आकाश आनंद की बसपा में वापसी: अब पार्टी के निर्देशों का पालन...जानें पार्टी से निष्कासित होने से लेकर पुनः वापसी तक के संभावित कारण?
आकाश आनंद की बसपा में वापसी

राजनीति: बहुजन समाज पार्टी यानि बसपा से निकाले गए आकाश आनंद के द्वारा 41 दिन बाद पार्टी की मुखिया अर्थात अपनी बुआ मायावती से सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली गई है। उन्होंने फिर से उनकी पार्टी मे काम करने की इच्छा जाहिर की है तथा कहा है कि पार्टी हित में अब वह अपने रिश्ते-नातों खासकर अपने ससुराल पक्ष को भी नहीं सुनेंगे।आकाश आनंद के माफी मांगने के करीब ढाई घंटे पश्चात मायावती के द्वारा भी उन्हें माफ करके पार्टी में वापसी करके एक मौका और देने की घोषणा की गई है। आपको बता दें कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर मायावती के द्वारा उन्हें बीती 3 मार्च को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

मायावती ने किया आकाश आनंद को माफ:

गौरतलब है कि आकाश आनंद के द्वारा बीते रविवार की शाम को 5 बजकर 56 मिनट पर सोशल मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर मायावती से माफी मांगी गई थी, वहीं इसके करीब ढाई घंटे पश्चात यानि 8 बजकर 23 मिनट पर मायावती के द्वारा एक्स पर उन्हें माफ करने की घोषणा की गई है।

मायावती को अपना एकमात्र राजनीतिक गुरु तथा आदर्श मानता हूं: आकाश आनंद

आकाश आनंद के द्वारा प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी किए गए बयान में कहा गया कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की 4 बार की मुख्यमंत्री एवं कई बार राज्यसभा व लोकसभा की सदस्य रही मायावती को मैं दिल से अपना एकमात्र राजनीतिक गुरु तथा अपना आदर्श मानता हूं। आपको बता दें कि उन्होंने कुछ दिनों पहले किए गए अपने एक ट्वीट के लिए भी बसपा मुखिया मायावती से माफी मांगी है तथा कहा है इसी ट्वीट की वजह से बहन जी के द्वारा मुझे पार्टी से निकाल दिया गया है।

अब किसी नाते-रिश्तेदार से भी नहीं लूंगा कोई सलाह: आकाश

आकाश आनंद ने यह भी कहा है कि मैं आगे से इस बात को बिल्कुल सुनिश्चित करूंगा कि मैं अपने किसी भी राजनीतिक फैसले के लिए अपने किसी भी नाते-रिश्तेदार एवं सलाहकार से कोई सलाह मशविरा नहीं लूंगा, सिर्फ बहन जी के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का ही पालन करूंगा। मैं हमेशा पार्टी में बड़ों की तथा पुराने लोगों की भी इज्जत करूंगा एवं उनके अनुभवों से भी काफी कुछ सीखने की कोशिश करूंगा। 

उन्होंने आगे कहा कि मेरी बहन जी से अपील है कि वह मेरी सभी गलतियों को माफ करके मुझे एक बार फिर से पार्टी में कार्य करने का मौका दें और इसके लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूंगा। साथ ही मैं अब आगे ऐसी कोई भी गलती नहीं करूंगा, जिससे पार्टी तथा बहन जी के आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान को ठेस पहुंचे।

मायावती ने आकाश को एक और मौका देने की कही बात:

आकाश आनंद के इस ट्वीट के पश्चात बसपा प्रमुख मायावती ने प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है कि आकाश के द्वारा एक्स पर सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानने एवं वरिष्ठ लोगों को पूरा आदर-सम्मान देने के साथ ही अपने ससुर की बातों में नहीं आने की बात लिखी गई है।इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आकाश की इस ट्वीट के बाद और उनके द्वारा माफी मांगने के साथ साथ बसपा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने के मद्देनजर ही इस बार आकाश आनंद को एक मौका और दिए जाने का निर्णय़ लिया गया है।

पार्टी का उत्तराधिकारी बनने वाले प्रश्न का भी दिया जवाब:

हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक मैं पूरी तरह से स्वस्थ्य रहूंगी मेरे उत्तराधिकारी बनने का कोई भी प्रश्न नहीं उठता है। आकाश के ससुर की गलतियां बिल्कुल अक्षम्य हैं, उन्होंने गुटबाजी तथा पार्टी विरोधी गतिविधियों के साथ-साथ आकाश आनंद के करियर को भी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसलिए उनके माफ करने का कोई भी सवाल पैदा नहीं होता है।

आकाश 2 मार्च को हटाए गए थे कई पदों से:

आपको बता दें कि मायावती के द्वारा आकाश आनंद को पार्टी से निकालने से पहले बीती 2 मार्च को पार्टी में सभी पदों से हटा दिया गया था। उससे पहले मायावती ने आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को भी अपनी पार्टी से निकाल दिया था। उन्होंने कहा था कि अब आकाश को भी उनके ससुर की तरह ही पार्टी एवं आंदोलन के हित में निष्कासित किया गया है।

गौरतलब है कि आकाश आनंद को वर्ष 2019 में बसपा पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक बनाया गया था। इसके पश्चात वर्ष 2023 में मायावती के द्वारा उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया गया था। लेकिन बाद में उन्होंने पद से हटाने के साथ ही पार्टी से भी निकाल दिया गया था।

इन कारणों की वजह से आकाश को किया गया था पार्टी से बाहर:

1)अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के साथ मिलकर कर रहे थे गुटबाजी:

