मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न हुई नोएडा प्राधिकरण की 215वीं बोर्ड बैठक: जमीन अधिग्रहण समेत को-डेवलपर के चयन जैसे लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय... जानें पूरी खबर विस्तार से
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न हुई नोएडा प्राधिकरण की 215वीं बोर्ड बैठक


गौतम बुद्ध नगर: उत्तर प्रदेश में नोएडा प्राधिकरण की 215वीं बोर्ड बैठक आज यानि शनिवार को नोएडा सभागार में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन होने के नाते की अध्यक्षता में जिले के तीनों प्राधिकरणों की सीईओ की मौजूदगी यथा एम लोकेश, एनजी रविकुमार और डॉ अरुणवीर सिंह वही प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर की ऑनलाइन उपस्थिति के साथ गौतम बुद्ध नगर डीएम मनीष कुमार की उपस्थिति में सम्पन्न हुई।

बोर्ड बैठक में शामिल रहे कई बड़े अधिकारी:

आपको बता दें कि बोर्ड बैठक में तीनों प्राधिकरण के बड़े अधिकारियों समेत कई अन्य सदस्य भी शामिल रहे। आइए जानते हैं कुछ बड़े अधिकारियों के नाम:

1) अनिल कुमार सागर (प्रमुख सचिव औद्योगिक)
2)लोकेश एम (मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा प्राधिकरण) 
3)रविकुमार एन.जी (मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण)
4)अरूणवीर सिंह (मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण)
5)मनीष वर्मा (जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर)

जानते हैं बोर्ड बैठक में लिये गये कुछ महत्वपूर्ण निर्णयों का संक्षिप्त विवरण

दरअसल बैठक में कुल 27 प्रस्तावों को रखा गया था। इन सभी प्रस्तावों पर बड़े स्तर पर चर्चा भी हुई। बैठक में नया शहर (DNGIR) हेतु जमीन अधिग्रहण करने के लिए भी कहा गया है। बता दें कि यह शहर करीब 209 वर्ग किमी में बसाया जाएगा।

अमिताभ कांत समिति की प्रगति रिपोर्ट को देखा गया

आपको बता दें कि बैठक में अमिताभ कांत समिति की सिफारिश के अंतर्गत बिल्डरो को दी गई राहत पैकेज के बारे में भी प्रगति रिपोर्ट को देखा गया। साथ ही बताया गया कि 22 अक्टूबर 2024 की तारीख तक कुल 1643 रजिस्ट्रियां कराई गई थी। वहीं जिन बिल्डरों के द्वारा 25 प्रतिशत पैसा जमा करने के लिए अपनी हामी भरी गई है उनसे पूरा पैसा लेकर जल्द ही शेष रजिस्ट्री कराई जाए। वहीं सभी फ्लैट बायर्स को मालिकाना हक तथा शासन को स्टाम्प ड्यूटी के माध्यम से राजस्व मिले।

10 प्रतिशत जमा करनी होगी रजिस्ट्री:

दरअसल इसके लिए रेरा अधिनियम, 2016 के अंतर्गत मौजूद सेक्शन 13 को भी अनुमोदित किया गया है। इसके अंतर्गत बायर्स बिल्डर को फ्लैट की पूरी कीमत का कुल 10 प्रतिशत राशि देकर बिल्डर के द्वारा प्रॉपर्टी की वैल्यू के अनुसार ही स्टाम्प ड्यूटी पे करते हुए एग्रीमेंट-टू-सेल अथवा बिल्डर बायर एग्रीमेंट एक्सक्यूट करके उप निबंधन कार्यालय में रजिस्ट्री भी कराएगा। 

इसके पश्चात ओसी जारी होने के बाद में बिल्डर के द्वारा फ्लैट बायर्स की सूची के साथ साथ रजिस्टर्ड एग्रीमेंट-टू-सेल अथवा बिल्डर बायर एग्रीमेंट की प्रति भी साथ में प्रस्तुत की जायेगी।

आपको बता दें कि प्राधिकरण के द्वारा बिल्डर तथा फ्लैट बायर के पक्ष में एk त्रिपक्षीय लीड डीड भी की जाएगी। इसके पश्चात बायर्स को फ्लैट अथवा दुकान पर कब्जा दे दिया जाएगा। यह नया नियम ग्रुप हाउसिंग के लिए भी लागू किया गया है।

मैसर्स निबंस प्रोजेक्ट लिमिटेड को सह - डेवलपर किया गया आवंटित:

दरअसल शासनादेश 21 दिसंबर 2023 के क्लाज 9, 20 तथा 21(V) के अंतर्गत आवंटियों के अनुरोध पर ही भूखंड संख्या GH-01/C सेक्टर-168 नोएडा के आवंटी बिल्डर मैसर्स सनवर्ड रेजिडेंसी प्राइवेट लिमिटेड परियोजना को पूरा करने हेतु मैसर्स निबंस प्रोजेक्ट लिमिटेड को सह डेवलपर तथा भूखण्ड संख्या GH-01, सेक्टर-115 की परियोजना में मैसर्स थीम काउंटी प्राइवेट लिमिटेड को डेवलपर नियुक्त किया गया है। इससे न सिर्फ परियोजनाएं पूर्ण करके फ्लैट बायर्स को फ्लैट मिलेंगे, बल्कि प्राधिकरण को भी बकाया मिले सकेगा।

करीब 1578 करोड़ रुपए वापसी हेतु जारी हुआ अंतिम नोटिस:

वहीं प्राधिकरण संपत्तियों पर पेट्रोल पंप तथा बैंक किराए पर संचालित हो रही है। बता दें कि किराए के एवज में इन पर तकरीबन 1578.14 करोड़ रुपए का बकाया है। ऐसे में सभी डिफॉल्ट को अंतिम नोटिस जारी करते हुए बकाया वापस करने के लिए भी कहा गया है, अन्यथा किसी भी स्थिति में बिल्डिंग सील करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

डेटा सेंटर की जगह पर IT / ITES:

राष्ट्रीय तथा बहु राष्ट्रीय कंपनियों के द्वारा आईटी / आईटीईएस के भूमि-उपयोग भूखंड संख्या 02/09 सेक्टर-154, क्षेत्रफल 14867 वर्गमीटर तथा भूखंड संख्या 02/11 सेक्टर 154, क्षेत्रफल 14247 को डाटा सेंटर हेतु आवंटित करने के लिए 2 बार योजना निकाली गई है। लेकिन 1 बार भी कंपनी नहीं आई। ऐसे में दोबारा से IT/ ITES उपयोग करके दोनों भूखंड का अब आवंटन किया जाएगा।

कार्यरत कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा दिलाए जाने वाली नीति पर लिया गया निर्णय:

इसके अतिरिक्त नोएडा प्राधिकरण में श्रम शाक्ति आपूर्तिकर्ता के जरिए से कार्यरत कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा दिलाए जाने के सम्बन्ध में प्राधिकरण के द्वारा एक नीति बनाने एवं तदानुसार कर्मचारियों को उस नीति के अंर्तगत सभी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय भी लिया गया। वहीं दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (DNGIR) में जमीन अधिग्रहण को जल्द प्रारंभ करने के निर्देश दिये गये हैं।

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