राजधानी दिल्ली में अगले साल यानि 2025 के फरवरी माह में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के द्वारा एक बड़ा एलान किया गया है। दरअसल केजरीवाल के द्वारा बुधवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट डालकर यह बताया गया है कि वह दिल्ली में अकेले दम पर ही चुनाव लड़ेंगे।
आपको बता दें कि पहले ऐसे अनुमान लगाए जा रहे थे दिल्ली चुनाव में आप (AAP) का कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन लगभग तय हो गया है। लेकिन बुधवार की सुबह केजरीवाल के द्वारा कांग्रेस से गठबंधन को खारिज करते हुए अकेले दम पर ही चुनाव लड़ने का एलान किया गया है।
अकेले दम पर ही चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी:
दरअसल कई मीडिया सूत्रों के हवाले पहले यह खबर आ रही थी कि चुनावी गठबंधन के लिए कांग्रेस तथा आप के बीच सहमति लगभग अंतिम चरण में खड़ी है। वहीं कांग्रेस को लगभग 15 सीटें तथा अन्य आईएनडीआईए (I.N.D.I.A) गठबंधन के सदस्यों को 1 अथवा 2 सीटें भी मिल सकती है। बाकी सीटों पर आम आदमी पार्टी खुद चुनाव लड़ेगी।
लेकिन अब एक बार फिर से आप मुखिया के द्वारा चुनावी तस्वीर बिल्कुल साफ कर दी गई है कि आम आदमी पार्टी राजधानी दिल्ली में अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी। बता दें कि इंडी गठबंधन को लेकर बीते मंगलवार की रात में बड़े नेताओं के बीच एक बैठक हुई थी। इसके पश्चात ही बुधवार को केजरीवाल के द्वारा अकेले चुनाव लड़ने का यह एलान किया गया है।
आम आदमी पार्टी की 2 सूची भी हो चुकी हैं जारी:
आपको बता दें कि कि दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों द्वारा अपनी अपनी तैयारियां भी तेज कर दी गई हैं। वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) KE द्वारा बीते सोमवार यानि 9 दिसंबर को ही अपने कुल 20 उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी गई है। इससे पहले आप के द्वारा अपने कुल 11 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की गई थी।
साल 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने रचा था इतिहास:
आपको बता दें कि दिल्ली में साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में AAP यानि आम आदमी पार्टी को 70 सीटों में से कुल 67 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी (BJP) के खाते में सिर्फ 3 सीटें ही आई थीं। इसमें सबसे खास बात तो यह है कि कांग्रेस पार्टी को दिल्ली में 1 भी सीट हासिल नहीं हुई थी।
साल 2020 के चुनाव में भी आप को मिली थी कुल 62 सीटें:
इसके पश्चात साल 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को 70 में से कुल 62 सीटें मिलीं थी। जबकि 8 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के द्वारा कब्जा किया गया था। वहीं साल 2020 के चुनाव में भी कांग्रेस का एक बार फिर खाता नहीं खुला था। लेकिन अब देखना यह होगा कि यदि कांग्रेस इस बार भी चुनाव में अकेले उतरती है तो उसे कितनी सीटें मिल सकती हैं?
आम आदमी पार्टी की भी बढ़ी हैं चुनौतियां:
हालांकि इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव (साल 2025) में यह भी देखना काफी अहम होगा कि क्या आम आदमी पार्टी इस बार अपने 62 वाले आंकड़े को पार कर पाएगी अथवा एक बार फिर से नीचे की तरफ खिसक जाएगी? क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि इस चुनाव में आम आदमी पार्टी की भी चुनौतियां पहले से काफी बढ़ गई हैं। वहीं, आप की तरफ से कहा भी गया था कि इस बार आम आदमी पार्टी द्वारा 50 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की जाएगी।