नोएडा: नोएडा के थाना सेक्टर-113 क्षेत्र में पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है जहां से अमेरिकी नागरिकों के साथ बड़े पैमाने पर ठगी की जा रही थी। इस ऑपरेशन में पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनमें 4 महिलाएं शामिल हैं। छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में लैपटॉप, राउटर, मोबाइल फोन, हेडफोन, फर्जी दस्तावेज, इंटरनेट मीडिया कन्वर्टर और अन्य उपकरण जब्त किए गए।
ठगी का तरीका
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे अमेरिकी नागरिकों के कंप्यूटर सिस्टम में बग डालते थे जिससे उनका सिस्टम सही तरीके से काम नहीं करता था। इसके बाद एक पॉपअप मैसेज के जरिए उन्हें सूचित किया जाता कि उनके कंप्यूटर में समस्या है। इन संदेशों में मदद के लिए एक लिंक या नंबर दिया जाता था जिसे देखकर नागरिक संपर्क करते।
जब अमेरिकी नागरिक मदद के लिए दिए गए नंबर पर कॉल करते तो आरोपी आईवीआर कॉलिंग (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स) के जरिए उनसे जुड़ जाते। इस दौरान आरोपी एक्सलाइट और वीसीडॉयल जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हुए उनके सिस्टम का एक्सेस प्राप्त कर लेते।
एक बार नागरिकों का विश्वास जीतने के बाद वे उन्हें यह कहकर गिफ्ट कार्ड या क्रिप्टोकरेंसी (जैसे बिटकॉइन) के जरिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए राजी कर लेते थे कि उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। यह ठगी इतनी चतुराई से की जाती थी कि नागरिकों को तब तक पता नहीं चलता था जब तक वे पूरी तरह ठगे नहीं जाते।
डार्क वेब से डेटा की खरीदारी
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि वे डार्क वेब से अमेरिकी नागरिकों का संवेदनशील डेटा खरीदते थे। इस डेटा में नागरिकों के नाम, संपर्क विवरण और बैंकिंग जानकारी शामिल होती थी। इस डेटा का इस्तेमाल करके वे उन्हें निशाना बनाते थे। पुलिस का मानना है कि इस नेटवर्क के जरिए अब तक 150 से अधिक नागरिकों को ठगा जा चुका है।
हवाला के जरिए भारत लाते थे पैसा
आरोपी गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टोकरेंसी के रूप में पैसे लेते थे। इन डिजिटल माध्यमों से अर्जित धन को हवाला नेटवर्क के जरिए भारत लाया जाता था। पुलिस ने इस हवाला नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है और इसमें शामिल अन्य आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार करने की योजना बनाई जा रही है।
पहले देहरादून में चल रहा था कॉल सेंटर
नोएडा में यह कॉल सेंटर पिछले 25 दिनों से चल रहा था। इससे पहले आरोपी देहरादून में इसी तरह का कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे। वहां भी अमेरिकी नागरिकों को ठगने की वारदातें अंजाम दी गईं। इस मामले में एक अन्य आरोपी विवेक मित्तल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
पकड़े गए आरोपियों में अधिकांश नार्थ इस्ट के युवक-युवतिया
गिरफ्तार आरोपियों में ज्यादातर नॉर्थ-ईस्ट के युवक और युवतियां हैं। पुलिस ने बताया कि इन लोगों को इसलिए चुना गया क्योंकि उनकी अंग्रेजी बोलने का तरीका और उच्चारण अमेरिकी नागरिकों से मेल खाता है जिससे वे आसानी से उनका विश्वास जीत लेते थे।
बड़ा नेटवर्क होने की आशंका
पुलिस अब आरोपियों के पास से बरामद किए गए लैपटॉप और अन्य उपकरणों का विश्लेषण कर रही है। यह जांच की जाएगी कि उन्होंने किन-किन नागरिकों से संपर्क किया और कितना डेटा उनके पास मौजूद है। इसके अलावा पुलिस हवाला नेटवर्क के अन्य लिंक और डार्क वेब के जरिए डेटा खरीदने वाले सूत्रों की भी जांच कर रही है।
पुलिस को संदेह है कि यह ठगी सिर्फ इन आरोपियों तक सीमित नहीं है बल्कि इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। जल्द ही इस नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।