प्रयागराज महाकुंभ को लेकर हाई अलर्ट पर प्रशासन: बिना जांच नहीं मिलेगा प्रवेश.….वीआईपी सिक्योरिटी से लेकर एंटी ड्रोन कवच तक का किया जाएगा इस्तेमाल?
प्रयागराज महाकुंभ को लेकर हाई अलर्ट पर प्रशासन

प्रयागराज: प्रयागराज में अगले वर्ष होने वाले महाकुंभ के आयोजन को लेकर सुरक्षा की तैयारियां जोरों पर हैं। वर्तमान में दुनिया के कई देशों में चल रहे युद्ध और भारत विरोधी तत्वों की बढ़ती सक्रियता ने महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। खुफिया एजेंसियों द्वारा दी गई महत्वपूर्ण सूचनाओं के आधार पर यह सुनिश्चित किया गया है कि महाकुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को अत्यधिक कड़ा किया जाएगा। इस संदर्भ में कई अहम निर्णय लिए गए हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं, वीआईपी हस्तियों और शहर की सुरक्षा को मजबूत करना है।

कड़ी चेकिंग के साथ सीमाओं पर होगी सख्त पहरेदारी

महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में प्रवेश के लिए सख्त नियम लागू किए जाएंगे। सभी अंतरराज्यीय और अंतरजनपदीय सीमाओं पर अत्याधुनिक उपकरणों के माध्यम से लोगों, वाहनों और सामान की पूरी तरह से जांच की जाएगी। बिना चेकिंग के किसी भी व्यक्ति या वाहन को प्रयागराज में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि वर्तमान वैश्विक स्थिति और आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक की गुंजाइश नहीं रखी जा सकती।

बैठक में यह तय हुआ कि मध्य प्रदेश के सतना और रीवा जिलों समेत वाराणसी, कानपुर, लखनऊ जैसे प्रमुख जोनों के जिलों की सीमाओं पर सघन जांच की जाएगी। प्रत्येक चेकिंग प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि निगरानी और सुरक्षा की स्थिति मजबूत बनी रहे। चेकिंग प्रक्रिया अक्तूबर से ही शुरू कर दी जाएगी, जिससे कोई भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु शहर में प्रवेश न कर सके।

सुरक्षा के किए जा रहे चाक-चौबंद इंतजाम

महाकुंभ के दौरान वीआईपी और विदेशी हस्तियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। महाकुंभ में दुनिया भर से मशहूर हस्तियों और राजनयिकों के आने की संभावना है, जिसके मद्देनजर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए जा रहे हैं। एसएसपी महाकुंभ मेला राजेश द्विवेदी ने बताया कि मेला क्षेत्र में जल, थल और नभ की सुरक्षा को लेकर फूलप्रूफ प्लान तैयार किया गया है।

इस योजना के तहत स्नाइपर, एनएसजी कमांडो, कमांडो स्क्वाड, एटीएस, एसटीएफ, बीडीडीएस और स्निफर डॉग तैनात किए जाएंगे। मेला क्षेत्र, प्रमुख मंदिरों, संगम और पूरे प्रयागराज शहर में विशेष फोर्स की तैनाती की जाएगी। इसके साथ ही, ड्रोन से होने वाले खतरों से निपटने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाए जाएंगे और कई स्थानों पर बुलेटप्रूफ आउटपोस्ट स्थापित किए जाएंगे।एनएसजी कमांडो की दो टुकड़ियां और 26 एंटी सबोटाज (एएस) टीमें पूरे शहर में चेकिंग करेंगी। इसके अलावा मेला क्षेत्र में 4 एटीएस कमांडो यूनिट्स और 3 एसटीएफ यूनिट्स तैनात की जाएंगी। सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए 20 स्नाइपर, 3 स्निफर डॉग और 4 स्वॉन दल भी तैनात रहेंगे।

जगह-जगह पर बनाए जाएंगे होल्डिंग एरिया

महाकुंभ में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या पिछले आयोजनों से दोगुनी होने की उम्मीद है। पिछली बार 25 करोड़ श्रद्धालु आए थे, जबकि इस बार 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इनमें से 95% श्रद्धालु सड़क मार्ग से, 4.5% रेल मार्ग से, और 0.5% वायु मार्ग से प्रयागराज पहुंचेंगे। इतने बड़े पैमाने पर आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए शासन ने विशेष इंतजाम किए हैं।श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पड़ोसी जिलों की सीमाओं पर विशाल होल्डिंग एरिया बनाए जाएंगे। इन होल्डिंग क्षेत्रों का उद्देश्य यह है कि जब तक मेला क्षेत्र में यातायात का दबाव कम नहीं होता, तब तक श्रद्धालुओं को इन क्षेत्रों में रोका जा सके। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि होल्डिंग क्षेत्रों में पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती हो, साथ ही बिजली, पानी, शौचालय, खान-पान, चिकित्सा सेवाएं और सीसीटीवी निगरानी की सुविधाएं उपलब्ध हों।रेलवे स्टेशनों के पास भी ऐसे होल्डिंग एरिया बनाए जाएंगे ताकि रेल मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं को भी मेला क्षेत्र में प्रवेश से पहले रोका जा सके। वाहनों की पार्किंग के लिए भी विशेष व्यवस्था की जाएगी, जिससे यातायात व्यवस्था पर कोई अतिरिक्त दबाव न पड़े।

सुरक्षा एजेंसियों को एक साथ मिलकर करना होगा काम

महाकुंभ के आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय और तालमेल बेहद महत्वपूर्ण होगा। इसके लिए एक समन्वित सुरक्षा योजना बनाई जा रही है, जिसमें राज्य पुलिस, केंद्रीय एजेंसियों, खुफिया विभाग और अन्य सुरक्षा एजेंसियां एक साथ मिलकर काम कर सके।इस तरह की समग्र सुरक्षा व्यवस्था का उद्देश्य केवल संभावित खतरों से निपटना ही नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से आयोजन में शामिल होने का अनुभव प्रदान करना भी है। महाकुंभ में दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए यह सुरक्षा तैयारियां बहुत आवश्यक हैं और इन्हें सख्ती से लागू किया जाएगा ताकि महाकुंभ का आयोजन शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न हो सके।

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