चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राजेश खुल्लर को एक बार फिर से बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने उन्हें 21 अहम विभागों का इंचार्ज बनाया है। अब राजेश खुल्लर CMO के ओवरऑल इंचार्ज के रूप में काम करेंगे। उनके जिम्मे आबकारी एवं कराधान, वित्त, राजस्व, स्वास्थ्य, गृह, उद्योग, जनसंपर्क, सिंचाई और नगर एवं ग्राम नियोजन जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं। इन विभागों की फाइलें बिना उनकी मंजूरी के आगे नहीं बढ़ेंगी।
खुल्लर को विधायी कार्य भी देखने को कहा गया है। इसमें नए कानून बनाने से जुड़े प्रस्तावों की समीक्षा और अध्यादेश जारी करने जैसे काम शामिल हैं। इसके साथ ही सीएम के प्रधान सचिव अरुण गुप्ता को भी 9 अन्य अहम विभागों की जिम्मेदारी दी गई है।
सीएमओ के अन्य अधिकारियों की जिम्मेदारी
1. प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता:
इन्हें 9 विभागों की जिम्मेदारी दी गई है जिनमें सिविल एविएशन, वन, पर्यावरण, खाद्य आपूर्ति, खनन, परिवहन, शहरी स्थानीय निकाय, सहकारिता और सीएम घोषणाओं से जुड़े कार्य शामिल हैं। ये सभी विभाग राज्य के बुनियादी ढांचे और सेवाओं से जुड़े हैं।
2. अतिरिक्त प्रधान सचिव साकेत कुमार:
साकेत कुमार के पास कृषि, पशुपालन, पंचायत, चुनाव, सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण, महिला एवं बाल विकास और सीएम विंडो के तहत विभागों की परफॉरमेंस देखने की जिम्मेदारी है।
3. उप प्रधान सचिव यशपाल:
यशपाल को उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, खेल, हेरिटेज और टूरिज्म, प्रिंटिंग और स्टेशनरी जैसे विभाग सौंपे गए हैं। ये विभाग राज्य की शिक्षा और सांस्कृतिक विकास से जुड़े हैं।
4. ओएसडी सुधांशु गौतम:
सुधांशु गौतम के जिम्मे सरकारी आवास आवंटन, सीएम घोषणाओं का अनुपालन, सीएम राहत कोष, हरियाणा रिलीफ फंड (HRDF), एचआरएमएस, और ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी हैं।
5. ओएसडी राकेश संधु और विवेक कालिया:
ये दोनों सीएम विंडो और जन संवाद से जुड़ी शिकायतों के समाधान के लिए काम करेंगे। उनकी जिम्मेदारी आम जनता की शिकायतों को सुचारू रूप से निपटाने की होगी।
राजेश खुल्लर का अनुभव और कद
राजेश खुल्लर 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वे लंबे समय तक हरियाणा में प्रशासनिक सेवाओं में रहे और कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। 2014 में जब हरियाणा में भाजपा सरकार बनी तो वे तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मुख्य प्रधान सचिव बने। 2023 में रिटायरमेंट के तुरंत बाद उन्हें फिर से CMO में चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (CPS) नियुक्त किया गया।
खुल्लर का प्रभावशाली करियर:
35 साल के अपने करियर में खुल्लर ने कई अहम प्रशासनिक भूमिकाएं निभाईं। वे कई जिलों में डिप्टी कमिश्नर (DC) रहे। इसके अलावा वे गृह सचिव, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के सचिव, जेल विभाग के प्रमुख और आपराधिक न्याय विभाग के सचिव भी रह चुके हैं। उन्होंने सरकारी कामकाज को ज्यादा पारदर्शी और जनहितैषी बनाने में अहम भूमिका निभाई।
खुल्लर के पावर सेंटर बनने के प्रमुख कारण
1. लंबा प्रशासनिक अनुभव:
राजेश खुल्लर ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पद संभाले हैं। वे कई जिलों में डीसी रहे, जहां उन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया। इसके अलावा वे कई विभागों के प्रमुख रहे जिससे उन्हें व्यापक प्रशासनिक अनुभव मिला।
2. बड़े सुधारों की पहल:
हरियाणा में सरकारी भर्ती, ट्रांसफर और जमीन उपयोग बदलाव (CLU) जैसे कामों को डिजिटल और पारदर्शी बनाने में खुल्लर की अहम भूमिका रही है। इससे पहले ये प्रक्रियाएं पर्ची सिस्टम पर आधारित थीं जो भ्रष्टाचार के लिए बदनाम थीं। खुल्लर ने इसे खत्म कर कंप्यूटराइज्ड सिस्टम लागू किया।
3. पारदर्शिता और जवाबदेही:
खुल्लर ने सीएमओ में काम करते हुए जनता और कर्मचारियों के लिए सरकारी सेवाओं को सरल और पारदर्शी बनाया। उदाहरण के लिए अब किसी को बीपीएल राशन कार्ड बनवाने या ट्रांसफर के लिए किसी अधिकारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। सब कुछ ऑनलाइन और ट्रांसपेरेंट तरीके से होता है।
राजेश खुल्लर का प्रशासनिक करियर और सुधारात्मक दृष्टिकोण उन्हें हरियाणा सरकार के लिए एक अमूल्य संसाधन बनाते हैं। उनकी नियुक्ति सरकार की प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों ही जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।