साल 2024 शेष बचे कुछ दिनों के पश्चात समाप्त होने वाला है। वहीं नया साल सभी के लिए भले ही काफी कुछ नया लाने वाला हो, लेकिन इस पूरी दुनिया के लिए साल 2024 भी काफी महत्वपूर्ण रहा है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इस वर्ष कई बड़ी बड़ी घटनाएं भी हुईं हैं जो इतिहास में हमेशा याद रखी जाएंगी।
इसलिए हम चाहें बात करें अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा की या फिर लेबनान में हुए पेजर अटैक की। इन सभी घटनाओं ने इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया है। अतः आज हम आपको साल 2024 में देश तथा दुनिया में घटी उन घटनाओं के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिन्होंने इतिहास रच दिया है।
1)अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा:
साल 2019 में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पश्चात अयोध्या में लंबे समय से चला आ रहा राम जन्मभूमि तथा बाबरी मस्जिद विवाद समाप्त हो गया। साथ ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया तथा 22 जनवरी साल 2024 को मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी कर दी गई।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान बने। वहीं इस कार्यक्रम में देश-दुनिया की सभी बड़ी व दिग्गज हस्तियों को भी बुलाया गया था। अतः इस ऐतिहासिक पल का भारत देश साक्षी बना था। वहीं अब प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर 22 जनवरी 2025 को कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
2) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका में हुई वापसी:
साल 2024 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव भी हुए। वहीं डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा इस चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की गई। इलेक्टोरल कॉलेज में ट्रंप को कुल 295 तथा कमला हैरिस को कुल 226 वोट मिले। अब डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी साल 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
वहीं डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार अब अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। साल 2020 की तुलना में भी ट्रंप के द्वारा युवाओं के बीच भी बेहतरीन प्रदर्शन किया गया है। इनकम टैक्स कम करने का एलान तथा इमीग्रेशन का मुद्दा ट्रंप की जीत के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ है।
3)अयोध्या में हुई भाजपा की हार:
बता दें कि भारत में हुए लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम 4 जून को घोषित किए गए थे। जिसमें 400 पार का नारा देने वाली बीजेपी इस बार सिर्फ 240 सीटें ही जीत पाई है। वहीं उत्तर प्रदेश में भाजपा को कुल 80 सीटों में से केवल 37 सीटें मिलीं हैं। जबकि 2 सीटें उसके सहयोगी दल रालोद तथा 1 सीट अपना दल को मिली हैं।
वहीं भाजपा के लिए इस चुनाव में सबसे निराश करने वाला नतीजा तो उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रहा। दरअसल जिस अयोध्या में धूमधाम से सरकार के द्वारा राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी, वहीं की फैजाबाद लोकसभा सीट पर SP यानि समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद के द्वार भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को करीब 50 हजार से ज्यादा वोटों से मात दे दी गई थी।
4)तिरुपति का लड्डू विवाद:
साल 2024 में आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद के रूप में लड्डू में मिलावट का मामला सबके सामने आया था। दरअसल आरोप लगा था कि प्रसाद को बनाने में जिस भी मिलावटी घी का उपयोग किया जा रहा है, वह जानवरों की चर्बी तथा फिश ऑयल से बना हुआ था। वहीं विवाद की जड़ें पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी तक भी पहुंचीं थीं।
दरअसल टीडीपी सरकार के द्वारा जून 2024 में सीनियर आईएएस (IAS) अधिकारी जे. श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम का नया एक्जीक्यूटिव ऑफिसर नियुक्त किया गया था। उन्होंने ही प्रसाद की क्वालिटी के लिए जांच के आदेश दिए थे।
5)आरजी कर मेडिकल कॉलेज का हादसा:
