हिंदी दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं: कहा अगर हिंदी बोलना-समझना नहीं आता तो लोगों तक कैसे पहुंचता, जानें पूरी खबर…
हिंदी दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

14 सितंबर यानि आज राष्ट्रीय हिन्दी दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के द्वारा एक वीडियो संदेश जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने हिंदी दिवस के मौके पार सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं हैं। 

हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है राष्ट्रीय हिंदी दिवस:

आपको बता दें कि हर साल 14 सितंबर की तारीख को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। दरअसल भारत में वर्तमान में भी कई भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन हिंदी को भारतीय संविधान के द्वारा राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई है। वहीं हिंदी राजभाषा होने के चलते ही अधिकतर सरकारी कामकाज भी हिंदी में ही किए जाते हैं।

आइए जानते हैं क्या बोले पीएम मोदी:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा एक प्यारी सी वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करके हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दीं गईं। जिसमें उन्होंने लिखा कि सभी देशवासियों को राष्ट्रीय हिंदी दिवस की अनेकानेक शुभकामनाएं।

वहीं वीडियो में पीएम मोदी ने कहा कि भाषा अभिव्यक्ति का साधन होती है। जिस प्रकार जीवन में चेतना होती है, ठीक उसी प्रकार ही भाषा में भी चेतना होती है। मैं कभी कभी यह सोचता हूं कि यदि मुझे हिंदी भाषा बोलना और समझना नहीं आता तो मैं लोगों तक कैसे पहुंच पाता? अतः मुझे व्यक्तिगत रूप से भी इस हिंदी भाषा की ताकत का अंदाजा है।

हिंदी ने देखें हैं कई उतार-चढ़ाव:

वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस वर्ष का 'हिंदी दिवस' हम सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि 14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा के द्वारा हिंदी को हमारी राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। इस बार यह अपना 75वां वर्ष भी पूरा कर रहा है।

वहीं साथ में हम इस वर्ष राजभाषा की हीरक जयंती भी मनाने जा रहे हैं। राजभाषा के लिए तथा हमारे सभी राज्यों की भाषाओं हेतु हिंदी हमेशा बेहद महत्वपूर्ण रही है। हिंदी के द्वारा कई उतार-चढ़ाव देखे गए हैं। 

उन्होंने कहा कि लेकिन आज मैं इतना अवश्य कह सकता हूं कि हिंदी तथा देश की किसी भी स्थानीय भाषा के बीच अब कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है।

हिंदी सभी स्थानीय भाषाओं की मित्र है:

उन्होंने आगे कहा कि हिंदी सभी स्थानीय भाषाओं की मित्र है। अतः चाहे वह गुजराती, मराठी अथवा तेलुगु हो, हिंदी हर भाषा को ताकत देती है। 
यदि आप हिंदी के आंदोलन को बहुत ध्यान से देखेंगे तो चाहे राजगोपालाचारी हों, लाला लाजपत राय हों, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल हों अथवा नेताजी सुभाष चंद्र बोस हों यह सभी गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों से ही आते थे।

हमारी सभी भाषाओं को जोड़ने का काम करती है हिंदी:

उन्होंने आगे यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में हिंदी तथा स्थानीय भाषाओं को मजबूत करने हेतु काफी काम किया गया है। प्रधानमंत्री के द्वारा कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी में ही भाषण देकर दुनिया के सामने हिंदी के बढ़ते महत्व को सामने रखा है तथा हमारे देश में भी हमारी भाषाओं के प्रति रुचि को बढ़ाया है। 

उन्होंने नई शिक्षा नीति में भी प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में हो, इसको स्थान देकर देश की स्थानीय भाषाओं को तथा हिंदी को एक नया जीवनदान देने का काम किया है। वहीं हिंदी ही हमारी सभी भाषाओं को जोड़ने का काम भी करती है।

राजभाषा विभाग जल्द ला रहा है अनुवाद के लिए एक पोर्टल:

गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा यह भी कहा गया है कि आने वाले दिनों में राजभाषा विभाग के द्वारा आठवीं अनुसूची की हिंदी से सभी भाषाओं में अनुवाद के लिए एक पोर्टल भी लाया जा रहा है।

जिसके माध्यम से फिर चाहे वह कोई पत्र हो या फिर कोई भाषण, हम बहुत कम समय में ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके सभी भाषाओं में इसका तत्काल अनुवाद भी कर सकेंगे।

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