उत्तर प्रदेश: यूपी के प्रयागराज में उस वक्त हड़कंप मच गया जब संगम नगरी इलाके में स्थित परेड ग्राउंड में अचानक भयंकर आग लग गई। दरअसल यह अग्निकांड महाकुंभ में तंबुओं का शहर बसाने वाले लल्लूजी टेंट हाउस के गोदाम में हुआ। वहीं सूचना पाते ही आग पर काबू पाने के लिए मौके पर फायर ब्रिगेड की तमाम गाड़ियां पहुंच गई।बता दें कि दूर दूर तक सिर्फ आग की लपटे तथा धुआं ही नजर आ रहा था। हालांकि अग्निकांड की सूचना फायर ब्रिगेड तथा पुलिस को दी गई, जिससे आनन-फानन में फायर ब्रिगेड के साथ ही पुलिस एवं दूसरे विभागों के अधिकारी वहां पर पहुंचे। फिर आग बुझाने का काम शुरू कर दिया गया। इतना ही नहीं आग पर काबू पाने हेतु सेना भी बुलानी पड़ी।
टेंट गोदाम में आग लगने के कारणों का किया जा रहा पता
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक आज यानि शनिवार की सुबह करीब 7 बजे प्रयागराज के संगम इलाके में परेड ग्राउंड से टेंट हाउस में अचानक आग लगने की सूचना मिली। करीब 3 किलोमीटर की दूरी से आग की ऊंची-ऊंची लपटें सभी को दिखाई दे रही थीं।
हालांकि अच्छी बात यह है कि अब तक किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है। वहीं अभी तक आग लगने की वजह अभी साफ नहीं है। आपको बता दें कि लल्लूजी की कंपनी बांस, बल्ली तथा टेंट सप्लाई का काम करती है।
आग बुझाते वक्त दमकलकर्मियों के शरीर पर पड़ रहे हैं छाले:
आपको बता दें कि आग की तपिश इतनी अधिक है कि दमकलकर्मियों के शरीर पर छाले तक पड़ रहे हैं। पुलिस द्वारा करीब 2 किलोमीटर के क्षेत्र को बिल्कुल सील कर दिया है। वहीं आसपास के इलाके के लोगों को भी अलर्ट कर दिया गया है। प्रयागराज डीएम भी वहां मौके पर पहुंच गए हैं। हालांकि आग कैसे लगी है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
दरअसल यह गोदाम शास्त्री ब्रिज के बीच में काली सड़क पर है। वहीं बताया जा रहा है कि सुबह करीब 7 बजे गोदाम में मजदूर छोटे सिलेंडर पर खाना बना रहे थे और तभी अचानक सिलेंडर फट गया। इसके बाद पूरे गोदाम में आग लग गई। आग की लपटें देखकर गोदाम में सो रहे सभी कर्मचारी तथा आसपास के लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई।
रेत पर बनाते हैं तंबुओं का शहर:
गौरतलब है कि लोगों के द्वारा यह बताया जा रहा है कि सालों से लल्लू जी की यह कंपनी संगम इलाके में रेत पर तंबुओं के शहर बसाने का काम करती आई है। वहीं महाकुंभ के पश्चात बड़ी संख्या में बांस-बल्लियां, टेंट के पर्दे एवं अन्य सामानों को इस गोदाम में रखा गया था। आपको बता दें कि लल्लूजी एंड संस कंपनी के दफ्तर प्रयागराज के परेड ग्राउंड के अतिरिक्त झूंसी, रामबाग समेत नैनी में भी हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई घटना की पूरी कहानी:
वहीं घटना के पश्चात प्रत्यक्षदर्शियों के द्वारा यह बताया गया है कि आग इतनी भीषण थी कि किसी को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए, ताकि आग पर काबू हो सके। आग लगने के कुछ ही देर बाद उसकी लपटें आसमान छूने लगी थीं। हालांकि लोगों ने कहा कि आग भड़कने का कारण गैस सिलिंडर भी है।
वहीं आननफानन में पुलिस तथा अग्निशमन विभाग को सूचना दी गई। इसके बाद दमकल के कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं एवं आग बुझानी शुरू की है। फिलहाल खबर लिखे जाने तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। वहीं अग्निशमन विभाग के कर्मचारी लगातार आग बुझाने में लगे हुए हैं। लेकिन किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं मिली है।
महाकुंभ और कुंभ में टेंट लगाना मानते हैं अपनी जिम्मेदारी:
दरअसल लल्लू जी टेंट हाउस का कारोबार दिल्ली समेत उज्जैन, हरिद्वार तथा अहमदाबाद में भी है। वहीं साल 2025 में हुए महाकुंभ के लिए देश के करीब 6 शहरों से लल्लूजी कंपनी की तत्व से सामान मंगवाए गए थे। कंपनी का मानना है कि प्रयागराज में महाकुंभ और कुंभ जैसे अवसर पर टेंट लगाना इनकी जिम्मेदारी है।
वहीं महाकुंभ अथवा कुंभ मेले में कपड़े के टेंट से लेकर बांस-बल्ली समेत थाने-चौकी बनाने का काम भी हमे से लल्लूजी की कंपनी के जिम्मे ही रहा है। महाकुंभ में टेंट बनाने की जिम्मेदारी लगभग 10 वेंडर्स को मिली है। इसमें से 9 ठेके लल्लूजी एंड संस के परिवार के पास में हैं।
हालांकि 10वां ठेका हरिद्वार के वृंदावन टेंट हाउस को दिया गया था। वहीं लल्लूजी को अखाड़ों का टेंट लगाने के साथ वीआईपी (VIP) टेंट सिटी एवं बड़े इवेंट में सारी व्यवस्था देने की जिम्मेदारी भी मिली हुई थी। इस वर्ष महाकुंभ में करीब 4 लाख बल्लियां लगाई गई थीं।
अखिलेश यादव ने कहा, घटना को गंभीरता से लेने की जरूरत:
वही इस घटना के पश्चात समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि घटना को लेकर अखिलेश यादव के द्वारा यह कहा गया कि प्रयागराज में संगम क्षेत्र में लगी इस भीषण आग को सरकार के द्वारा गंभीरता से लिया जाना चाहिए तथा इसके लिए हर संभव बचाव, राहत एवं सहायता का तत्काल प्रबंध भी करना चाहिए ताकि जल्द से जल्द इसपर काबू पाया जा सके।