दिव्या दत्ता ने इस एक सलाह से चखा स्टारडम!: यश चोपड़ा की “वीर जारा” में मिला साइड रोल करने से घबरा रही थी दिव्या तब मां की एक सलाह ने बना दिया करियर
दिव्या दत्ता ने इस एक सलाह से चखा स्टारडम!

एंटरटेनमेंट डेस्क: बॉलीवुड अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने अपने अभिनय से हिंदी सिनेमा में एक अलग पहचान बनाई है। भाग मिल्खा भाग, वीर जारा और मंटो जैसी फिल्मों में अपनी भूमिकाओं से उन्होंने दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी। अपने करियर में उन्होंने कई यादगार किरदार निभाए लेकिन उनका सपना हमेशा से लीड एक्ट्रेस बनने का था। हालांकि उनके करियर की शुरुआत साइड रोल्स से हुई जिस विषय पर उन्होंने हाल ही में खुलकर बात की है। आइए जानते हैं उनके फिल्मी सफर की शुरुआत की कहानी।

‘‘इश्क में जीना इश्क में मरना’’ से शुरू हुआ फिल्मी सफर

दिव्या दत्ता ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में साल 1994 में "इश्क में जीना इश्क में मरना" से कदम रखा। हालांकि वह अपनी असली शुरुआत 2004 में आई यश चोपड़ा की क्लासिक फिल्म "वीर जारा" को मानती हैं। इस फिल्म ने उनके करियर को एक नई दिशा दी। दिव्या ने बताया कि जब उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था तब उनका सपना था कि यश चोपड़ा उन्हें एक लीड हीरोइन के तौर पर लॉन्च करें। हालांकि यह सपना उनकी उम्मीद के मुताबिक नहीं हुआ। लेकिन इंडस्ट्री में छह-सात साल के संघर्ष के बाद उन्हें "वीर जारा" में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका मिला।

यशराज फिल्म्स से जुड़ने का मौका

दिव्या ने बताया कि जब उन्हें यशराज फिल्म्स से बुलावा आया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। फिल्म की कहानी सुनते समय उनके सामने यश चोपड़ा और आदित्य चोपड़ा बैठे थे। कहानी सुनने के बाद उन्हें बताया गया कि इस फिल्म में शाहरुख खान, प्रीति जिंटा, रानी मुखर्जी, हेमा मालिनी और अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गज कलाकार हैं। उन्हें "शब्बो" का किरदार निभाने का प्रस्ताव दिया गया। उस समय उनके मन में यह सवाल था कि अगर उन्होंने यह रोल किया तो कहीं उन्हें भविष्य में भी ऐसे ही सहायक भूमिकाएं न करनी पड़ें।

मां की सलाह ने बदला नजरिया

यशराज फिल्म्स उस समय बॉलीवुड का सबसे बड़ा प्रोडक्शन हाउस था और यश चोपड़ा की फिल्में हमेशा मील का पत्थर मानी जाती थीं। ऐसे में दिव्या की मां ने उन्हें एक महत्वपूर्ण सलाह दी। उन्होंने कहा, "इतना अच्छा काम करो कि लोग यह पूछें कि यह लड़की कौन है।" मां की इस बात ने दिव्या को प्रेरित किया और उन्हें सीखने की भूख और मेहनत करने की ऊर्जा दी।

"वीर जारा" ने बदल दी जिंदगी

जब फिल्म का प्रीमियर हुआ तो दिव्या ने पहली बार स्टारडम का अनुभव किया। इंटरवल के बाद जब वह बाहर आईं तो लोग उनके बारे में चर्चा कर रहे थे। यह उनके लिए एक अप्रत्याशित अनुभव था। उन्होंने महसूस किया कि यश चोपड़ा की फिल्म "वीर जारा" उनके लिए एक नए लांच जैसा था। इस फिल्म ने न केवल उनकी पहचान बनाई बल्कि उन्हें एक बेहतरीन अभिनेत्री के तौर पर स्थापित किया।

दिव्या दत्ता का यह सफर हमें यह सिखाता है कि सही मौके का इंतजार और मेहनत ही सफलता की कुंजी है। उनके करियर की कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे है।

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