गुरुग्राम: शहर के DLF क्षेत्र में अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों वाले घरों को सील करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। आज शुक्रवार को इस कार्रवाई को रोकने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (DTP) विभाग को अगले चार हफ्तों तक कोई कार्रवाई न करने का निर्देश दिया।
SC के फैसले से पहले टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (DTP) विभाग आज से यह अभियान शुरू करने वाला था जिसके तहत करीब 2500 मकानों को सील किया जाना था। इनमें से लगभग 50% घर लग्जरी कैटेगरी में आते हैं।
आज से शुरू होनी थी सीलिंग की कार्रवाई
DTP की टीम शुक्रवार को DLF में सीलिंग की कार्रवाई के लिए पहुंचने वाली थी लेकिन इससे पहले स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने रोड जाम कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। जिसके चलते DTP की टीम थाने लौट गई। कोर्ट के आदेश के बाद टीम बिना कार्रवाई किए वापस चली गई। विभाग लगभग ढाई हजार लग्जरी घरों को सील करने की तैयारी कर रहा था।
हाइकोर्ट के फैसले पर SC ने लगाई रोक
DLF फेस 3 रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के अध्यक्ष समीर पुरी की याचिका पर हाईकोर्ट ने सीलिंग के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर समीर पुरी ने कहा कि हाईकोर्ट में फैसला उनके पक्ष में आया था लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दे दिया है। वह भी सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखेंगे।
सभी घरवालों को भेजा गया था नोटिस
इस ऑपरेशन को लेकर पहले ही संबंधित घर मालिकों को नोटिस जारी किए गए थे साथ ही दो दिन तक मुनादी भी करवाई गई थी ताकि किसी को भी इसकी जानकारी में कमी न रहे। इसके बावजूद इस कदम से स्थानीय लोग काफी नाराज़ हैं।
हाइकोर्ट ने सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश
DTP विभाग के अधिकारी अमित मधोलिया ने जानकारी दी कि यह कार्रवाई पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर की जा रही है। कोर्ट ने अवैध निर्माण और नियमों के उल्लंघन को गंभीरता से लेते हुए कड़ा कदम उठाने का निर्देश दिया था।
घरों में चल रही हैं व्यावसायिक गतिविधियां
दिल्ली लैंड एंड फाइनेंस (DLF) इलाके के फेज 1 से लेकर फेज 5 तक के क्षेत्रों में यह अभियान चलाया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि इन सभी क्षेत्रों को रिहायशी क्षेत्र घोषित किया गया है जहां केवल तयशुदा स्थानों पर ही व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा सकती हैं। लेकिन बहुत से घरों में ब्यूटी पार्लर, किराने की दुकानें, मोबाइल स्टोर, रेस्तरां, पीजी और गेस्ट हाउस जैसे व्यवसाय चलाए जा रहे हैं।
2011 में दायर की गई थी याचिका
इस मुद्दे की जड़ 2011 में दाखिल उस याचिका में है जिसे DLF सिटी वेलफेयर एसोसिएशन ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर किया था। उस याचिका में आरोप लगाया गया था कि DLF में नियमों की अनदेखी करते हुए बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किया गया है जिनमें 7 से 8 मंजिला इमारतें भी शामिल हैं। साथ ही इन घरों को गैरकानूनी तरीके से व्यावसायिक उपयोग के लिए प्रयोग किया जा रहा है जिससे स्थानीय निवासियों को कई प्रकार की असुविधाएं झेलनी पड़ रही हैं।
यहां कई बॉलीवुड स्टार्स के घर हैं
दिलचस्प बात यह है कि इन इलाकों में कई बॉलीवुड स्टार्स और बड़े बिजनेसमैन की कोठियां भी हैं। इनमें अनिल कपूर, शाहरुख खान, अक्षय कुमार, अनुपम खेर, रणबीर कपूर और आलिया भट्ट जैसे नाम शामिल हैं। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों की संपत्तियों को भी नोटिस दिया गया है या नहीं।
टैक्स भरने के बाद भी ऐसी कार्रवाई क्यूँ?
स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे सालों से नगर निगम को व्यावसायिक टैक्स और DLF को मेंटेनेंस शुल्क अदा कर रहे हैं। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई होना अनुचित है। एडवोकेट सतपाल यादव, महेश, दीपक कुमार, प्रदीप सिंह, अमित यादव और रोहित यादव जैसे कई लोगों ने इस कदम का विरोध करते हुए इसे अन्यायपूर्ण बताया है।
DLF गुरुग्राम का सबसे महंगा और हाई-प्रोफाइल इलाका माना जाता है जो अपनी लग्जरी प्रॉपर्टीज और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहां कई फिल्मी सितारे और उद्योगपति निवेश के उद्देश्य से भी संपत्ति खरीदते हैं लेकिन वे यहां नियमित रूप से रहते हैं या नहीं यह कहना कठिन है।