साल 2024 के अगस्त माह में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार तथा हत्या का मामला सबके सामने आया था। वहीं घटना के आरोपी संजय रॉय को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया था। साथ ही कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष पर भी प्रशासन के द्वारा शिकंजा कसा गया था।
वहीं घटना के पश्चात से ही कोलकाता सहित पूरे पश्चिम बंगाल में काफी बड़े स्तर पर प्रदर्शन भी हुए थे। वहीं कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के पश्चात पूरे मामले की जांच सीबीआई (CBI) को सौंप दी गई थी। वहीं 11 नवंबर से इस मामले में ट्रायल भी शुरू हो गया है।
6)बांग्लादेश में छात्र आंदोलन का व्यापक रूप:
दरअसल साल 1971 में बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों को वहां की सरकारी नौकरियों में कुल 30 फीसदी का कोटा दिया जाता था। इस कोटे के विरोध में ही बांग्लादेश में छात्रों के द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया गया था। वहीं धीरे-धीरे यह प्रदर्शन हिंसक झड़प के रूप में बदल गया।
अंतत: आंदोलन को देखते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपना देश छोड़कर बाहर भागना पड़ा था। वहीं हसीना के द्वारा भारत में शरण ली गई। जबकि बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार भी बन गई। ऐसा माना जा रहा है कि साल 2025 के अंत तक या फिर 2026 की शुरुआत में बांग्लादेश में फिर से चुनाव भी कराए जा सकते हैं।
7)सीरिया में हुआ तख्तापलट:
दरअसल सीरिया काफी लंबे वक्त से गृह युद्ध से लगातार जूझ रहा था। वहीं राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ कई सारे गुट सीरिया में लड़ाई भी लड़ रहे थे। 27 नवंबर को विद्रोही गुट के द्वारा शहरों पर कब्जा करना शुरू किया गया तथा अपनी पकड़ मजबूत की गई। इसके पश्चात मुख्य गुट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के द्वारा बशर अल असद को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया।
वहीं असद के जाने के पश्चात दमिश्क तथा होम्स समेत सीरिया के कई अन्य शहरों में जश्न भी मनाया गया। सीरिया में असद परिवार पिछले करीब 53 साल से लगातार शासन कर रहा था। विद्रोहियों के खिलाफ लड़ने के लिए असद सरकार रूस तथा ईरान पर निर्भर थी। जबकि विद्रोही गुट को तुर्कीए का पूरा समर्थन था।
8)लेबनान पर हुआ पेजर ब्लास्ट अटैक:
आपको बता दें कि लेबनान में हिजबुल्लाह के लड़ाकों को मारने हेतु इजरायल के द्वारा पेजर को अपने हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया। बता दें कि इसमें बैटरी के पास एक विस्फोटक लगाया गया तथा फिर सही समय आने पर उसमें धमाका कर दिया गया था। दरअसल हिजबुल्लाह के लड़ाके लंबे समय से इसका इस्तेमाल कर रहे थे, लेकिन उनको इसकी भनक तक नहीं लगी थी।
9) नरेंद्र मोदी बने तीसरी बार प्रधानमंत्री, जबकि राहुल गांधी बने नेता प्रतिपक्ष:
रायबरेली से सांसद तथा कांग्रेस के नेता राहुल गांधी 2024 में हुए चुनाव के पश्चात पहली बार लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बने। आपको बता दें कि करीब 10 साल पश्चात लोकसभा को नेता प्रतिपक्ष मिला है, क्योंकि बीते दो चुनावों में कांग्रेस सहित किसी अन्य पार्टी के पास नेता प्रतिपक्ष के लिए आवश्यक 10 फीसदी सीट शेयर नहीं था। अतः ऐसे में कोई भी पार्टी नेता प्रतिपक्ष के लिए अपना दावा पेश नहीं कर पाई थी।
जबकि दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनें। हालांकि तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को गठबंधन का सहारा लेना पड़ा है। आपको बता दें कि इससे पहले सिर्फ जवाहर लाल नेहरू ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जो लगातार 3 बार देश के प्रधानमंत्री बने थे।
10)HIV की बनी वैक्सीन:
आपको बता दें कि HIV यानि ह्यूमन इम्नयूनोडेफिशिएंसी वायरस की वैक्सीन खोजने का रिकॉर्ड भी इस वर्ष यानी साल 2024 के खाते में दर्ज हो गया है। दरअसल इस इंजेक्शन को लेनकापाविर नाम दिया गया है। बता दें कि फेज 3 के ट्रायल के समय इसे कुल 96 फीसदी तक इफेक्टिव पाया गया है। जिसके पश्चात HIV से निजाद पाने की काफी उम्मीद बढ़ गई हैं।