम भी दिसंबर माह तक तक शत प्रतिशत पूरा कर लिया जाएगा।

राजस्व परिषद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ली पूरी जानकारी:

दरअसल राजस्व परिषद के अध्यक्ष डा. रजनीश दुबे के द्वारा बीते सोमवार को उत्तर प्रदेश के 18 मंडलायुक्तों तथा 12 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्व कार्यों तथा रियल टाइम खतौनी के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की गई। 

जिसमे उन्हें यह बताया गया है कि e-खतौनी का काम शत प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। इस दौरान मुख्य रूप से विविध देयों की वसूली करना, राजस्व वादों का निस्तारण करना, सीमा स्तंभ अभियान की प्रगति तथा अभिलेखों का आधुनिकीकरण करने पर चर्चा की गई।

इन जिलाधिकारियों को किया गया सम्मानित:

1)आगरा के DM भानु चंद्र गोस्वामी

2)मिर्जापुर की DM प्रियंका निरंजन

3)उन्नाव DM गौरांग राठी

4)सहारनपुर DM मनीष बंसल

5)रामपुर DM जोगेंद्र सिंह

6)सुल्तानपुर की DM ज्योत्सना

7)जालौन डीएम राजेश कुमार पांडे

अपवादों को छोड़कर प्रदेश के सभी जिलों में पूरा किया जा रहा है काम:

दरअसल राजस्व परिषद के अध्यक्ष को यह बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में लगभग सभी जनपदों में यदि कुछ अपवादों को छोड़ दें तो ई-खतौनी का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। जहां पर चकबंदी चल रही है, वहां का काम भी किया जा रहा है। 

इसके अतिरिक्त अब किसानों के साथ बैंकों तथा भूमि के खरीददारों को इंटरनेट के जरिए से ही खतौनी की प्राविष्टियों की सही स्थिति के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। इसके लिए अब उन्हें इंतजर नहीं करना पड़ेगा। साथ ही इससे पारदर्शी व्यवस्था भी लागू हो सकेगी।

CM योगी की प्राथमिकताओं में है स्वामित्व योजना:

वहीं राजस्व परिषद के अध्यक्ष के द्वारा यह भी कहा गया है कि स्वामित्व योजना (घरौनी) प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभी प्राथमिकताओं में से एक है। 
वहीं सर्वे ऑफ इंडिया के सहयोग से शेष सभी गांवों में सितंबर माह तक ड्रोन के माध्यम से यह दोबारा कराई जा रही है तथा इसका पर्यवेक्षण भी मंडलायुक्तों के द्वारा किया जाएगा।

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