बहुत सी बीमारियों में कुदरत का अनोखा नुस्खा है 'पत्थरचट्टा': जानें क्या है पत्थरचट्टा, इसके फायदे और क्या है इसके इस्तेमाल का सही तरीका....
बहुत सी बीमारियों में कुदरत का अनोखा नुस्खा है 'पत्थरचट्टा'

लाइफस्टाइल: हमारी प्रकृति ने हमें कई सारे ऐसे तोहफे दिए हैं, जिनमें औषधीय गुण बेहद ही भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है पत्थरचट्टा का पौधा। आयुर्वेद की दुनिया में सदियों से पत्थरचट्टा का इस्तेमाल अलग अलग प्रकार की बीमारियों के इलाज में लिए किया जाता आ रहा है। बता दें कि यह कैंसर, डायबिटीज, फंगल इन्फेक्शन, सूजन और साथ ही किडनी की पथरी के जैसी कई सारी गंभीर बीमारियों के लिए बेहद फायदेमंद है। पत्थरचट्टा के पत्तों का रस पीना या फिर पत्तियों को पीसकर उसका लेप बनाना इसके कुछ एक सामान्य इस्तेमाल हैं। आइए, अब इस आर्टिकल में आपको इसके लाजवाब फायदे के बारे में और साथ ही इसके इस्तेमाल के सही तरीके के बारे में बताते हैं।


जानें क्यों फायदेमंद है पत्थरचट्टा?

सांस से जुड़ी हुई समस्याओं से राहत

बता दें कि आयुर्वेद में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल खांसी और सांस से जुड़ी हुई बीमारियों के लिए किया जाता है। इसके अंदर एक खास तरह का गुण होता है जो आपके कफ को कम करता है। अगर आपको खांसी या फिर दमा जैसी कोई भी परेशानी है, तो आप ऐसे में पत्थरचट्टा के पत्ते को पीसकर इसका रस पी सकते हैं। इससे आपको काफी ज्यादा आराम मिलेगा।

आपकी इम्युनिटी को बूस्ट करने में मददगार

इसके अलावा पत्थरचट्टा में पाए जाने वाले अलग-अलग तरह के बायोएक्टिव कंपाउंड के कारण यह हमारी इम्युनिटी को भी काफी मजबूत बनाने में बेहद फायदेमंद है। नियमित रूप से लगातार इसके पत्तों का सेवन करने से हमारे शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने की बहुत क्षमता मिलती है और कई तरह की बीमारियों से भी इससे बचा जा सकता है।

सूजन जैसी समस्याओं से दिलाए छुटकारा

इसके साथ ही पत्थरचट्टा, अपनी सूजनरोधी क्षमताओं के लिए भी काफी जाना जाता है, जो गठिया जैसी बीमारियों में जोड़ों में हुई सूजन और दर्द को कम करने में बहुत असरदार है। इसके नियमित सेवन करने से गठिया, गाउट और साथ ही अन्य सूजन से जुड़ी हुई सभी समस्याओं से राहत मिल सकती है। यह खासतौर से गठिया से जुड़ी हुई सूजन, दर्द और साथ में लालिमा को कम करने में बहुत ज्यादा मददगार होता है।


ब्लड शुगर को करता है कंट्रोल

वहीं पर अध्ययन बताते हैं कि पत्थरचट्टा में हाइपोग्लाइसेमिक नाम के गुण होते हैं, जिसका मतलब है कि यह हमारे शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में हमारी मदद कर सकता है। यह प्रभाव पत्थरचट्टा में मौजूद एक फेनिल एल्काइल ईथर नामक एक बायोएक्टिव एंजाइम की वजह से हो सकता है, जो हमारे शरीर में इंसुलिन के प्रोडक्शन को एक्टिव करके शरीर में शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।

आइए जानें कैसे करें पत्थरचट्टा का इस्तेमाल?

पत्थरचट्टा के पत्ते हमारी सेहत से जुड़ी हुई कई सारी समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में जाने जाते हैं। अगर आपको कोई भी घाव, चोट या फिर त्वचा से संबंधी कोई भी समस्या है, तो पत्थरचट्टा के पत्तों को कुचलकर अपने प्रभावित हिस्से पर लगाने से आपको काफी ज्यादा आराम मिल सकता है। इसके रस या फिर काढ़े का सेवन करने से किडनी का स्टोन, हाई ब्लड प्रेशर और साथ में कोलेस्ट्रॉल जैसी गंभीर समस्याओं में भी बहुत फायदा मिल सकता है।

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