जुलाई महीने में जोरो शोरों से आ रहा है मॉनसून: IMD ने दी खुशखबरी, अल नीनो बनेगा तेज बारिश का मुख्य कारण?
जुलाई महीने में जोरो शोरों से आ रहा है मॉनसून

IMD Monsoon Updates:

इस चिलचिलाती हुई गर्मी में आज लाखों लोगों को गर्मी और मुसीबत का सामना कर पड़ा रहा है। किसानों को भी ऐसी गर्मी में सिंचाई के लिए अपने खेतों में पानी का इंतजार है। इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यानी की (IMD) ने अपने नए पूर्वानुमान में ये कहा है कि मॉनसून 3 जुलाई तक पूरे देश में एक बार फिर से बढ़ना शुरू करेगा और उसी के साथ साथ उत्तर-पश्चिम भारत में बरसने लगेगा। जिसमे राजधानी दिल्ली के साथ-साथ पंजाब प्रदेश और हरियाणा जैसे कृषि प्रमुख राज्य शामिल हैं। आपको खबर कर दें कि 11 जून के बाद से मॉनसून की रफ्तार काफी ज्यादा सुस्त हो चुकी है और थम सी गई है। वहीं गुरुवार को मध्य भारत के सिर्फ कुछ ही हिस्सों में यह थोड़ा सा आगे बढ़ी है।
वहीं पर अगर बात की जाए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की तो वहां के सचिव एम रविचंद्रन का कहना है की, "हमें जुलाई के पहले सप्ताह के आसपास एक अच्छी रिकवरी मिलने की उम्मीद है और जून महीने के दौरान हुई कमी उस अवधि के दौरान पूरी हो जाएगी।"

जानिए अगले 3-4 दिनों में कहां कहां होगी बारिश

आपको बता दें की अगले 3-4 दिनों के दौरान गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, गंगा के तटीय पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों के साथ साथ, उप- हिमालयी पश्चिम बंगाल के शेष बचे हुए हिस्सों, वहीं पर झारखंड के कुछ हिस्सों के साथ साथ बिहार के कुछ और हिस्सों और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मॉनसून के आगे बढ़ने की भारी उम्मीद है। वहीं पर मौसम एजेंसी ने यह भी भविष्यवाणी की है कि आने वाली 27 जून से यह उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में तेजी के साथ जोर पकड़ेगा। 
वहीं पर आईएमडी के पूर्वानुमान में कहा गया है कि, "इस दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और पश्चिमी राजस्थान को छोड़ दिया जाए तो देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश की जो गतिविधि  रहने वाली है वो सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।"

भारी बारिश होने ही खास वजह बनेगा अल नीनो

आईएमडी के मुताबिक उन्होंने ये कहा है कि वर्तमान में अल नीनो-दक्षिणी दोलन की स्थितियां भी बनी हुई हैं। देखा जाए तो अगस्त महीने के आसपास ला नीना विकसित होने की पूरी उम्मीद है। 

आइए जानते हैं आखिर क्या है अल नीनो?

आपको बता दें की अल नीनो भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र का एक चक्रीय वार्मिंग है, जो दुनिया भर के मौसम पर अपना एक व्यापक प्रभाव डालता है। भारत में देखा जाए तो यह आमतौर पर कमजोर मॉनसून के मौसम का एक अहम कारण बनता है। ला नीना इसके विपरीत एक घटना है। जिसकी वजह से भारतीय उपमहाद्वीप में बहुत ज्यादा अधिक बारिश होती है।
वहीं पर मौसम विज्ञानी एम राजीवन ने भी कहा, "मॉनसून एक बार फिर से सक्रिय हो रहा है। जुलाई के पहले सप्ताह तक मॉनसून लगभग आ जाएगा। हमें अगले 2-3 सप्ताह तक अच्छी बारिश की उम्मीद करनी चाहिए। और उन्होंने कहा कि सामान्य से अधिक मॉनसून वाली बारिश होगी। हमें अगस्त के महीने में ला नीना की वजह से सामान्य से अधिक बारिश की पूरी उम्मीद करनी चाहिए।"

जानिए कहां कहां आगे बढ़ेगा मॉनसून?

बता दें कि मॉनसून की रफ्तार लगभग पिछले नौ दिनों से एक दम रुकी हुई थी। लेकिन शनिवार तक मॉनसून की रफ्तार उत्तरी सीमा नवसारी, जलगांव, मंडला, पेंड्रा रोड, झारसुगुड़ा, बालासोर, हल्दिया, पाकुर, साहिबगंज और रक्सौल से होकर गुजरी है। इसी के चलते आईएमडी को अगले 3-4 दिनों में उत्तरी अरब सागर, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मॉनसून के आगे बढ़ने की पूरी पूरी उम्मीद है।

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