नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बाद चीन एक और वायरस के प्रकोप से जूझ रहा है। इस बार मामला ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का है। रिपोर्ट्स के अनुसार इस वायरस के कारण चीन के अस्पतालों में बेड्स की कमी हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह वायरस कोविड-19 जैसी स्थिति पैदा कर सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस उतना खतरनाक नहीं है जितना बताया जा रहा है। यह एक सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस है जो फ्लू जैसे लक्षण उत्पन्न करता है।
क्या है HMPV?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक RNA वायरस है जो न्यूमोवायरिडे फैमिली के मेटाप्न्यूमोवायरस श्रेणी से संबंधित है। पहली बार 2001 में डच वैज्ञानिकों ने इस वायरस की खोज की थी। यह वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र (रेस्पिरेटरी सिस्टम) को प्रभावित करता है और फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है। HMPV बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में अधिक समस्या पैदा कर सकता है। यह वायरस सर्दी-जुकाम से लेकर निमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर श्वसन समस्याओं का कारण बन सकता है। यह वायरस खांसने, छींकने, संक्रमित सतहों को छूने और व्यक्ति-से-व्यक्ति संपर्क के माध्यम से फैलता है। हालांकि सामान्य स्थितियों में यह वायरस गंभीर खतरा नहीं है और इसके लक्षण फ्लू की तरह ही होते हैं।
HMPV के लक्षण और असर
HMPV वायरस के लक्षण कोरोना वायरस से मिलते-जुलते हैं। बुखार, खांसी, जुकाम, बदन दर्द जैसे लक्षण इसके सामान्य संकेत हैं। कुछ मामलों में निमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में यह अधिक असर डाल सकता है।
यह वायरस RNA वायरस है, जो मेटाप्न्यूमोवायरस श्रेणी में आता है। पहली बार 2001 में नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने इसे खोजा था। यह वायरस श्वसन तंत्र के ऊपरी और निचले हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि विशेषज्ञ इसे गंभीर स्थिति के रूप में नहीं देखते।
कैसे फैलता है HMPV?
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। खांसने, छींकने, हाथ मिलाने और दूषित सतह को छूने से यह आसानी से फैल सकता है। संक्रमित होने के 3-5 दिनों के भीतर इसके लक्षण नजर आने लगते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस सालभर मौजूद रहता है लेकिन सर्दियों में इसके मामले अधिक देखे जाते हैं। इसकी गंभीरता का स्तर मरीज की इम्यूनिटी पर निर्भर करता है। कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में यह अधिक असर डाल सकता है।
चीन में क्यों बढ़ रही है चिंता?
कोविड-19 के अनुभव के कारण चीन के लोग किसी भी नए वायरस से डरते हैं। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि चीन में अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है और कई जगहों पर बेड्स की कमी हो रही है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में अस्पतालों में भीड़ और श्मशान घाटों पर बढ़ती भीड़ को दिखाया जा रहा है।
HMPV के अलावा चीन में इन्फ्लूएंजा ए, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोविड के मामलों में भी वृद्धि दर्ज की जा रही है। इस स्थिति ने लोगों में भय पैदा कर दिया है कि कहीं यह वायरस कोविड की तरह रूप बदलकर जानलेवा न बन जाए।
क्या भारत में भी है खतरा?
भारत में विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। यह पहले भी कई देशों में देखा जा चुका है। 2023 में चीन, नीदरलैंड, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में इसके मामले सामने आए थे। लेकिन यह वायरस भारत में गंभीर खतरा पैदा नहीं करता।
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि भारत में सर्दियों के दौरान रेस्पिरेटरी वायरस सामान्य हैं। अस्पतालों में मरीजों की संख्या में कोई असामान्य वृद्धि नहीं देखी गई है। स्थिति सामान्य है और चिंता की कोई बात नहीं है।
भारत में स्थिति सामान्य
भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों का मानना है कि यहां HMPV के कारण कोई गंभीर स्थिति नहीं है। दिल्ली मेडिकल काउंसिल के चेयरमैन डॉ. अरुण गुप्ता का कहना है कि भारत में HMPV के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है। यह एक सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस है जिसके लक्षण फ्लू से मिलते-जुलते हैं।
सर्दियों के मौसम में फ्लू और अन्य श्वसन संक्रमण सामान्य हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि लोग घबराएं नहीं और बचाव के उपाय अपनाएं। विशेषज्ञों के अनुसार भारत के अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
HMPV से बचाव के उपाय
HMPV से बचाव के लिए वही उपाय कारगर हैं जो कोविड-19 के दौरान अपनाए गए थे:
1. मास्क पहनें: भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का उपयोग करें।
2. हाथ धोना: नियमित रूप से हाथ धोएं और सैनेटाइजर का उपयोग करें।
3. भीड़ से बचें: सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।
4. स्वस्थ जीवनशैली: इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पोषक आहार और व्यायाम करें।
5. डॉक्टर की सलाह: किसी भी लक्षण के प्रकट होने पर डॉक्टर से सलाह लें और बिना परामर्श दवाएं न लें।
लोगों को क्या करना चाहिए?
भारत में सर्दियों के दौरान खांसी, जुकाम और बुखार के मामले आम हैं। HMPV को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। बस सावधानी बरतें और अपनी सेहत का ध्यान रखें।
:- समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लें।
:- फ्लू जैसे लक्षणों पर नजर रखें और किसी भी गंभीर समस्या के लिए चिकित्सकीय सहायता लें।
:- घर के बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें।
पैनिक होने की जरूरत नहीं
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस है, जो फ्लू जैसे लक्षण उत्पन्न करता है। हालांकि चीन में इसके कारण स्थिति बिगड़ने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन भारत में इसका कोई बड़ा खतरा नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार यह वायरस सर्दियों के दौरान अधिक सक्रिय रहता है लेकिन इससे निपटने के लिए भारत के अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह तैयार हैं।
सावधानी और जागरूकता ही HMPV से बचाव का सबसे बेहतर तरीका है। कोविड-19 जैसी स्थिति बनने की संभावना फिलहाल नहीं है। लोगों को पैनिक होने के बजाय स्वच्छता और स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए।