पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने 3 पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड: जाति पूछकर दलित युवक के साथ मारपीट के आरोप के चलते गिरी गाज?
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने 3 पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड

गौतम बुद्ध नगर जिले के सेंट्रल नोएडा में एक कार चालक के द्वारा गाड़ी नहीं रोकी जाने पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी चालक पर आग बबूला हो गए जिसके बाद उन्होंने ड्राइवर समेत सभी कार सवार युवकों को अपनी गाड़ी में बैठाकर सीधा चौकी ले आए।

 बताया गया है कि वहां पर पुलिस ने उनके साथ जमकर मारपीट की जिसका एक ऑडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

युवकों के द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि पहले तो उनसे जाति पूछी गई जिसके बाद उन्हें पीटा गया। इस दौरान युवकों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों ने उनसे 30,000 रुपए भी लिए हैं जिसके बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने तत्काल एक्शन लेते हुए आरोपी तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर जांच के आदेश जारी।

घटना का ऑडियो आया सामने:

दरअसल यह घटना बीते रविवार की है। जिसके बाद पुलिस कर्मियों पर लक्ष्मी सिंह के द्वारा कार्रवाई करने का मामला भी सामने आया। बता दें कि मामले में ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार तथा सिपाही रविन्द्र कुमार एवं आशीष तोमर को तत्काल रूप से एक्शन लेते हुए सस्पेंड कर दिया गया है।

आपको बता दें कि पुलिस और अन्य के साथ मारपीट से संबंधित एक ऑडियो भी इंटरनेट पर काफी वायरल है जो सामने आया है। जिसमें कई प्रकार की आवाजें सुनाई दे रही हैं। जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि पुलिस के द्वारा युवकों के साथ मारपीट की जा रही है।

हमें लगा कि किसी और गाड़ी को वह रुकवा रहे हैं:

दरअसल इकोटेक-3 थाना क्षेत्र में हल्द्वानी के रहने वाले कुलदीप गौतम, हरीश गौतम, अमन गौतम तथा अर्जुन कबीरा अपनी गाड़ी पर रविवार को सूरजपुर की तरफ से कहीं जा रहे थे। 

उन्होंने बताया कि हल्द्वानी मोड़ पर ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल के द्वारा गाड़ी रोकने का इशारा किया गया, लेकिन उन्हें लगा कि वह हमारी नहीं बल्कि बगल वाली गाड़ी को रुकवा रहे हैं।

चाभी छीनकर शुरू कर दी मारपीट:

युवकों ने बताया कि हमें यह अनुमान नहीं होने के कारण हम थोड़ा सा वहां से आगे निकल गए। लेकिन जैसे ही हम आगे निकले तभी तुरंत पुलिसकर्मी के द्वारा पीछे से आकर हमारी गाड़ी को रोक दिया गया। 

गाड़ी रोकने के तुरंत बाद ही उन्होंने गाड़ी की चाभी हमसे छीन ली तथा हम लोगों के साथ मारपीट करनी भी शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने अपने अन्य पुलिस कर्मियों को भी वहां पर बुला लिया।

हमने कहा कि चालान कर दो लेकिन गाली मत दो:

उस दौरान हमने पुलिसकर्मियों से यह भी कहा कि हम अपनी गलती मान रहे हैं। इसलिए आप हमारी गाड़ी का चालान कर दो किंतु हम लोगों के साथ गाली गलौज मत करिए। लेकिन वह नहीं रुके। इसके बाद हम लोगों ने अपने फोन के द्वारा वीडियो बनाने की कोशिश भी की।

इस दौरान उन लोगों ने हमारा फोन भी छीन लिया। इसके पश्चात वह हम लोगों को गाड़ी में बैठकर चौकी लेकर चले गए। पीड़ितों ने यह आरोप भी लगाया है कि उन लोगों के द्वारा पहले तो हमारी जाति पूछी गई तथा इसके बाद हमारे साथ और अधिक मारपीट की गई। हमें बहुत बुरी तरह से मारा गया।

हमारी गलती का लिखवा लिया लेटर:

पीड़ित हरीश ने यह भी बताया है उन पुलिस कर्मियों के द्वारा हम लोगों से मारपीट करने के बाद एक लेटर भी लिखवा लिया गया जिसमे हमारी पूरी गलती ही दिखाई जा रही थी। फिर इस पूरे मामले को रफा-दफा करने के लिए हमसे कुल 50,000 रुपए मांगे गए।

युवकों ने बताया कि इसके बाद हमने उनको जैसे-तैसे करके 30 हजार रुपए दे दिए ताकि मामला शांत हो जाए। इतना सबकुछ होने के बावजूद भी पुलिस कर्मियों के द्वारा हमारी गाड़ी का कुल 14,500 का चालान भी कर दिया गया।

ट्वीट करने के बाद सभी पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई:

दरअसल पुलिस कर्मियों के द्वारा युवकों के साथ मारपीट करने के बाद सभी युवकों के शरीर पर भी चोट के काफी निशान आ गए हैं। पीड़ितों ने वहां से निकलने के पश्चात इस पूरी घटना को लेकर ट्वीट कर दिया तथा आला अधिकारियों से इस घटना की शिकायत भी कर दी। 

उनके ट्वीट को अधिकारियों के द्वारा संज्ञान में लिया गया। जिसके बाद घटना में शामिल कुल 3 पुलिस कर्मियों को तत्काल रूप से सस्पेंड कर दिया गया। साथ ही इस मामले में विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए।

DCP सुनीति सिंह ने यह है बताया कि गाड़ी न रोकें जाने पर ट्रैफिक पुलिस कर्मियों का कार सवारों से कुछ विवाद हुआ था। जिले बाद ही यह प्रकरण हुआ। उन्होंने बताया की फिलहाल इस मामले को संज्ञान लेने के बाद 3 पुलिसकर्मियों को हमारे द्वारा सस्पेंड कर दिया गया है तथा विभागीय जांच कराने का आदेश दिया गया है।

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