सुपरटेक टाउनशिप प्रॉजेक्ट की दिवालिया प्रक्रिया पर लगी रोक: 7 दिनों में सौंपेगा वित्तीय प्लान, 21 अगस्त को होगी अगली सुनवाई, जानें पूरी खबर विस्तार से…
सुपरटेक टाउनशिप प्रॉजेक्ट की दिवालिया प्रक्रिया पर लगी रोक

नोएडा: सुपरटेक ने 7 दिनों के भीतर ही पंजाब एंड सिंध बैंक के साथ अपने सभी वित्तीय लेन देन से संबंधित विवाद को समाप्त करने का एक प्रस्ताव NCLAT अर्थात नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल में दिया है। जिसके बाद NCLAT के द्वारा सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट के खिलाफ चलने वाली दिवालिया कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है। 

बता दे कि NCLAT में यह आवेदन कंपनी के निलंबित निदेशकों की तरफ से किया गया था। जिसका प्रतिनिधित्व सुपरटेक के MD R.K. आरोड़ा कर रहे थे। हालांकि  21 अगस्त को इसकी अगली सुनवाई होगी।

216 करोड़ रुपए बकाया का दिया प्रस्ताव:

दरअसल NCLT के द्वारा पिछले सप्ताह कुल 216 करोड़ रुपए के बकाया के संबंध में ही पंजाब एंड सिंध बैंक की याचिका को स्वीकार कर लिया गया था। जिसके बाद ही सुपरटेक के द्वारा NCLAT में अपनी याचिका दायर की गई थी। वहां सुपरटेक ने यह कहा था कि बकाया वापस करने के लिए 7 दिनों के भीतर ही एक उचित योजना बनाकर पंजाब एंड सिंध बैंक को सौंप दी जाएगी।

परियोजना का खाका किया गया प्रस्तुत:

डेवलपर के द्वारा यह बताया गया है कि YEIDA के सेक्टर 22D में स्थित लोटस सिटी परियोजना में करीब 75% विकास कार्य तो पहले ही पूरा किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त शासन की तरफ से हाल ही में शुरू की गई शून्य नीति योजना का लाभ भी कंपनी उठाएगी। जो उसको सेटलमेंट प्रक्रिया में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। 

दरअसल सुपरटेक टाउनशिप को यह परियोजना विकसित करने के लिए वर्ष 2011 में कुल 100 एकड़ की जमीन आवंटित की गई थी। लेकिन यह परियोजना फिलहाल अधूरी है, जिसमें तकरीबन 3,200 घर खरीदार भी शामिल हैं।

होम बायर्स के द्वारा किया गया समर्थन:

वहीं घर खरीदारों के एक समूह के वकील के द्वारा भी विकास की इस प्रस्तावित योजना हेतु अपना समर्थन व्यक्त किया गया है। इसके बाद NCLAT ने अपनी अगली सुनवाई 21 अगस्त के लिए निर्धारित कर दी है।

दरअसल पंजाब एंड सिंध बैंक के द्वारा पिछले वर्ष सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के खिलाफ कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने हेतु NCLT से संपर्क किया गया था तथा याचिका में यह बताया था कि सुपरटेक ने उनको तय समय अर्थात 30 जून, 2023 तक 216 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है।

1499 करोड़ रुपए का है प्रोजेक्ट:

आपको बताते चले कि जिस प्रोजेक्ट के लिए पैसा दिया गया है उस परियोजना की लागत करीब 1499.97 करोड़ रुपए आंकी गई थी। जिसमें 453.04 करोड़ रुपए के प्रमोटर, 340 करोड़ रुपए टर्म लोन तथा 706.93 करोड़ रुपए एडवांस बुकिंग से आयेंगे। 

वहीं अग्रिम बुकिंग के द्वारा इसे वित्त पोषित करने का प्रस्ताव है। बता दें कि बैंक ने परियोजना के आंशिक वित्तपोषण हेतु करीब 140 करोड़ रुपए का लोन दिया था। NCLT ने 12 जुलाई को बैंक की याचिका स्वीकार की थी तथा एक IRP नियुक्त किया गया था।

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