मानसून मे कैसे रहे बीमारियों से दूर: जानें मानसून में होने वाली बीमारियों और उनसे बचने के उपाय?
मानसून मे कैसे रहे बीमारियों से दूर

Health Tips: मानसून के मौसम में ठंड, जुकाम और बुखार जैसी विभिन्न बीमारियाँ सामान्य होती हैं, जो बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित करती हैं। स्थिर जल और मच्छरों के प्रजनन से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इस समय में त्वचा संबंधी समस्याएँ भी अधिक होती हैं जैसे खुजली, जलन और रूखापन। इन बीमारियों से बचाव के लिए, स्वच्छता का ध्यान रखना, मच्छर भगाने के लिए दवाओं का उपयोग करना, स्वस्थ आहार लेना और नियमित हाथ धोना महत्वपूर्ण है। समुदाय में स्वच्छता और मच्छर नियंत्रण के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी इन बीमारियों से बचाव में महत्वपूर्ण है।

मानसून में होने वाली बीमारियां और उनसे बचाव के उपाय:

1. डेंगू:

बारिश के कारण जमा हुए पानी में मच्छर पनपते हैं, जो डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलाते हैं। डेंगू में ब्लड प्लेटलेट काउंट तेजी से घट सकता है, जो गंभीर स्थितियों का कारण बन सकता है।

लक्षण- यह वायरस मच्छरों के काटने से फैलता है। इसके लक्षण में बुखार, सिरदर्द, जुकाम, चक्कर आना, खांसी, और शरीर में दर्द शामिल हो सकते हैं।

बचाव- अच्छे ड्रेनेज और फसली बागों को सुरक्षित करने से पानी जमने को रोकें। मच्छर भगाने के लिए अदेक्वेट मॉशन रिपेलेंट का उपयोग करें और खुले जगहों में मच्छर प्रभावित करने के उपाय करें।


2. मलेरिया: 

बारिश के कारण जमा हुए पानी में मच्छर पनपते हैं, जो डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलाते हैं।

लक्षण- यह भी मच्छरों के काटने से फैलता है और इसमें बुखार, शिशु या सीने में दर्द, जी मचलना, उल्टी, और थकावट शामिल हो सकती हैं।

बचाव-स्वच्छता को बढ़ावा दें, नियमित रूप से पानी जमने वाले स्थानों को सुधारें, और मच्छर नियंत्रण के लिए अदेक्वेट मच्छर रिपेलेंट का उपयोग करें।

3. त्वचा संबंधी रोग:

मानसून में त्वचा पर फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, जैसे की घमौरी, फोड़े-फुंसी, खुजली, लाल त्वचा और जलन। इन बीमारियों का मुख्य कारण त्वचा पर नमी का अधिक होना होता है, जिससे त्वचा की संतुलित रखने वाली प्राकृतिक प्रोसेसेस बिघड़ सकती हैं।

लक्षण-बारिश के मौसम में त्वचा की नमी के कारण खुजली, लालिमा, फोड़े-फुंसी और अन्य त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

बचाव-बारिश में भीगने के बाद त्वचा को अच्छी तरह से सुखा लें, स्वच्छता का ध्यान रखें और त्वचा की नमी को दूर करने के लिए उचित मॉइस्चराइजर या लोशन का उपयोग करें।

4. पेट संबंधी समस्याएं:

मानसून में बारिश और ठंडे मौसम के कारण पाचन क्रिया कमजोर हो सकती है, जिससे डायरिया, उल्टी और दस्त जैसी पेट की समस्याएं आम हो जाती हैं। इसके लिए ठंडे पानी की सेवन और स्थिर पाचन को संतुलित रखने के लिए सब्जियों, फलों, और अन्य सेहतमंद आहार का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।

लक्षण-डायरिया, उल्टी, दस्त और पाचन कमजोरी बारिश के मौसम में आम हो सकती हैं।

बचाव-स्वच्छ पानी का सेवन करें, स्वस्थ और बिल्कुल पके हुए भोजन का उपयोग करें, बाहर के खाने से बचें, और पाचन को सुधारने के लिए ताजगी से भरपूर फल और सब्जियों का सेवन करें।

इन सभी उपायों का पालन करके आप मानसून में होने वाली बीमारियों से बच सकते हैं और अपनी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं। साथ ही, अपने आसपास के लोगों को भी इन संभावित खतरों के बारे में जागरूक करे जिससे वो भी खुद को सुरक्षित रख सके।

अन्य खबरे