गौरतलब है कि इससे पहले मायावती ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बताया था और पार्टी की अहम जिम्मेदारी उन्हें सौंपी थी। लेकिन बाद में उनके बीच दरार आ गई थी, इसकी मुख्य वजह बने थे अशोक सिद्धार्थ। 

आपको बता दें पार्टी प्रमुख मायावती के द्वारा आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ पर एक बड़ा आरोप लगाया गया था कि अशोक पार्टी में गुटबाजी कर रहे थे तथा पार्टी को कमजोर करने की साजिश रच रहे थे। 
उन्होंने ही भतीजे आकाश आनंद का कैरियर बिल्कुल बर्बाद कर दिया। अशोक सिद्धार्थ को निकालना पड़ा था मगर, आकाश आनंद पर अशोक सिद्धार्थ की बेटी एवं आकाश आनंद की पत्नी का प्रभाव था जो पार्टी के हित में नहीं था।

मायावती ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि दक्षिणी राज्यों के प्रभारी डॉ अशोक सिद्धार्थ चेतावनी के बावजूद भी वह गुटबाजी में लगे थे। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने एवं उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में देश में पार्टी को 2 गुटों में बांटकर इसे कमजोर करने का अति घिनौना काम किया गया है। जो कतई बर्दाश्त करने लायक नहीं है। 

2)पार्टी को नहीं हुआ कोई चुनावी फायदा:

वहीं अगर दूसरे कारण की बात करें तो साल 2021 में मायावती के द्वारा आकाश आनंद को बीएसपी का राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाया गया था। हालांकि ट्विटर पर असरदार मौजूदगी एवं उनकी आक्रामक भाषण शैली के द्वारा उन्हें युवाओं में लोकप्रिय तो बनाया था लेकिन आकाश BSP की आक्रामकता को समझने में एवं अपनी बुआ के पैंतरे को समझने में 'नासमझ' साबित हुए।

दर्द साल 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान तथा तेलंगाना विधानसभा चुनावों में मायावती के द्वारा उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी। हालाकि, चुनाव के परिणाम निराशाजनक रहे, लेकिन उनकी मेहनत को नोटिस किया गया था। 

इसी प्रकार राजस्थान में पार्टी के द्वारा 184 सीटों पर चुनाव लड़ा गया और मात्र 2 सीटों पर जीत हासिल की तथा BSP का वोट शेयर 2 प्रतिशत गिरकर 1.81% रह गया था। वहीं आकाश आनंद को हरियाणा चुनाव में प्रभारी बनाया गया था, फिर दिल्ली का प्रभारी बनाया गया था, मगर पार्टी वहां भी कुछ कर नहीं पाई थी। 

3)पार्टी के “किताब सिस्टम” को चैलेंज कर रहे थे आकाश आनंद:

आपको बता दें कि आकाश आनंद बहुजन समाज पार्टी के "किताब सिस्टम" को लगातार चैलेंज कर रहे थे और पिछले कई अलग-अलग राज्यों के चुनाव के दौरान उन्होंने इस "किताब सिस्टम" का कार्यकर्ताओं के सामने विरोध भी कर दिया था, जो पार्टी के वरिष्ठ एवं परंपरागत नेताओं को चैलेंज करने जैसा ही था।

एक तरफ चुनावी नाकामी दूसरी तरफ "किताब सिस्टम" का विरोध, पार्टी के भीतर आकाश के काम करने के तौर तरीकों पर मायावती के करीबी नेता सवाल उठाने लगे थे, और मायावती का सब्र भी जवाब दे रहा था. जिसके बाद अब यह निर्णय लिया गया है।

4)आकाश आनंद ने किया था ट्वीट:

वहीं एक अन्य कारण की बात करें तो कहीं न कहीं इसमें आकाश की ट्वीट भी काफी जिम्मेदार है। दरअसल बसपा से सभी जिम्मेदारियों से मुक्त होने के बाद आकाश आनंद के द्वारा एक्स पर पोस्ट करके  कहा गया था कि मैं परमपूज्य आदरणीय बहन कु. मायावती का कैडर हूं, तथा उनके नेतृत्व में मैंने त्याग, निष्ठा एवं समर्पण के कभी ना भूलने वाले सबक सीखे हैं। यह सब मेरे लिए केवल एक विचार ही नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य हैं।

उन्होंने लिखा कि आदरणीय बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के समान है और मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं तथा उस फैसले के साथ खड़ा हूं। आदरणीय बहन कु. मायावती के द्वारा मुझे पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का निर्णय मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक है, लेकिन साथ ही मेरे लिए अब एक बड़ी चुनौती भी है, परीक्षा कठिन है तथा लड़ाई लंबी है। 

मायावती ने ट्वीट को बताया था अहंकारी:

हालांकि इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती के द्वारा एक्स पर पोस्ट करके लिखा गया कि जब आकाश आनंद को सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, तो उन्हें पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी चाहिए थी लेकिन इसके विपरीत आकाश के द्वारा जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी गई है वह उसके पछतावे अथवा राजनीतिक मैच्युरिटी का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी एवं गैर-मिशनरी है, जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ ही दण्डित भी करती रही हूँ।उन्होंने आगे लिखा था कि "अतः परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान मूवमेन्ट के हित में और मान्यवर कांशीराम की अनुशासन की परम्परा को निभाते हुए अब आकाश आनन्द को उनके ससुर की तरह हीपार्टी व मूवमेन्ट के हित में पार्टी से निष्कासित किया जाता है।

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