उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में होने वाले महाकुंभ-2025 के लिए बीते रविवार को एक बड़ा बदलाव करते हुए प्रशासन के द्वारा महाकुंभ मेले को एक नया जिला घोषित कर दिया गया है। हालांकि यह एक अस्थायी जिला होगा, जो सिर्फ 4 महीने के लिए बनाया गया है।
बता दें कि प्रयागराज के डीएम (DM) रविंद्र कुमार मांदड़ के द्वारा इस अस्थायी जनपद के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। वहीं यह पूरी तरह से एक संपूर्ण जिले की ही तरह ही कार्य करेगा। इसमें भी एक डीएम, एसएसपी (SSP) सहित सभी विभागों के पद भी सृजित किए गए हैं।
डीएम (DM) को मिलेंगे सभी प्रकार की शक्तियां तथा अधिकार:
आपको बता दें कि महाकुंभ मेला के जिलाधिकारी को भी सभी प्रकार की शक्तियां तथा अधिकार प्रदत्त किए गए हैं। यह जिला 1 दिसंबर 2024 से लेकर 31 मार्च 2025 तक के लिए बनाया गया है। बता दें कि महाकुंभ मेले का क्षेत्रफल लगभग 6 हजार हेक्टेयर है और इसमें कुल 4 तहसीलों समेत करीब 67 गांवों को भी शामिल किया गया है।
श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए लिया जाता है यह फैसला:
वैसे तो समझने वाली एक बात यह है कि सरकार के द्वारा जिस नए जिले का ऐलान किया गया है वह सिर्फ सीमित समय के लिए ही उपलब्ध होगा। दरअसल महाकुंभ का वक्त जब भी करीब आता है तो सरकार के द्वारा निर्णय लेते हुए इसे एक नया जिला घोषित कर दिया जाता है।
दरअसल श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक रहती है, ऐसे में यहां किसी शहर को बसाने जितनी मेहनत तथा इंतजाम करने पड़ते हैं। यही मुख्य कारण है कि मेला अवधि के दौरान तक महाकुंभ को एक नए जिले के रूप में घोषित कर दिया जाता है। यहां 4 नए तहसील भी बनाए गए हैं- जो कि इस प्रकार हैं: सदर, फूलपुर, सोरांव तथा
करछना।
करीब 6 करोड़ श्रद्धालुओं के जुटने का है अनुमान:
आपको बता दें कि प्रशासन के द्वारा इस महाकुंभ में मौनी अमावस्या के शाही स्नान पर्व पर तकरीबन 6 करोड़ श्रद्धालुओं के जुटने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वसंत पंचमी शाही स्नान पर्व के मौके पर लगभग 4 करोड़ तथा मकर संक्रांति शाही स्नान पर्व पर करीब 2.5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद लगाई गई है।
इस प्रकार पूरे महाकुंभ के दौरान यहां पर लगभग 40 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है। इसको ध्यान में रखते हुए ही सरकार के द्वारा सभी प्रबंध भी किए जा रहे हैं। ताकि महाकुंभ में किसी को किसी प्रकार की कोई समस्या न होने पाए।
जानते हैं कि क्या कहा प्रयागराज जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड ने:
दरअसल प्रयागराज जिले के जिलाधिकारी के द्वारा यह बताया गया है कि महाकुंभ नगर जिले की सीमा तय करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया था। वहीं कमेटी की रिपोर्ट को शासन के पास भेज दिया गया था। जिस पर सरकार की तरफ से स्वीकृति मिलने के बाद नए जिले की अधिसूचना 1 दिसंबर को जारी कर दी गई है। साथ ही यह अधिसूचना तत्काल प्रभाव से ही लागू हो गई है।
कौन होगा नए जिला का DM और क्या होंगे उसके अधिकार:
बता दें कि नए जिले में विजय किरन आनंद डीएम (DM) तथा राजेश एसएसपी (SSP) होंगे। वहीं महाकुंभ मेले के जिला कलेक्टर को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 तथा अन्य सुसंगत धाराओं के अंतर्गत ही एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट समेत जिलाधिकारी तथा अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट एवं उक्त संहिता के अधीन ही संप्रति (इन फोर्स) किसी अन्य कानून के अंतर्गत भी जिला मजिस्ट्रेट के सभी अधिकार प्राप्त होंगे।
इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 एवं उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता संशोधन अधिनियम 2016 की सभी सुसंगत धाराओं के अंतर्गत भी जिलाधिकारी के सभी अधिकारों का उपयोग करने एवं कलेक्टर के समस्त कार्य करने के अधिकार भी दे दिए गए हैं।