भाजपा को मिलने वाला है नया राष्ट्रीय अध्यक्ष!: पीएम मोदी की हाईलेवल मीटिंग के बाद बढ़ी हलचल, इन राज्यों में भी बदले जा सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष?
भाजपा को मिलने वाला है नया राष्ट्रीय अध्यक्ष!

नई दिल्ली: भाजपा के भीतर सियासी हलचलें अब तेज़ हो चुकी हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष बदलने की पटकथा लिखी जा चुकी है, बस मंच सजा है और किरदार की घोषणा बाकी है। बीते बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर हुई हाई-प्रोफाइल बैठक में भाजपा के शीर्ष चेहरे जुटे और पार्टी के ‘नए सेनापति’ को लेकर बड़ा मंथन हुआ।

 शाह-राजनाथ संग संतोष, सत्ता की रणनीति का खाका तैयार! 

बैठक में शामिल हुए गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संगठन के सबसे ताकतवर नाम बीएल संतोष। सूत्र बताते हैं कि यह बैठक सिर्फ औपचारिक नहीं थी, बल्कि भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है।

 एक हफ्ते में बदल सकता है भाजपा का चेहरा!

पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगले 7 दिनों में भाजपा का नया अध्यक्ष सामने आ सकता है। इसकी आधिकारिक घोषणा किसी भी दिन हो सकती है। इसके साथ ही कर्नाटक, यूपी, बंगाल, एमपी जैसे बड़े राज्यों के अध्यक्ष भी बदले जा सकते हैं।

 राज्यों से लेकर केंद्र तक, फुल रीस्ट्रक्चरिंग मोड में भाजपा!

मोदी-शाह की जोड़ी अब 2024 के बाद के मिशन को लेकर पूरी तरह एक्टिव है। सिर्फ नाम नहीं, नीयत और नीति भी बदली जा रही है। संगठन को नए चेहरों के साथ अधिक धार और तेजी देने की तैयारी है। 2-3 दिन में 6 राज्यों में नए अध्यक्षों की घोषणा भी लगभग तय मानी जा रही है।

 जनवरी में होना था अध्यक्ष का चुनाव, अब क्यों देरी?

जनवरी में प्रस्तावित चुनाव अब अप्रैल के अंत में पहुंच चुका है। देरी की असल वजह क्या है? सूत्र बताते हैं कि नेतृत्व को लेकर पार्टी भीतर गहन मंथन चल रहा था। भाजपा एक ऐसा चेहरा चाहती है जो संगठन को ना केवल 2029 तक ले जाए, बल्कि नयी पीढ़ी को भी जोड़ सके।

 क्या नड्डा की पारी खत्म? या अब भी है एक चांस?

जेपी नड्डा का कार्यकाल पहले ही एक्सटेंड हो चुका है, लेकिन अब उनका भविष्य अधर में है। जब तक नया अध्यक्ष सामने नहीं आता, नड्डा कार्यकारी रूप से बने रहेंगे। लेकिन यह साफ है कि अब भाजपा नया चेहरा लाने का मन बना चुकी है।

 तो क्या बदलाव से बदलेगी पार्टी की चाल?

भाजपा का ये संगठनात्मक फेरबदल सीधे चुनावी रणनीति से जुड़ा है। 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद पार्टी अब 2029 के टारगेट की ओर देख रही है। ऐसे में अध्यक्ष पद की बागडोर किसी ऐसे नेता को सौंपी जाएगी जो आक्रामक हो, विश्वसनीय हो और सांगठनिक ताकत से भरपूर हो।

 मोदी का मिशन 2029? 

पीएम मोदी का फोकस अब 2024 से आगे बढ़ चुका है। उनका अगला मिशन है — 2029 में पार्टी की तीसरी लाइन को स्थापित करना। इसके लिए संगठन में ‘Silent but Strong’ बदलाव शुरू हो चुके हैं। अब देखना ये है कि भाजपा का अगला कप्तान कौन होगा? और क्या ये बदलाव राज्यों की सियासत को भी हिला देंगे?

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