दिल्ली: शहर के नागरिक ढांचे में एक बड़ा बदलाव लाने की दिशा में उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में हुई बैठक में डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) ने 8720 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक बजट पारित किया है। यह बजट दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर, हाउसिंग, खेल सुविधाओं, हरियाली और जल निकासी जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं में भारी निवेश करेगा। डीडीए का यह कदम दिल्ली को एक स्मार्ट, हरित और आधुनिक महानगर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर और आवासीय विकास को मिलेगा तेज़ी से रफ्तार
आपको बता दे कि डीडीए ने इस साल के बजट में 4140 करोड़ रुपये की पूंजीगत व्यय राशि निर्धारित की है, जो मुख्य रूप से नई सड़कों का निर्माण, पार्कों का आधुनिकीकरण, जल-निकासी प्रणालियों, स्टॉर्म वॉटर ड्रेन्स, और हरित क्षेत्र विकसित करने पर खर्च होगी। 2024-25 में आवासीय बिक्री से 4000 करोड़ रुपये की आमदनी की उम्मीद जताई गई है। खास बात यह है कि 2023-24 में डीडीए ने 3176 करोड़ रुपये की आवासीय रसीदें प्राप्त कीं, जो पिछले साल की तुलना में 132 प्रतिशत अधिक हैं। यह बढ़ता रुझान दिल्ली के आवासीय क्षेत्र में मजबूत विकास की ओर इशारा करता है।
नरेला, द्वारका और रोहिणी पर विशेष ध्यान
गौरतलब है कि डीडीए का यह बजट विशेष रूप से नरेला, द्वारका और रोहिणी जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। यहां खाली पड़ी भूमि पर भौतिक और सामाजिक अधोसंरचना का निर्माण किया जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में तेजी से विकास होगा। साथ ही, दिल्ली ग्रामोदय अभियान के तहत नवशहरीकृत गांवों में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 357 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
यमुना को किया जाएगा साफ, मिलेगा नया जीवन!
इस बजट में दिल्ली की शान यमुना को फिर से जीवंत करने के लिए ₹82 करोड़ खर्च किए जाएंगे। असीता ईस्ट, बांसरा और वासुदेव घाट को इको-पर्यटन केंद्र में बदलने की तैयारी है। यह दिल्ली की हवा और पर्यावरण दोनों के लिए बड़ा कदम साबित होगा
जल निकासी और वर्षा जल संचयन में निवेश
दिल्ली में जल-निकासी की समस्या को हल करने के लिए इस बजट में 145 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसके अंतर्गत किराड़ी ट्रंक ड्रेन और द्वारका-रोहिणी जल निकासी परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा, जल पुनर्चक्रण और उपचारित जल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए भी 23.50 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
भूमि नीतियों में बदलाव, कर्मचारियों के लिए आवास
आपको बता दे कि डीडीए ने लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड रूपांतरण दरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि की है। साथ ही, विकसित क्षेत्रों में भूखंडों और फ्लैट्स की पूर्व निर्धारित दरें भी 10 प्रतिशत बढ़ा दी गई हैं। यह बदलाव दिल्ली के संपत्ति बाजार को और अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाएगा। इसके अलावा, मिंटो रोड पर स्थित 1.41 हेक्टेयर भूमि को जिला पार्क से आवासीय क्षेत्र में परिवर्तित कर एमसीडी के कर्मचारियों के क्वार्टर बनाए जाएंगे।
झुग्गी पुनर्विकास और सामाजिक समावेश
झुग्गी पुनर्विकास योजनाओं के लिए 35 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे दिल्ली के झुग्गी-बस्तियों को सुरक्षित और आधुनिक आवास उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, कड़कड़डूमा में 22 मंजिला आवासीय परियोजना के तहत वन बीएचके और टू बीएचके फ्लैटों का निर्माण अंतिम चरण में है।
स्मार्ट सिटी और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
डीडीए ने इस साल आत्मनिर्भरता की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। लाइसेंस शुल्क से 1000 करोड़ रुपये के संग्रह का लक्ष्य रखा गया है, जबकि इस साल 3000 करोड़ रुपये के अधिशेष की संभावना जताई गई है। यह बजट दिल्ली के स्मार्ट सिटी विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा, जो दिल्ली को बेहतर और सस्टेनेबल भविष्य की दिशा में अग्रसर करेगा।
क्या है डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) और इसके कार्य:
गौरतलब है कि डीडीए दिल्ली का शहरी विकास प्राधिकरण है, जो शहर के बुनियादी ढांचे का निर्माण, भूमि उपयोग नीति और आवासीय योजनाओं को लागू करता है। इसकी स्थापना 1957 में हुई थी, और इसका उद्देश्य दिल्ली में सड़कों, पार्कों, जल-निकासी, आवासीय योजनाओं और अन्य सुविधाओं का विकास करना है। डीडीए झुग्गी पुनर्विकास, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और हरित क्षेत्र के विकास के लिए भी काम करता है।
यह डीडीए का 8720 करोड़ रुपये का बजट दिल्ली के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह बजट सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि दिल्ली के शहरी रूपांतरण के लिए एक मजबूत कदम है। नरेला से द्वारका तक, दिल्ली के हर कोने में बड़े बदलाव होंगे, जो इसे एक स्मार्ट, हरित और समृद्ध महानगर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।