स्पोर्ट्स डेस्क: सिडनी टेस्ट में भारतीय टीम ने 46 साल का सूखा खत्म करने का सपना देखा था लेकिन उसे छह विकेट की हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ऑस्ट्रेलिया ने न केवल सीरीज 3-1 से अपने नाम की बल्कि 10 साल बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी जीत ली। ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 162 रन चाहिए थे जिसे उसने आसानी से चार विकेट खोकर हासिल कर लिया।भारत ने इस सीरीज की शुरुआत पर्थ में शानदार जीत के साथ की थी। हालांकि इसके बाद एडिलेड और ब्रिस्बेन में भारतीय टीम को हार झेलनी पड़ी। मेलबर्न टेस्ट ड्रॉ कराकर भारत ने सीरीज को बराबरी पर लाने की उम्मीद जगाई थी लेकिन सिडनी टेस्ट में खराब प्रदर्शन के चलते वह ट्रॉफी बचाने में नाकाम रही।
बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन
भारतीय बल्लेबाजी सिडनी टेस्ट में पूरी तरह से बिखर गई। पहली पारी में भारतीय टीम मात्र 185 रनों पर सिमट गई। हालांकि गेंदबाजों ने कमाल दिखाते हुए ऑस्ट्रेलिया को 181 रनों पर ऑलआउट कर भारत को वापसी का मौका दिया। दूसरी पारी में भारत को चार रनों की मामूली बढ़त मिली लेकिन पूरी टीम 157 रन बनाकर ढेर हो गई और ऑस्ट्रेलिया के सामने 162 रनों का आसान लक्ष्य रख पाई।
दूसरी पारी में ऋषभ पंत ने सबसे ज्यादा 61 रन बनाए लेकिन अन्य बल्लेबाज बड़ा योगदान नहीं दे सके। दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने 141 रन पर छह विकेट गंवा दिए थे। रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर से तीसरे दिन एक बड़ी साझेदारी की उम्मीद थी लेकिन कमिंस ने जडेजा (13) और सुंदर (12) को जल्दी आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।इसके बाद भारतीय पारी जल्द ही सिमट गई। मोहम्मद सिराज चार रन बनाकर स्कॉट बोलैंड का शिकार बने। उसके बाद बोलैंड ने जसप्रीत बुमराह को बोल्ड कर भारतीय पारी का अंत किया।
ऑस्ट्रेलिया की आसान जीत
162 रनों का लक्ष्य हासिल करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की टीम ने शानदार शुरुआत की। जसप्रीत बुमराह के चोटिल होने के कारण भारत के गेंदबाजी आक्रमण पर असर पड़ा। बुमराह पीठ में जकड़न के चलते दूसरे दिन का खेल पूरा नहीं कर सके और तीसरे दिन गेंदबाजी करने नहीं उतरे।ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज सैम कोनस्टास ने तेज शुरुआत करते हुए पहले ओवर में 13 रन बटोरे। हालांकि प्रसिद्ध कृष्णा ने उनकी पारी का अंत कर भारत को पहली सफलता दिलाई। कृष्णा ने इसके बाद मार्नस लाबुशेन (6) और स्टीव स्मिथ (4) को आउट कर भारत को मुकाबले में वापस लाने की कोशिश की।ट्रेविस हेड और उस्मान ख्वाजा ने संयम से खेलते हुए टीम को जीत के करीब पहुंचाया। ख्वाजा 46 रन बनाकर मोहम्मद सिराज का शिकार बने। इसके बाद हेड ने बेयू वेबस्टर के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाई। हेड 34 रन और वेबस्टर 39 रन बनाकर नाबाद रहे।
भारत की WTC फाइनल की उम्मीदें खत्म
सिडनी टेस्ट में मिली हार ने भारत से न सिर्फ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी छीनी बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने का सपना भी तोड़ दिया। फाइनल में जगह बनाने के लिए भारत को इस मैच में हर हाल में जीत दर्ज करनी थी जो संभव नहीं हो सका। दूसरी ओर इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया ने WTC फाइनल के लिए अपनी जगह पक्की कर ली है। अब फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला साउथ अफ्रीका से होगा।भारतीय टीम के लिए यह हार एक बड़ा सबक साबित हो सकती है। खासकर बल्लेबाजों के असफल प्रदर्शन और बुमराह की चोट ने टीम को मुश्किल में डाल दिया। गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन बल्लेबाजी में निरंतरता की कमी ने भारत को हार की ओर धकेल दिया।